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जैश-आईएसआई ने रावलपिंडी में की बैठक, अलर्ट पर भारत की खुफिया एजेंसियां

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: Sneha Baluni Updated Tue, 25 Aug 2020 08:29 AM IST
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Indian intelligence establishment are on high alert as jaish and two top rank ISI officials does meeting
आतंकियों के साथ आईएसआई ने की बैठक (फाइल फोटो) - फोटो : सोशल मीडिया
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जैश-ए-मोहम्मद के ‘अमीर’ मौलाना अब्दुल रऊफ अशगर और आईएसआई के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच 20 अगस्त को रावलपिंडी में हुई बैठक के बाद से भारतीय खुफिया प्रतिष्ठान हाई अलर्ट पर हैं। एक गोपनीय खुफिया नोट से पता चला है कि अशगर का भाई मौलाना अम्मार भी इस बैठक में शामिल था। 

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बालाकोट हवाई हमले के बाद अम्मार ने एक ऑडियो जारी किया था, जिसमें भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को रिहा करने को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना और भारतीय वायुसेना द्वारा जैश के तालीम-उल-कुरान मदरसा को निशाना बनाने का बदला लेने की बात कही गई थी।
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सूत्रों के अनुसार, एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी का कहना है कि रावलपिंडी की बैठक इस्लामाबाद में जैश मरकज की एक मंडली द्वारा आयोजित की गई थी। जहां जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती अशगर खान कश्मीरी और कारी जरीर ने भारत पर हमले तेज करने के लिए अपनी योजना के अंतिम चरण की चर्चा की।

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीरः अवंतीपोरा में सुरक्षाबलों ने ध्वस्त किया जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी ठिकाना

सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्र ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल पुलवामा हमले से एक महीने पहले भी इन्हीं लोगों ने एक बैठक की थी। गुरिल्ला का पूर्व कमांडर अशगर कश्मीरी, मजलिस-ए-शूरा का पूर्व सदस्य है, हरकतुल मुजाहिद्दीन है, जो बाद में मुजाहिद्दीनों की अपनी टीम के साथ जैश में शामिल हो गया।

जरार एक लॉन्चिंग कमांडर है जो 2016 के नगरोटा सेना छावनी हमले के पीछे था। जब से मौलाना अब्दुल रऊफ अशगर उर्फ मारा के भाई मौलाना मसूद अजहर के जानलेवा बीमारी से ग्रस्त होने का पता चला है तब से वो मुजाहिद्दिनों को संभालने में सबसे आगे है। मारा आतंकी संगठन नेतृत्व की शीर्ष पांच सूची में भी शामिल है, जिस पर भारतीय एजेंसियां अपनी नजर बनाए हुए हैं।

खुफिया अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि जैश एक बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बेताब है क्योंकि घाटी में उसके आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। दो हफ्ते पहले, खुफिया प्रतिष्ठान को जैश के तीन सदस्यीय मौत दस्ते द्वारा एक बड़े हमले को लेकर सतर्क किया गया था।

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