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विजय माल्या को बड़ी राहत, लंदन हाई कोर्ट ने प्रत्यर्पण मामले में अपील की दी इजाजत
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Published by: Nilesh Kumar
Updated Tue, 02 Jul 2019 10:02 PM IST
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Vijay Mallya
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भगोड़े भारतीय उद्योगपति विजय माल्या को प्रत्यर्पण मामले में आज बड़ी राहत मिली। लंदन हाई कोर्ट ने माल्या को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी। इस मामले की मौखिक सुनवाई मंगलवार को लंदन उच्च न्यायालय में हुई। अगर लंदन उच्च न्यायालय द्वारा उसे अपील करने की अनुमति नहीं दी गई होती तो उसे अगले कुछ दिनों में भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकता था। लेकिन अब माल्या को बड़ी राहत मिल गई है।
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Vijay Mallya’s permission to appeal against the extradition case has been approved by the Royal Courts of Justice,London. Details awaited. pic.twitter.com/5wzU0KzVpK
विज्ञापन— ANI (@ANI) July 2, 2019विज्ञापन
ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने शराब कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को थोड़ी राहत देते हुए उन्हें भारत के हवाले किए जाने के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति दे दी। माल्या को भारत में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है और भारतीय जांच एजेंसियों की अर्जी पर यहां की निचली अदालत ने उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया है।
माल्या भारतीय बैंकों के साथ 9,000 करोड़ रुपये के बकाये में धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग करने के आरोप में वांछित है। ब्रिटेन के गृह मंत्री मंत्री साजिद जाविद ने उनको भारतीय अधिकारियों के हवाले किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
रॉयल कोट आफ जस्टिस की दो सदस्यीय पीठ ने प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की ओर से पेश दलीलों को सुनने के बाद उक्त आदेश दिया। पीठ में न्यायाधीश जार्ज लेगात और न्यायाधीश एंड्रयू पॉपलवेल थे।
हाई कोर्ट की पीठ ने व्यवस्था दी कि 63 वर्षीय किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख को अपील की अनुमति है। पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि माल्या को प्रत्यर्पित किए जाने के बारे में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की जज एम्मा आर्बुथनॉट ने अपने फैसले में जो निष्कर्ष रखे हैं उनमें से कुछ के खिलाफ तर्क दिए जा सकते हैं।
इससे पहले माल्या ने कहा कि रॉयल्स कोर्ट आफ जस्टिस में प्रवेश करने के बाद वह काफी सकारात्मक थे।
उच्च न्यायालय में सुनवाई दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि मौजूद थे। सुनवाई के दौरान माल्या के साथ उसका बेटा सिद्धार्थ और उनके साथ रहने वाली पिंकी लालवानी उपस्थित थीं। उनके वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने अपनी दलील रखते हुए मुख्य मजिस्ट्रेट की व्यवस्था को ‘गलत’ बताया।
मामले की सुनवाई अब ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में होगी।
इस बीच, माल्या ने सोशल मीडिया पर बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइन के कर्ज को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय बैंकों का 100 प्रतिशत लौटाने की बात कही है। फिलहाल वह जमानत पर हैं।
फैसले के बाद माल्यान ने कहा कि ‘उनकी बात सही ठहरायी गई है। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख ने लंदन में रॉयल कोर्ट आफ जस्टिस के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह हमेशा कहते रहे हैं कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप मनगढ़ंत हैं। माल्या ने साथ ही भारतीय बैंकों का बकाया राशि चुकाने की अपनी पेशकश को दोहराया।
माल्या ने कहा, मैं हमेशा कहता रहा हूं कि ये आरोप असत्य हैं। गढ़े गए हैं और इनका कोई आधार नहीं हैं।मेरा मानना है कि मेरी बात सही ठहरायी गई है। मैं अब भी चाहता हूं कि बैंक अपना पूरा पैसा ले लें, उनको जो करना है करें, मुझे शांति से रहने दें।
माल्या ने कहा, मैं हमेशा कहता रहा हूं कि ये आरोप असत्य हैं। गढ़े गए हैं और इनका कोई आधार नहीं हैं।मेरा मानना है कि मेरी बात सही ठहरायी गई है। मैं अब भी चाहता हूं कि बैंक अपना पूरा पैसा ले लें, उनको जो करना है करें, मुझे शांति से रहने दें।