UN की नई चेतावनी: गाजा में इस्राइल ने मचाई 13 परमाणु बमों जितनी तबाही, मलबा हटाने में ही लगेंगे 15 साल
तबाही का सबसे भयावह पहलू मानव जीवन की हानि है। संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत एजेंसी, डब्ल्यूएचओ और यूएनआरडब्ल्यूए की अक्तूूबर 2025 तक की समेकित रिपोर्टों के अनुसार गाजा में करीब 1.52 लाख लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से 1.8 लाख मौतों की पुष्टि हुई है व 43 हजार से अधिक लोग मलबे में दबे या लापता हैं।

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गाजा पट्टी आज एक भूगोल नहीं बल्कि बारूद में झुलसे मानवीय त्रास का प्रतीक है। इस्राइल ने गत दो वर्षों में करीब 2 लाख टन विस्फोटक बरसाए हैं। यह इतना बारूद है जो 13 परमाणु बमों के साझा असर के बराबर है। हमास की जिद का मूल्य गाजा को एक लाख से अधिक मौतों के रूप में चुकाना पड़ा है।


संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की नवीनतम अक्तूबर 2025 की रिपोर्ट रिकंस्ट्रक्शन इंडेक्स ऑफ गाजा के अनुसार, इस तबाही में 1,05,800 से अधिक इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं और हर 10 में से 8 इमारतें खंडहर हैं। गाजा मानव निवास के लिए अयोग्य क्षेत्र है। लगभग 90% आबादी के घर या तो ढह गए हैं या रहने लायक नहीं बचे। 95% से अधिक बहु मंजिला इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं। यूएनडीपी और विश्व बैंक के साझा सर्वेक्षण कहता है, गाजा में अब 6 करोड़ टन से अधिक मलबा फैला है। यह मात्रा सीरिया के अलेप्पो युद्ध के दौरान हुए कुल विनाश से तीन गुना अधिक है। मलबा हटाने की अनुमानित लागत 24 अरब डॉलर (करीब 2 लाख करोड रुपए) है जो फलस्तीनी वार्षिक जीडीपी से 4 गुना है। इंजीनियरिंग परिषद के आकलन में कहा गया है कि मौजूदा संसाधनों के आधार पर सिर्फ मलबा हटाने में ही 12 से 15 साल लगेंगे और तब जाकर किसी नए निर्माण की शुरुआत संभव होगी। इसलिए गाजा का पुनर्निर्माण एक बड़ी चुनौती है।

करीब 1.52 लाख लोग मारे गए
तबाही का सबसे भयावह पहलू मानव जीवन की हानि है। संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत एजेंसी, डब्ल्यूएचओ और यूएनआरडब्ल्यूए की अक्तूूबर 2025 तक की समेकित रिपोर्टों के अनुसार गाजा में करीब 1.52 लाख लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से 1.8 लाख मौतों की पुष्टि हुई है व 43 हजार से अधिक लोग मलबे में दबे या लापता हैं। घायलों की संख्या 3.72 लाख से अधिक है, जिनमें 60% से ज्यादा महिलाएं-बच्चे हैं। मृतकों में 423 स्वास्थ्यकर्मी, 179 पत्रकार और 247 संयुक्त राष्ट्र राहतकर्मी हैं जो कर्तव्य निभाते हुए हमलों का शिकार बने।

बंधकों की रिहाई पर इस्राइल में जश्न, कई मुद्दे अब भी अनसुलझे
हमास की तरफ से इस्राइल के 20 बंधकों को गाजा युद्धविराम के तहत रेड क्रॉस को सौंपते ही इस्राइलियों में जश्न शुरू हो गया। पश्चिम एशिया समेत पूरी दुनिया को अस्थिर करने वाला दो साल से जारी विनाशकारी युद्ध खत्म होने से गाजा और इस्राइल दोनों जगह लोगों ने उत्सव मनाया। लेकिन युद्धविराम और बंधकों की रिहाई संबंधी शांति योजना सिर्फ पहला कदम है। अगले कदमों पर प्रतिस्पर्धी मांगें बरकरार हैं। इस कारण युद्ध की वास्तविक समाप्ति पर अनिश्चितता है। इस्राइली बंधकों को रिहा करते वक्त हमास ने कहा कि 1,900 से अधिक फलस्तीनी कैदियों के बदले 20 जीवित बंधकों को रिहा किया जा रहा है। उधर, इस्राइल अभी भी वेस्ट बैंक में कॉलोनी बसाना चाहता है और हमास उसे ऐसा करने से फिर रोकेगा। ऐसे में फलस्तीनी कैदियों की रिहाई पर काफी कुछ निर्भर करेगा।