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Pakistan: 'हम संविधान की सीमाओं से वाकिफ', न्यायपालिका में सेना के दखल के आरोपों का जनरल मुनीर ने किया खंडन

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: मिथिलेश नौटियाल Updated Thu, 02 May 2024 07:01 PM IST
सार

Pakistan: पाकिस्तान की न्यायपालिका में सेना और खुफिया एजेंसियों के दखल के आरोपों का आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि सेना संविधान की सीमाओं को अच्छी तरह से जानती है और दूसरों से भी ऐसी ही उम्मीद करती है। 

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Military well aware of its constitutional limits and expected others to uphold Constitution Pak Army chief
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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पाकिस्तान की राजनीति में शक्तिशाली सेना की भागीदारी और न्यायपालिका के कामकाज में खुफिया एजेंसियों के हस्तक्षेप के आरोपों के बाद पड़ोसी देश में हलचल मची हुई है। इस बीच पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने कहा है कि सेना संविधान की सीमाओं को अच्छी तरह से जानती है और दूसरों से भी ऐसी ही उम्मीद करती है। 

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‘प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले दूसरों पर उंगली न उठाएं’
जनरल मुनीर ने साफ तौर पर कहा कि जो लोग संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं वे दूसरों पर उंगली नहीं उठा सकते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संविधान का अनुच्छेद 19 स्पष्ट रूप से बोलने की स्वतंत्रता और राय रखने की अभिव्यक्ति की सीमाओं को परिभाषित करता है। 
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खैबर पख्तूनख्वा के रिसालपुर में पाकिस्तान की वायुसेना (पीएएफ) की पासिंग आउट परेड के दौरान जनरल मुनीर ने ये बातें कहीं। पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने वायुसेना के कैडेट्स से कहा कि आप हमारे आसमान के रक्षक और हमारी भविष्य की उम्मीदों का केंद्र हैं।

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने की थी यह टिप्पणी 
जनरल मुनीर का यह बयान पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका को एक निश्चित कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के समान है। मुख्य न्यायाधीश ने यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के छह सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता करते हुए की थी। पैनल द्वारा न्यायपालिका के कामकाज में खुफिया एजेंसियों के कथित हस्तक्षेप के मामले की सुनवाई की गई थी। शीर्ष अदालत ने इस मामले पर पर स्वत: संज्ञान लिया था और इसके बाद अलग-अलग बार काउंसिल ने भी मामले में याचिकाएं दायर की थीं।
पाकिस्तानी सेना ने अपनी स्थापना के 75 वर्षों में आधा से अधिक समय पाकिस्तान पर राज किया। सेना के पास देश की सुरक्षा और विदेश नितियों को नियंत्रण करने की शक्ति है। हालांकि, सेना ने पाकिस्तान की राजनीति में हस्तक्षेप से इनकार किया है।

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