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China : हुबेई के पूर्व गवर्नर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित, जानें क्यों हुई इतनी बड़ी कार्रवाई

एजेंसी, बीजिंग। Published by: Jeet Kumar Updated Sun, 02 Oct 2022 01:04 AM IST
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सार

जांच में पता चला कि पूर्व गवर्नर  काओ ने सत्ता का उपयोग व्यक्तिगत हित में किया और पैसा कमाया। नियमों का उल्लंघन कर उन्होंने न्यायिक मामलों में भी हस्तक्षेप किया। 

Former governor of Hubei expelled from the Communist Party of China for corruption
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Social media

विस्तार
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मध्य चीन के हुबेई प्रांत के पूर्व गवर्नर काओ गुआंगजिंग को भ्रष्टाचार के आरोप में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) और अन्य सार्वजनिक कार्यालयों से निष्कासित कर दिया गया है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें पार्टी अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन के आरोप में निष्कासित किया गया है। सीपीसी की 20वीं कांग्रेस से पहले कुछ माह से चल रहे उच्चस्तरीय सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई के क्रम की यह ताजा कड़ी है।

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चीनी मीडिया के मुताबिक, काओ सत्ताधारी पार्टी की प्रांतीय सरकार के पार्टी सदस्यों के समूह में भी रहे हैं। जांच में पता चला कि काओ ने आदर्श छोड़कर राजनीतिक अटकलें लगानी शुरू कर दीं। अपने खिलाफ जांच शुरू करने का भी उन्होंने विरोध किया। पार्टी के आठ सूत्रीय मितव्ययिता निर्देशों का उल्लंघन कर चाओ ने उपहार और पैसा स्वीकार किया। 
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उन्होंने कई पार्टियों और दौरों का भी लुत्फ उठाया और बदले में अपने लाभ पहुंचाया। पार्टी ने कहा, काओ ने सत्ता का उपयोग व्यक्तिगत हित में किया और पैसा कमाया। नियमों का उल्लंघन कर उन्होंने न्यायिक मामलों में भी हस्तक्षेप किया। 

इससे पूर्व, भ्रष्टाचार विरोधी कई अभियान चलाने वाले देश के पूर्व न्याय मंत्री फू झेनघुआ को पिछले हफ्ते रिश्वत लेने के आरोप में जेल भेज दिया गया था। 1.17 करोड़ युआन रिश्वत लेने के आरोप में उन्हें दो साल विलंबित मौत की सजा सुनाई गई थी।

विरोध दबाने के लिए इंटरनेट पर पूरा नियंत्रण चाहते हैं जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग विरोध की आवाज दबाने के लिए इंटरनेट पर पूरा नियंत्रण चाहते हैं, जो सीपीसी की सत्ता के लिए खतरा हो सकता है। शी ‘स्मार्ट गवर्नेंस’ की ओर बढ़ रहे हैं, जिसका अर्थ है कि वह सामाजिक और राजनीतिक नियंत्रण से भी ऊपर होंगे। 

‘स्मार्ट गवर्नेंस’ साइबरस्पेस प्रशासनिक कार्य में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और क्लाउड कंप्यूटिंग आदि से संबंधित है, जिसके अंतिम उद्देश्य तकनीकी से एआई प्रशासन में हस्तांतरण है। हिंद-प्रशांत रणनीतिक संचार केंद्र के शोधकर्ता विनु धारुनेश जे. का कहना है कि दुनिया की बड़ी सैन्य शक्ति साइबर सुरक्षा पर नियंत्रण कर उस खतरे से निपटाना चाहती है, जो है ही नहीं।

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