सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   France and Saudi Arabia came forward for Israel-Palestine ceasefire, Macron said this

Israeli-Palestinian Row: इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष विराम के लिए आगे आए फ्रांस और सऊदी अरब, मैक्रों ने कही ये बात

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पेरिस Published by: बशु जैन Updated Wed, 03 Sep 2025 06:27 AM IST
सार

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि मैंने अभी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से बात की है। हम दोनों मिलकर 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में द्वि-राज्य समाधान पर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा कि फलस्तीनी अधिकारियों को वीजा न देने का अमेरिकी फैसला अस्वीकार्य है।

विज्ञापन
France and Saudi Arabia came forward for Israel-Palestine ceasefire, Macron said this
इमैनुएल मैक्रों - फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष विराम के लिए फ्रांस और सऊदी अरब आगे आए हैं। दोनों देश 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में इस्राइल-फलस्तीनी संघर्ष के द्वि-राज्य समाधान पर एक हाई-प्रोफाइल सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन उद्देश्य क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है। वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका से फलस्तीन अधिकारियों को वीजा देने से इनकार करने के फैसले को वापस लेने की मांग की।
Trending Videos


फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि मैंने अभी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से बात की है। हम दोनों मिलकर 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में द्वि-राज्य समाधान पर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा कि फलस्तीनी अधिकारियों को वीजा न देने का अमेरिकी फैसला अस्वीकार्य है। हम इस फैसले को वापस लेने और अमेरिका के समझौते के अनुसार फलस्तीनी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की मांग करते हैं। हमारा उद्देश्य स्पष्ट है। द्वि-राज्य समाधान के लिए व्यापकतम अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना।
विज्ञापन
विज्ञापन


मैक्रों ने सम्मेलन की प्रमुख प्राथमिकताएं भी बताईं। उन्होंने कहा कि इसमें स्थायी युद्धविराम लागू करना, सभी बंधकों की रिहाई, गाजा में बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता पहुंचाना और गाजा पट्टी में एक स्थिरीकरण मिशन की तैनाती शामिल है। उन्होंने शांति सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसमें हमास को निरस्त्र करना और उसे गाजा के शासन से बाहर करना, फलस्तीनी प्राधिकरण में सुधार और उसे मजबूत करना और गाजा पट्टी का पूर्ण पुनर्निर्माण शामिल है।

मैक्रों ने आगे कहा कि इसके लिए एक स्थायी युद्धविराम लागू करना, सभी बंधकों की रिहाई, गाजा के लोगों को बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता पहुंचाना और गाजा में एक स्थिरीकरण मिशन की तैनाती आवश्यक होगी। हम यह भी सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि अगले दिन हमास को निरस्त्र कर दिया जाए और गाजा के किसी भी शासन से बाहर कर दिया जाए। फलस्तीनी प्राधिकरण में सुधार और उसे मजबूत किया जाए और गाजा पट्टी का पूरी तरह से पुनर्निर्माण किया जाए। कोई भी आक्रमण, कब्जा करने का प्रयास या आबादी का जबरन विस्थापन उस गति को पटरी से नहीं उतार पाएगा जो हमने क्राउन प्रिंस के साथ मिलकर बनाई है। 

यह घोषणा गाजा में मानवीय संकट को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच हुई है। इस्राइल के सैन्य विस्तार के बाद और भी बदतर हो गया है। मैक्रों उन पहले कुछ पश्चिमी विश्व नेताओं में से एक थे जिन्होंने कहा कि उनका देश औपचारिक रूप से फलस्तीन राज्य को मान्यता देगा। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, पुर्तगाल और यूनाइटेड किंगडम के नेता भी फलस्तीन राज्य को मान्यता देने के लिए तैयार हुए। अब बेल्जियम ने भी फलस्तीन राज्य को मान्यता देने और इस्राइल पर कड़े प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed