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US: बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन पर साधा निशाना, अमेरिकियों से बोले- यह काले दिन हैं, फिर से उठो...
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन।
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 27 Oct 2025 12:43 PM IST
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सार
US: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका में घटती अभिव्यक्ति की आजादी और डोनाल्ड ट्रंप की बढ़ती शक्तियों पर चिंता जताते हुए इन दिनों को 'काले दिन' कहा। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा से बोलने की आजादी और लोकतंत्र का प्रतीक रहा है और कठिन समय में भी देश फिर से मजबूती से खड़ा होगा।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन
- फोटो : एक्स/जो बाइडन
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विस्तार
डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडन ने अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शक्ति की सीमाओं की जांच पर प्रतिक्रिया दी है। पूर्व राष्ट्रपति ने इन दिनों को 'काले दिन' करार दिया और अमेरिकियों से कहा कि वे आशावादी बने रहें और हताश न हों।
उन्होंने कहा, 'दुनिया के इतिहास में अपनी स्थापना के समय से ही अमेरिका शक्तिशाली विचार का प्रतीक रहा है। यह विचार किसी भी सेना से मजबूत है। हम किसी भी तानाशाह से अधिक ताकतवर हैं।' प्रोस्टेट कैंसर के लिए रेडिएशन थेरेपी पूरी करने के बाद बाइडन (82 वर्षीय) ने पहला सार्वजनिक भाषण दिया। उन्होंने रविवार रात (स्थानीय समयानुसार) बोस्टन में एडवर्ड एम. कैनेडी इंस्टीट्यूट से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया।
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उन्होंने कहा, अमेरिका ऐसे राष्ट्रपति पर निर्भर करता है, जिसकी शक्ति सीमित हो, एक काम करने वाली कांग्रेस हो और न्यापालिका स्वतंत्र हो। उन्होंने कहा कि संघीय सरकार अपने दूसरे सबसे लंबे शटडाउन का सामना कर रही है। लेकिन ट्रंप ने इसे भी सत्ता पर नई पकड़ बनाने के लिए इस्तेमाल किया।
बाइडन ने कहा, दोस्तों, मैं इसे छिपा नहीं सकता। ये काले दिन हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की कि देश फिर से अपनी सही दिशा पाएगा और जैसा हमेशा होता आया है। अगर हम भरोसा बनाए रखते हैं, तो एक मजबूत, समझदार और अधिक लचीला, अधिक न्यायपूर्ण अमेरिका उभरेगा।
बाइडन ने उन लोगों के उदाहरण भी दिए, जो मौजूदा प्रशासन से धमकियों के बावजूद अपने अधिकारों के लिए खड़े हुए हैं। उन्होंने उन संघीय कर्मचारियों का जिक्र किया, जिन्होंने विरोध में इस्तीफा दिया। उन्होंने उन विश्वविद्यालयों और हास्य कलाकारों का भी जिक्र किया, जिन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के निशाने का सामना किया।
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बाइडन ने उन निर्वाचित रिपब्लिकन पदाधिकारियों की भी सराहना की, जो ट्रंप प्रशासन के खिलाफ वोट करते हैं या खुलकर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, अमेरिका कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। पिछले ढाई सौ वर्षों से यह खतरे और संभावनाओं के बीच निरंतर संघर्ष कर रहा है। उन्होंने अपने भाषण को लोगों से कहकर समाप्त किया- फिर से उठो।
बाइडन ने जनवरी में एक कार्यकाल पूरा करने के बाद राष्ट्रपति पद छोड़ा। उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ने की कोशिश तब छोड़ दी थी, जब ट्रंप के साथ एक खराब बहस और उम्र, स्वास्थ्य और मानसिक फिटनेस को लेकर दबाव बढ़ गया। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने तुरंत चुनाव लड़ने की घोषणा की, लेकिन वह पिछले नवंबर में ट्रंप से हार गईं।
उन्होंने कहा, 'दुनिया के इतिहास में अपनी स्थापना के समय से ही अमेरिका शक्तिशाली विचार का प्रतीक रहा है। यह विचार किसी भी सेना से मजबूत है। हम किसी भी तानाशाह से अधिक ताकतवर हैं।' प्रोस्टेट कैंसर के लिए रेडिएशन थेरेपी पूरी करने के बाद बाइडन (82 वर्षीय) ने पहला सार्वजनिक भाषण दिया। उन्होंने रविवार रात (स्थानीय समयानुसार) बोस्टन में एडवर्ड एम. कैनेडी इंस्टीट्यूट से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया।
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उन्होंने कहा, अमेरिका ऐसे राष्ट्रपति पर निर्भर करता है, जिसकी शक्ति सीमित हो, एक काम करने वाली कांग्रेस हो और न्यापालिका स्वतंत्र हो। उन्होंने कहा कि संघीय सरकार अपने दूसरे सबसे लंबे शटडाउन का सामना कर रही है। लेकिन ट्रंप ने इसे भी सत्ता पर नई पकड़ बनाने के लिए इस्तेमाल किया।
बाइडन ने कहा, दोस्तों, मैं इसे छिपा नहीं सकता। ये काले दिन हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की कि देश फिर से अपनी सही दिशा पाएगा और जैसा हमेशा होता आया है। अगर हम भरोसा बनाए रखते हैं, तो एक मजबूत, समझदार और अधिक लचीला, अधिक न्यायपूर्ण अमेरिका उभरेगा।
बाइडन ने उन लोगों के उदाहरण भी दिए, जो मौजूदा प्रशासन से धमकियों के बावजूद अपने अधिकारों के लिए खड़े हुए हैं। उन्होंने उन संघीय कर्मचारियों का जिक्र किया, जिन्होंने विरोध में इस्तीफा दिया। उन्होंने उन विश्वविद्यालयों और हास्य कलाकारों का भी जिक्र किया, जिन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के निशाने का सामना किया।
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बाइडन ने उन निर्वाचित रिपब्लिकन पदाधिकारियों की भी सराहना की, जो ट्रंप प्रशासन के खिलाफ वोट करते हैं या खुलकर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, अमेरिका कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। पिछले ढाई सौ वर्षों से यह खतरे और संभावनाओं के बीच निरंतर संघर्ष कर रहा है। उन्होंने अपने भाषण को लोगों से कहकर समाप्त किया- फिर से उठो।
बाइडन ने जनवरी में एक कार्यकाल पूरा करने के बाद राष्ट्रपति पद छोड़ा। उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ने की कोशिश तब छोड़ दी थी, जब ट्रंप के साथ एक खराब बहस और उम्र, स्वास्थ्य और मानसिक फिटनेस को लेकर दबाव बढ़ गया। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने तुरंत चुनाव लड़ने की घोषणा की, लेकिन वह पिछले नवंबर में ट्रंप से हार गईं।