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SpaceX: स्पेसएक्स ने 40 माले की इमारत के बराबर रॉकेट का सफल परीक्षण किया, 11वीं उड़ान में हासिल की यह खासियत

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन Published by: लव गौर Updated Tue, 14 Oct 2025 07:36 AM IST
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सार

SpaceX: दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट सफल रहा।मंगलवार (14 अक्तूबर) को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से स्टारशिप की सफल लॉन्चिंग की गई।

SpaceX: 11th test of rocket Starship successful, landing in Indian Ocean read mission objective
रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट सफल (फाइल फोटो) - फोटो : SpaceX
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विस्तार
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दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फिर बड़ा कारनामा किया है। सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट सफल रहा। मंगलवार (14 अक्तूबर) को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से स्टारशिप की सफल लॉन्चिंग की गई। स्टारशिप की हिंद महासागर में लैंडिंग कराई गई।


स्टारशिप अब तक का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। जो कि टेक्सास के दक्षिणी सिरे से आकाश में गर्जना के साथ उड़ा। बूस्टर रॉकेट अलग हो गया और योजना के मुताबिक मेक्सिको की खाड़ी में नियंत्रित रूप से प्रवेश किया, और स्टारशिप हिंद महासागर में उतरने से पहले अंतरिक्ष में उड़ता रहा। 
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11वें परीक्षण का लाइव वीडियो
स्टारशिप रॉकेट को परीक्षण उड़ान के दौरान प्रक्षेपित किया और पिछली बार (10वां टेस्ट) की तरह ही दुनिया के आधे हिस्से का सफलतापूर्वक चक्कर लगाया। बूस्टर ने योजना के अनुसार मेक्सिको की खाड़ी में नियंत्रित प्रवेश किया, और अंतरिक्ष यान हिंद महासागर में उतरने से पहले अंतरिक्ष में घूमता रहा। घटनास्थल से कुछ भी बरामद नहीं हुआ। 


सुपर हैवी बूस्टर की अमेरिका की खाड़ी में वॉटर लैंडिंग कराई गई, जबकि स्टारशिप की हिंद महासागर में वॉटर लैंडिंग हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये टेस्ट 1 घंटे 6 मिनट का था। स्टारशिप अंतरिक्ष यान (ऊपरी हिस्सा) और सुपर हैवी बूस्टर (निचला हिस्सा) को पूरे तौर से स्टारशिप कहा जाता है। जिसका उद्देश्य भविष्य में रॉकेट को उड़ान भरने वाली जगह पर वापस लाने से जुड़े परीक्षण करना था। स्टारशिप की ऊंचाई 403 फीट है। जिसका उपयोग स्पेसएक्स के संस्थापक और सीईओ एलन मस्क मंगल ग्रह पर लोगों को भेजने के लिए करना चाहते हैं।  

दुनिया का सबसे बड़ा और शक्तिशाली रॉकेट
स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर वापस भेजने के अपने प्रयासों में दुनिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली रॉकेट, स्टारशिप का उपयोग करने की योजना बनाई थी। कंपनी ने उन आलोचकों को भी खारिज करने की कोशिश की, जिन्होंने कहा था कि इसकी तकनीक नासा की चंद्र परियोजनाओं को पूरा करने और मनुष्यों को मंगल ग्रह पर ले जाने के मस्क के सपने को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है।

आपको बता दें कि इससे पहले स्टारशिप का 10वां टेस्ट 27 अगस्त को किया गया था, जो सफल रहा था। स्टारशिप का 10वां ये टेस्ट 1 घंटे 6 मिनट का था, जिसमें स्टारलिंक सिम्युलेटर सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ने से लेकर इंजन चालू करने जैसे सभी ऑब्जेक्टिव पूरे किए गए थे। गौरतलब है कि स्टारशिप का उपयोग एलन मस्क लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने के लिए करना चाहते हैं। जो कि यह एक प्रयोज्य वाहन यानी रीयूजेबल व्हीकल है, जिसे चंद्रमा की कक्षा से सतह तक और वापस ऊपर ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
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