US: ट्रंप के खिलाफ केस लड़ने वाली लेटिशिया जेम्स पर धोखाधड़ी का केस, डेमोक्रेट्स ने बताया बदले की कार्रवाई
ट्रंप प्रशासन ने न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिशिया जेम्स पर बैंक धोखाधड़ी का केस ठोका है। जेम्स पहले ट्रंप के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी का मामला लड़ चुकी हैं। अब डेमोक्रेट्स इसे खुला राजनीतिक प्रतिशोध बता रहे हैं। जेम्स 24 अक्तूबर को कोर्ट में पेश होंगी और आरोपों को चुनौती देंगी।
विस्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिशिया जेम्स के बीच चल रहे विवाद में अब एक नया मामला सामने आया है। ट्रंप प्रशासन ने लेटिशिया जेम्स को गुरुवार को एक घर की खरीद के मामले में बैंक धोखाधड़ी और गलत जानकारी देने के आरोप में आरोपित किया गया है। यह वही केस है जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद बढ़ावा दिया था और अपने विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि ड्रेमोक्रेट्स इसे लगातार इसे राजनतिक प्रतिशोध बता रहा है।
राजनीतिक प्रतिशोध की बात को ऐसे समझा जा सकता है इससे पहले जेम्स ने ट्रंप के बिजनेस साम्राज्य के खिलाफ धोखाधड़ी का बड़ा मुकदमा चलाया था। अब उन्हीं पर 2020 में वर्जीनिया के नॉरफोक में एक घर खरीदने के दौरान गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है।
क्या बोली डेमोक्रेट्स जेम्स?
वहीं इन आरोपों को लेटिशिया जेम्स ने राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। साथ ही कहा कि यह सब ट्रंप द्वारा न्याय व्यवस्था का दुरुपयोग है। ये आरोप बेबुनियाद हैं और राष्ट्रपति का मकसद सिर्फ बदला लेना है। उनके वकील अब्बे लोवेल ने कहा कि जेम्स इन आरोपों से पूरी तरह इनकार करती हैं और इसे कानून के दुरुपयोग की खतरनाक मिसाल बताया। ऐसे में लेटिशिया जेम्स 24 अक्तूबर को वर्जीनिया की संघीय अदालत में पेश होंगी। उनके वकील ने संकेत दिया है कि वे इस केस को खारिज करने के लिए कानूनी प्रक्रिया में लड़ेंगे।
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समझिए क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि लेटिशिया जेम्स ने घर खरीदते समय बैंक से सेकंड होम राइडर नामक एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने यह बताया कि वह उस घर को अपने निजी उपयोग के लिए रखेंगी। लेकिन आरोप है कि उन्होंने वह घर एक परिवार को किराए पर दे दिया, जिससे उन्हें बेहतर लोन शर्तें मिलीं, जो कि निवेश संपत्ति (इन्वेस्टमेंट प्रॉपर्टी) पर नहीं मिलती।
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मामले में क्या है ट्रंप की भूमिका
अब ऐसे में लगातार जब ट्रंप की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे है, तो इसे भी समझते है। मामला ऐसे शुरू हुआ कि ट्रंप ने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा कि जेम्स गंभीर अपराधी हैं, हालांकि उन्होंने कभी कोई सबूत पेश नहीं किया। यह केस उस समय सामने आया है जब पूर्व एफबीआई निदेशक जेम्स कॉमी को भी कांग्रेस से झूठ बोलने के मामले में आरोपी बनाया गया है। दोनों मामलों में देखा गया है कि ट्रंप प्रशासन ने अनुभवी सरकारी वकील एरिक सिबर्ट को हटा कर अपनी करीबी लॉयर लिंडसे हैलिगन को नियुक्त किया, जिन्होंने खुद ग्रैंड जूरी के सामने केस पेश किया।