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Report: प्राचीन दाई परंपरा बन रही मातृत्व संकट का हल, युगांडा से US तक क्रांतिकारी बदलाव की कहानी बनी उम्मीद

अमर उजाला नेटवर्क, वॉशिंगटन/कम्पाला Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Sun, 03 Aug 2025 05:13 AM IST
सार

नेशनल ज्योग्राफिक की रिपोर्ट बताती है कि युगांडा के ग्रामीण अंचलों से लेकर अमेरिका के शहरी अस्पतालों तक, दाई प्रणाली फिर से अपने पैरों पर खड़ी हो रही है। जबकि, आधुनिक अस्पतालों और तकनीक से लैस प्रसव केंद्रों के बावजूद मातृत्व मृत्यु दर चिंताजनक बनी हुई है। 

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From Uganda to US midwifery re-emerging new hope for maternal crisis
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Freepik
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विस्तार
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आज जब आधुनिक अस्पतालों और तकनीक से लैस प्रसव केंद्रों के बावजूद दुनियाभर में मातृत्व मृत्यु दर चिंताजनक बनी हुई है, एक पुरातन प्रणाली दाई प्रथा चुपचाप एक नई उम्मीद बनकर उभर रही है।

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नेशनल ज्योग्राफिक की रिपोर्ट बताती है कि युगांडा के ग्रामीण अंचलों से लेकर अमेरिका के शहरी अस्पतालों तक, दाई प्रणाली फिर से अपने पैरों पर खड़ी हो रही है। मिडवाइफरी की व्यवस्थापक कैटलिन कार्सलन ने कहा, उत्तरी युगांडा के एक गांव से सुबह 5 बजे फोन आता है, महिला प्रसव पीड़ा में है। फोन येल विवि से जुड़े मदर हेल्थ इंटरनेशनल (एमएचआई) में उठाया गया और मात्र 40 से 45 मिनट में एक मोटरसाइकिल, एक दाई और एक टीम, सब कुछ तैयार होता है। न कोई भागमभाग, न अनावश्यक ऑपरेशन। थोड़ी देर बाद उस महिला के सीने पर उसकी नवजात बेटी होती है बिल्कुल सुरक्षित।
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तो क्या अमेरिका सीख सकता है युगांडा से
रिपोर्ट बताती है अमेरिका में प्रतिवर्ष 700 महिलाएं प्रसव के दौरान या उसके बाद मर जाती हैं यह विकसित देशों में सबसे अधिक है। ऐसे में उम्मीद है कि अमेरिका युगांडा से नसीहत ले।

अमेरिका में दाई मॉडल वापसी की मांग
अमेरिका में मातृत्व सेवाएं गहरे संकट में हैं। ऐसे में अब विशेषज्ञ दाई केंद्रित मॉडल को पुनर्जीवित करने की वकालत कर रहे हैं। यह काफी उपयोगी है।

नस्ली असमानता से उपजा अविश्वास
अमेरिका में अश्वेत स्त्रियों की पीड़ा को कम आंका जाता है। उन्हें पर्याप्त सूचना नहीं दी जाती या उनकी सहमति के बिना निर्णय लिए जाते हैं। यह असमानता से उपजा अविश्वास है।

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प्राचीन परंपरा, आधुनिक समाधान
दाई प्रथा का उल्लेख सबसे पुराने ग्रंथों में मिलता है। अमेरिका में भी ग्रैनी मिडवाइव्स वे अश्वेत दाइयां जो गुलामी के दौर में भी नवजात शिशुओं को जन्म दिलाती थीं, एक मजबूत स्तंभ थीं। लेकिन 19वीं सदी के अंत में अस्पताल-आधारित प्रसव ने इस परंपरा को लगभग समाप्त कर दिया।

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