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G4 FM Meet: जी-4 देशों ने यूएनएससी में सुधार की दोहराई मांग, विकासशील देशों की बड़ी भागीदारी पर भी दिया जोर

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क Published by: पवन पांडेय Updated Sat, 27 Sep 2025 09:33 AM IST
सार

G4 Foreign Ministers Meeting: न्यूयॉर्क में यूएनजीए के 80वें सत्र के दौरान भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान (जी4) के विदेश मंत्रियों ने यूएनएससी में जल्द सुधार की मांग की। इस दौरान कहा गया कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए सुरक्षा परिषद का स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार जरूरी है।

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G4 Foreign Ministers Meeting, S. Jaishankar, Takeshi Iwaya, Johann Wadephul and Mauro Vieira in New York
न्यूयॉर्क में जी4 विदेश मंत्रियों की बैठक - फोटो : X @DrSJaishankar
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विस्तार
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भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र के दौरान मुलाकात कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार की तत्काल जरूरत पर जोर दिया। इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, जर्मनी के फेडरल विदेश मंत्री डॉ. जोहान वेडफुल और जापान के विदेश मंत्री इवाया ताकेशी शामिल हुए।
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'लगातार अस्थिर हो रही है अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था'
जी-4 देशों ने कहा कि मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था लगातार अस्थिर हो रही है और यूएनएससी अपने दायित्वों को ठीक से निभाने में नाकाम साबित हो रही है। ऐसे में सुरक्षा परिषद में सुधार बेहद जरूरी है ताकि यह मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों को सही ढंग से दर्शा सके और अधिक प्रतिनिधित्व, वैधता और प्रभावशीलता सुनिश्चित कर सके।

विकासशील देशों की बड़ी भागीदारी पर जोर
विदेश मंत्रियों ने साफ किया कि यूएनएससी का विस्तार स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में होना चाहिए। उन्होंने अफ्रीका, एशिया-प्रशांत, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों को उचित जगह देने पर जोर दिया। चारों देशों ने अफ्रीकी देशों की संयुक्त मांग, जिसे इजुल्विनी कंसेंसस और सिर्टे घोषणा में दर्ज किया गया है, के प्रति अपना मजबूत समर्थन दोहराया।

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'एक-दूसरे के स्थायी सदस्य बनने की उम्मीदवारी का करेंगे समर्थन'
इस मुलाकात में यह भी तय हुआ कि जी4 देश एक-दूसरे के स्थायी सदस्य बनने की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे। साथ ही, ये देश अन्य समूहों के साथ मिलकर एक ठोस मॉडल तैयार करने के लिए काम करेंगे जिससे पाठ-आधारित वार्ता आगे बढ़ सके। मंत्रियों ने यह भी कहा कि यूएनएससी सुधार पर चर्चा सिर्फ इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएशंस (आईजीएन) तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे अन्य मंचों पर भी उठाया जाएगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से 80वें महासभा सत्र के दौरान इस मुद्दे पर सक्रिय भागीदारी की अपील की।
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