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अमेरिका में ‘वेलफेयर स्टेट’ को वापस लाने की दिशा में दो नई पहल, दवाओं की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने की तैयारी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन Published by: Harendra Chaudhary Updated Tue, 23 Mar 2021 05:31 PM IST
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सार

इस नए पैकेज के तहत सड़कें, अस्पताल और ग्रीन ऊर्जा सिस्टम बनाए जाएंगे। साथ ही शिक्षा और पूरे वेतन के साथ कर्मचारियों को पारिवारिक अवकाश देने की योजनाएं लागू की जाएंगी...

Joe Biden is about to announce a three-trillion-dollar infrastructure and family support package, Bernie Sanders is preparing to introduce three such bills in the Senate
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन - फोटो : twitter.com/JoeBiden

विस्तार
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1.9 ट्रिलियन डॉलर का कोरोना राहत पैकेज पास कराने के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी अगली बड़ी योजना को संसदीय मंजूरी दिलाने की पहल कर दी है। वे तीन ट्रिलियन डॉलर का इंफ्रास्ट्रक्चर और पारिवारिक सहायता पैकेज घोषित करने वाले हैं। इस बीच सीनेट की बजट समिति के अध्यक्ष और सोशलिस्ट नेता बर्नी सैंडर्स ने तीन ऐसे बिल सीनेट में पेश करने की तैयारी कर ली है, जिनका मकसद दवाओं की कीमत घटाना और अमेरिकी उपभोक्ताओं को वैश्विक बाजार से सस्ती दवाएं उपलब्ध करवाना होगा। इन दोनों कदमों को बेहद अहम माना जा रहा है। इन्हें अमेरिका को मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था से कल्याणकारी राज्य-व्यवस्था की तरफ वापस ले जाने की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है।

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एक समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक जो बाइडेन ने सोमवार को एक अहम निजी बैठक में अपने नए पैकेज पर विचार किया। इस दौरान इस पर खास ध्यान दिया गया कि सीनेट में इससे संबंधित बिल को पैसे पारित कराया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बाइडन ने ‘बिल्ड बैक बेटर अमेरिका’ (फिर से बेहतर अमेरिका बनाएं) का नारा दिया था। अब प्रस्तावित पैकेज को उसी का हिस्सा बताया गया है।
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इस नए पैकेज के तहत सड़कें, अस्पताल और ग्रीन ऊर्जा सिस्टम बनाए जाएंगे। साथ ही शिक्षा और पूरे वेतन के साथ कर्मचारियों को पारिवारिक अवकाश देने की योजनाएं लागू की जाएंगी। समाचार एजेंसी के मुताबिक सोमवार की बैठक में चर्चा हुई कि पहले दोनों पार्टियों की सहमति से नए पैकेज को पारित कराने की कोशिश होगी। लेकिन अगर रिपब्लिकन पार्टी राजी नहीं हुई, तो डेमोक्रेटिक पार्टी इसे खुद पास कराने के उपाय अपनाएगी।

बर्नी सैंडर्स देश में स्वास्थ्य देखभाल को किफायती बनाने के लिए जो बिल पेश करने जा रहे हैं, उनमें एक में प्रावधान यह है कि अमेरिका में दवाओं की कीमतें वैश्विक मानकों के हिसाब से तय की जाएंगी। सैंडर्स ने ध्यान दिलाया है कि जो डायबिटीज की दवा इंसुलिन जिस भाव पर कनाडा में उपलब्ध है, अमेरिका में इसकी कीमत उससे लगभग दस गुना ज्यादा है। दूसरे बिल में प्रावधान है कि मेडिकेयर योजना के तहत दी जाने वाली दवाएं प्रतिस्पर्धात्मक निविदा प्रक्रिया से खरीदी जाएंगी। तीसरे बिल के जरिए अमेरिकी उपभोक्ताओं को विदेशी कंपनियों से सस्ती दवा खरीदने का अधिकार दिया जाएगा।

सैंडर्स ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने की मुहिम के दौरान मुफ्त इलाज की मेडिकेयर फॉर ऑल की योजना पेश की थी। जानकारों का कहना है कि अब वे जो बिल पेश कर रहे हैं, वे काफी कुछ उनकी उसी योजना की दिशा में है। सैंडर्स ने टीवी चैनल सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा- ‘मेरी राय में दवा उद्योग बेकाबू हो गया है।’

सीएनएन के विश्लेषकों का कहना है कि बजट समिति के अध्यक्ष के रूप में सैंडर्स के पास सीनेट में काफी अधिकार हैं। वे किसी बिल को रिकॉन्सिलिएशन प्रक्रिया से पारित कराने में सक्षम हैं। इस प्रक्रिया के तहत बिल लाने पर उसे फिलिबस्टर नियम से मुक्ति मिल जाती है। यानी तब वो बिल साधारण बहुमत से पास हो सकता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के पास सीनेट में साधारण बहुमत हासिल है। इन विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि सैंडर्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चक शुमर की सहायता से 1.9 ट्रिलियन डॉलर का कोरोना राहत पैकेज रिकॉन्सिलिएशन प्रक्रिया के तहत ही पास कराया था। अब उन्होंने औषधि नियम सुधार बिलों को इसी प्रक्रिया से पारित कराने का इरादा जताया है।

सैंडर्स ने सीएनएन से कहा- ‘अन्य कई ऐसे कदम हैं, जिन्हें हम रिकॉन्सिलिएशन के जरिए पारित करा सकते हैं और ऐसा हमें जरूर करना चाहिए। इन कदमों में दवाओं की कीमत घटाना भी शामिल है, जिससे सरकार का खर्च घटेगा और मेडिकेयर योजना में और अधिक तबकों को शामिल करने की संभावना पैदा होगी।’ सैंडर्स को भरोसा है कि जनमत के दबाव के कारण अभी हिचक रहे डेमोक्रेटिक सांसद उनके बिल का समर्थन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। 

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