{"_id":"68b0662bbf3f2aa1d406198b","slug":"india-china-relations-consensus-reached-border-dispute-chinese-army-says-we-establish-peace-together-2025-08-28","type":"story","status":"publish","title_hn":"India China Relations: भारत-चीन सीमा विवाद पर बनी सहमति, चीनी सेना बोली- हम साथ मिलकर शांति स्थापित करेंगे","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
India China Relations: भारत-चीन सीमा विवाद पर बनी सहमति, चीनी सेना बोली- हम साथ मिलकर शांति स्थापित करेंगे
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 28 Aug 2025 07:52 PM IST
सार
भारत और चीन ने दिल्ली में हुई 24वीं दौर की सीमा वार्ता में 10 सूत्रीय सहमति बनाई। वार्ता में एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सीमा विवाद पर स्पष्ट और रचनात्मक बातचीत की। चीनी सेना ने कहा कि दोनों देशों को सीमा क्षेत्रों में मिलकर शांति बनाए रखनी चाहिए।
विज्ञापन
एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री
- फोटो : PTI
विज्ञापन
विस्तार
भारत और चीन ने हाल ही में हुई सीमा वार्ता में 10 सूत्रीय सहमति बनाकर यह संकेत दिया है कि दोनों देश अब सीमा इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए गंभीर हैं। चीनी सेना ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन को संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की रक्षा करनी चाहिए। यह बयान 19 अगस्त को दिल्ली में हुई 24वीं दौर की सीमा वार्ता के बाद सामने आया।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच सीमा विवाद पर लंबी चर्चा हुई। इस बातचीत में दोनों पक्षों ने स्पष्ट और रचनात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने कहा कि वार्ता का माहौल सकारात्मक और रचनात्मक रहा और इसमें कई महत्वपूर्ण सहमतियां बनीं।
सीमा प्रबंधन के लिए संयुक्त तंत्र
वार्ता के बाद दोनों देशों ने सहमति जताई कि सीमा प्रबंधन और नियंत्रण के लिए मौजूदा तंत्र का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत राजनयिक और सैन्य चैनलों को सक्रिय रखने का निर्णय लिया गया। झांग ने कहा कि इस बार की बातचीत के परिणाम बताते हैं कि दोनों देश मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने और सीमा क्षेत्रों को स्थिर बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
ये भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले में बड़ा खुलासा, NIA ने बताया क्यों बायसरन घाटी को ही बनाया गया निशाना?
रिश्तों में सकारात्मक माहौल की बात
इस वर्ष भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे हो रहे हैं। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि यह अवसर दोनों देशों के रिश्तों को सकारात्मक दिशा में ले जाने का है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन जैसे दो बड़े देशों और पड़ोसियों के लिए परस्पर सम्मान, आपसी भरोसे, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और साझा विकास के आधार पर आगे बढ़ना बेहद जरूरी है।
ये भी पढ़ें- मतभेद के बीच ईरानी राजदूत ऑस्ट्रेलिया से रवाना; PM अल्बानीज ने लगाए थे यहूदी विरोधी हमले के आरोप
विशेषज्ञ समूह का गठन
डोभाल और वांग की बैठक में पांच ठोस नतीजे सामने आए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है कार्य-तंत्र के तहत एक विशेषज्ञ समूह का गठन, जो सीमा निर्धारण में शुरुआती प्रगति के विकल्प तलाशेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक नई पहल साबित हो सकता है।
Trending Videos
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच सीमा विवाद पर लंबी चर्चा हुई। इस बातचीत में दोनों पक्षों ने स्पष्ट और रचनात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने कहा कि वार्ता का माहौल सकारात्मक और रचनात्मक रहा और इसमें कई महत्वपूर्ण सहमतियां बनीं।
विज्ञापन
विज्ञापन
सीमा प्रबंधन के लिए संयुक्त तंत्र
वार्ता के बाद दोनों देशों ने सहमति जताई कि सीमा प्रबंधन और नियंत्रण के लिए मौजूदा तंत्र का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत राजनयिक और सैन्य चैनलों को सक्रिय रखने का निर्णय लिया गया। झांग ने कहा कि इस बार की बातचीत के परिणाम बताते हैं कि दोनों देश मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने और सीमा क्षेत्रों को स्थिर बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
ये भी पढ़ें- पहलगाम आतंकी हमले में बड़ा खुलासा, NIA ने बताया क्यों बायसरन घाटी को ही बनाया गया निशाना?
रिश्तों में सकारात्मक माहौल की बात
इस वर्ष भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे हो रहे हैं। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि यह अवसर दोनों देशों के रिश्तों को सकारात्मक दिशा में ले जाने का है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन जैसे दो बड़े देशों और पड़ोसियों के लिए परस्पर सम्मान, आपसी भरोसे, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और साझा विकास के आधार पर आगे बढ़ना बेहद जरूरी है।
ये भी पढ़ें- मतभेद के बीच ईरानी राजदूत ऑस्ट्रेलिया से रवाना; PM अल्बानीज ने लगाए थे यहूदी विरोधी हमले के आरोप
विशेषज्ञ समूह का गठन
डोभाल और वांग की बैठक में पांच ठोस नतीजे सामने आए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है कार्य-तंत्र के तहत एक विशेषज्ञ समूह का गठन, जो सीमा निर्धारण में शुरुआती प्रगति के विकल्प तलाशेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक नई पहल साबित हो सकता है।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन