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Nirav Modi: भगोड़े नीरव मोदी का दावा- प्रत्यर्पण मामले में अगली सुनवाई में होंगे सनसनीखेज खुलासे
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: राहुल कुमार
Updated Sat, 18 Oct 2025 10:21 PM IST
सार
पिछले छह साल से जेल में बंद भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने ब्रिटेन की एक अदालत में कहा है कि उसके भारत प्रत्यर्पण मामले की अगली सुनवाई में “सनसनीखेज घटनाक्रम” सामने आएंगे।
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नीरव मोदी
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
पीएनबी घोटाले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने दावा किया कि अगले महीने लंदन में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों से जुड़े प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई फिर से शुरू होने पर सनसनीखेज घटनाक्रम होने वाले हैं। 54 वर्षीय नीरव मोदी शुक्रवार को रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में हाईकोर्ट के जज जस्टिस साइमन टिंकलर के समक्ष एक असंबंधित मामले में अपना बचाव प्रस्तुत करने के लिए पेश हुए।
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जज ने जेल में तकनीकी और चिकित्सीय बाधाओं के आधार पर कार्यवाही पर रोक लगाने के नीरव के आवेदन को खारिज कर दिया। इस मामले की सुनवाई जनवरी 2026 में होनी है। नीरव ने मुकदमे से पहले की समीक्षा सुनवाई के दौरान कहा, वे (बैंक ऑफ इंडिया) मेरे प्रत्यर्पण का जिक्र कर रहे हैं... मैं अभी भी यहां हूं। कुछ सनसनीखेज घटनाक्रम होंगे और मैंने पहले कभी इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया।
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प्रत्यर्पण के खिलाफ फिर की अपील
लगभग 13 हजार करोड़ रुपये पीएनबी घोटाले में भारत में वांछित भगोड़े हीरा व्यापारी ने अदालत को बताया कि उसे या तो बरी कर दिया जाएगा या जमानत मिल जाएगी, क्योंकि अदालत ऐसे मामलों में उच्च स्तर के बावजूद नए सबूत स्वीकार करने पर सहमत हो गई है। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने पुष्टि की है कि नीरव ने अपनी प्रत्यर्पण अपील को फिर से खोलने के लिए एक आवेदन दायर किया है और भारतीय अधिकारी नवंबर के अंत में होने वाली सुनवाई से पहले अपना जवाब प्रस्तुत करेंगे।
नीरव ने अदालत में गिनाई अपनी दिक्कतें
अदालत में नीरव ने खुद को “व्यक्तिगत रूप से वादी” बताते हुए अदालत में हाथ से लिखी पर्चियों से दलीलें पेश कीं। उसने जेल में कंप्यूटर तक सीमित पहुंच और अपनी आंखों से जुड़ी समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि इससे मुकदमा अन्यायपूर्ण बताया। नीरव मोदी ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह विरोधी प्रक्रिया है और वे (बैंक ऑफ इंडिया) मेरे खिलाफ कुछ भी कह सकते हैं। लेकिन वे सिर्फ अनुमान लगाते हैं…कोई एक दिन जेल में रहे, तो समझ जाएगा कि कुछ सामान्य समझदारी जरूरी है।
वहीं बैंक ऑफ इंडिया के वकीलों ने कहा कि कार्यवाही पर रोक लगाना बैंक के लिए अनुचित होगा और दावा लंबे समय तक लटका रहेगा। अदालत ने बैंक के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि न्यायिक समय-सारणी बनाए रखना जरूरी है और नीरव की चिकित्सकीय जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा।