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France: अमेरिका पर दिए बयान पर अड़े फ्रांस के राष्ट्रपति, कहा- साथी होने का मतलब 'जागीरदार' होना नहीं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नीदरलैंड Published by: काव्या मिश्रा Updated Thu, 13 Apr 2023 09:40 AM IST
सार

मैक्रों दो दिनों के नीदरलैंड्स दौरे पर गए हुए हैं। यहां उन्होंने कहा कि सहयोगी देश होने का मतलब जागीरदार होना नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि हम अपने बारे में सोचना बंद कर देगें।

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French President Macron said being a US ally did not mean being a vassal
इमैनुअल मैक्रों (फाइल फोटो) - फोटो : Facebook
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में ताइवान पर दिए अपने बयान का बचाव किया है। उन्होंने पिछले दिनों चीन दौरे के खत्म होने के बाद फ्रांस को अमेरिका और चीन के बीच होने वाले टकराव में फंसने से बचने की सलाह दी थी मैंक्रो के इस बयान को लेकर उनकी काफी आलोचना हुई है। लेकिन मैंक्रो अपनी बात पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका का साथी होने का मतलब 'जागीरदार' होना नहीं है।

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नीदरलैंड्स दौरे पर मैक्रों

बता दें, मैक्रों दो दिनों के नीदरलैंड्स दौरे पर गए हुए हैं। यहां उन्होंने कहा कि सहयोगी देश होने का मतलब जागीरदार होना नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि हम अपने बारे में सोचना बंद कर देगें। उन्होंने एक बार फिर कहा कि ताइवान की यथास्थिति पर फ्रांस के समर्थन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। साथ ही उनका देश वन चाइना पॉलिसी का समर्थक है मगर चाहता है कि स्थिति का शांतिपूर्ण निवारण हो। 

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चीन की चाटुकारिता का आरोप

मैक्रों के इस बयान के बाद बुधवार को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन पर चीन के साथ साठगांठ करने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने कहा था कि मेरे मित्र मैक्रों आजकल चीन की चाटुकारिता में लगे हैं। लेकिन मैंक्रो का कहना है कि उन्हें इन टिप्पणियों का जवाब देने की जरूरत नहीं है।

व्हाइट हाउस ने नहीं दी तवज्जो

व्हाइट हाउस ने फ्रांस के राष्ट्रपति की तरफ से दिए गए बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। व्हाइट हाउस का कहना है कि बाइडेन प्रशासन, फ्रांस के साथ शानदार द्विपक्षीय संबंधों में सहज है और इन संबंधों पर उसे भरोसा है। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी मैक्रों के बयान पर इसी तरह का रुख अपनाया है। हालांकि, ताइवान के एक सीनियर अधिकारी मैक्रों की टिप्पणी पर हैरान हैं। सोशल मीडिया पर ताइवानी संसद के स्पीकर के संसद अध्यक्ष यू सी-कुन ने फ्रांस के 'स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व' के आदर्श वाक्य का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, 'क्या 'लिबर्टी, एगलिट, फ्रेटरनाइट' फैशन से बाहर हैं?'

चीन ने की तारीफ

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मैक्रों की टिप्पणियों से पता चलता है कि ताइवान और चीन के बीच बढ़ती चिंताओं के लिए अमेरिका दोषी है। साथ ही उनका बयान यूरोपियन यूनियन के लिए चीन के साथ एक कठोर रुख अपनाने में मुश्किलें पैदा करने वाला है। इस बीच चीन ने मैक्रों की टिप्पणी की तारीफ की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि कुछ देश हैं जो बाकी देशों को आजाद और आत्मनिर्भर नहीं देखना चाहते हैं। ऐसे देश बाकी देशों को उनकी इच्छा का पालन करने के लिए मजबूर करते रहते हैं।

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