Pakistan: 'मरते ही जन्नत मिलेगी...', अजहर मसूद ने बनाई जैश की महिला आतंकी ब्रिगेड, रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा
पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओ की एक आतंकी ब्रिगेड तैयार कर रहा है। इसमें महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है। इस ब्रिगेड का नाम का नाम जमात-उल-मोमिनात रखा है।
विस्तार
जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मसूद अजहर की नापाक साजिश का खुलासा हुआ है। मसूद अजहर महिला आतंकवादियों की एक अलग से ब्रिगेड बनाई है। जिसका नाम जमात-उल-मोमिनात रखा है। हाल ही में निर्मित महिला आतंकी ब्रिगेड से वैश्विक जिहाद की अपील की है। बहावलपुर के मरकज उस्मान-ओ-अली में हाल ही में दिए एक भाषण में अजहर ने नई महिला शाखा के प्रशिक्षण व तैनाती की जानकारी साझा की है।
अपने संबोधन में अजहर ने कहा कि जैश के पुरुष मुजाहिद महिला शाखा के साथ खड़े होंगे और यह शाखा दुनिया भर में इस्लाम फैलाने का काम करेगी। अजहर ने महिला आतंकियों के लिए दौरा-ए-तस्किया नाम का नया कोर्स शुरू करने का एलान किया है। उसने कहा कि पहला चरण पूरी करने वाली महिलाएं दूसरे चरण दौरा-अयात-उल-निसा में जाएंगी जहां उन्हें यह सिखाया जाएगा कि इस्लामी ग्रंथ किस तरह महिलाओं को जिहाद करने का आदेश देते हैं।
'जमात-उल-मोमिनात में शामिल होने वाली महिलाओं को मिलेगी जन्नत'
भाषण में अजहर को कहते हुए सुना जा सकता है कि जो भी महिलाएं जमात-उल-मोमिनात में शामिल होगीं, वे मौत के बाद अपनी कब्र से सीधे जन्नत जाएंगी। पिछले दो दशक से जैश-ए-मोहम्मद पुरुषों का ब्रेनवॉश करने के लिए दौरा-ए-तरबियात नाम का कोर्स चलाता है। अब यही प्रक्रिया महिलाओं के लिए चलाई जाएगी।
पाकिस्तान के हर जिले में होगी शाखा
अजहर ने घोषणा की है कि पाकिस्तान के हर जिले में जैश की महिला ब्रिगेड जमात-उल-मोमिनात की शाखाएं स्थापित की जाएंगी। इनका नेतृत्व एक जिला मुंतजिमा करेगा जो महिलाओं की भर्ती की देखरेख करेगा। ब्रिगेड में शामिल महिलाओं को अपने पति या परिवार के सदस्यों के अलावा किसी भी अपरिचित पुरुष से फोन या मैसेंजर के जरिये संपर्क करने की इजाजत नहीं होगी।
500 पाकिस्तानी रुपये में दिया जा रहा कोर्स
खुफिया सूत्रों के मुताबिक 8 नवंबर से शुरू होने वाले इस कोर्स में रोज 40 मिनट की ऑनलाइन कक्षाएं होंगी। इन कक्षाओं का संचालन मसूद अजहर की दो बहनें- सादिया अजहर और समैरा अजहर करेंगी। इन कक्षाओं के जरिये जैश की कोशिश महिलाओं को इस्लाम और जिहाद के प्रति उनकी भूमिका समझाना है। इस कोर्स में हर महिला से 500 पाकिस्तानी रुपये लिए जा रहे हैं। इस रकम का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाएगा।
प्रतिभागियों से ऑनलाइन फॉर्म भी भरवाया जा रहा है। जैश ने अपनी ब्रिगेड जमात उल-मुमिनात की कमान मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को सौंपी है। सादिया का शौहर यूसुफ अजहर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर में भारतीय वायुसेना के हमले में मारा गया था। मसूद अजहर ने इस काम में अपनी एक और बहन साफिया और पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की बीवी अफरीरा फारूक को भी शामिल किया है।
ऑनलाइन भर्ती का मकसद
रूढ़िवादी सोच के चलते पाकिस्तानी समाज में महिलाओं का अपने बूते बाहर आना-जाना असामान्य माना जाता है। इसी मानसिकता का फायदा उठाकर जैश-ए-मोहम्मद अब ऑनलाइन माध्यमों के जरिये महिलाओं की भर्ती कर रहा है, जिससे एक महिला आतंकी ब्रिगेड खड़ी की जा सके। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह ब्रिगेड भविष्य में आईएसआईएस या हमास की तर्ज पर आत्मघाती हमलों में इस्तेमाल की जा सकती है।