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North Korea: 'हमें दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं', उत्तर कोरियाई नेता की बहन का बड़ा बयान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्योंगयांग
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 28 Jul 2025 08:18 AM IST
सार
साल 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया नेता किम जोंग उन के साथ परमाणु समझौते को लेकर बातचीत की थी, लेकिन दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई। उसके बाद से उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया और अमेरिका में बातचीत बंद है।
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किम यो जोंग
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने अपने एक बयान में कहा है कि अब दक्षिण कोरिया की सरकार उनकी सरकार को चाहे जो भी प्रस्ताव दे, लेकिन अब उनकी दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है। किम यो जोंग के इस बयान से साफ है कि अब उत्तर कोरियाई सरकार रूस के साथ अपने संबंधों को विस्तार देने में जुटी है और अब उनकी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ हाल-फिलहाल बातचीत का कोई इरादा नहीं है।
उत्तर कोरिया का बातचीत से साफ इनकार
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने अपने नेता किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग के हवाले से कहा है कि 'हम एक बार फिर अपना आधिकारिक स्टैंड साफ कर देना चाहते हैं, चाहे दक्षिण कोरिया कोई भी नीति अपनाए या कोई भी प्रस्ताव दे, हमें उनके साथ बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है और न ही बातचीत का कोई कारण है।' उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बाद उनकी बहन किम यो जोंग को बेहद ताकतवर माना जाता है। ऐसे में किम यो जोंग के बयान को उत्तर कोरियाई सरकार का आधिकारिक स्टैंड माना जा सकता है।
दक्षिण कोरिया ने की शांति बहाली की पहल
किम यो जोंग का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब दक्षिण कोरिया की ली जे म्युंग के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तर कोरिया के साथ अपने रिश्ते सुधारने की पहल की है। इस पहल के तहत दक्षिण कोरिया ने सीमा पर लगे लाउडस्पीकर का प्रसारण रोक दिया गया है। इन लाउडस्पीकर्स के जरिए उत्तर कोरियाई सरकार के खिलाफ प्रचार किया जाता था। साथ ही सीमा से दूसरे देश भेजे जाने वाले प्रोपेगैंडा वाले गुब्बारे उड़ाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर कोरिया से गलती से दक्षिण कोरिया पहुंचे लोगों को भी वापस भेज दिया गया है। इन कदमों को दक्षिण कोरिया की तरफ से उत्तर कोरिया के साथ संबंध सुधारने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है।
ये भी पढ़ें- Sudan Conflict: सूडान में संकट गहराया, गृहयुद्ध और तेज होने की आशंका; दारफुर में आरएसएफ ने बनाई समानांतर सरकार
2019 के बाद से नहीं हुई कोई बात
दक्षिण कोरिया के इन कदमों की किम यो जोंग ने तारीफ की और इन्हें रिश्ते सुधारने के लिए गंभीर परिणाम बताया, लेकिन ये भी कहा कि दक्षिण कोरिया की सभी सरकारें एक जैसी हैं। किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच हुए युद्धाभ्यास की भी निंदा की, जिसे उत्तर कोरिया सरकार खतरे के रूप में देखती है। साल 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया नेता किम जोंग उन के साथ परमाणु समझौते को लेकर बातचीत की थी, लेकिन दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई। उसके बाद से उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया और अमेरिका में बातचीत बंद है।
वहीं रूस यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने के चलते उत्तर कोरिया मॉस्को के करीब चला गया है। माना जा रहा है कि यूक्रेन के खिलाफ जंग में अपने सैनिक और हथियार भेजने के बदले में रूस, प्योंगयांग को संवेदनशील और आधुनिक हथियारों की तकनीक मुहैया कर सकता है। यही वजह है कि फिलहाल उत्तर कोरियाई सरकार दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है।
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उत्तर कोरिया का बातचीत से साफ इनकार
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने अपने नेता किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग के हवाले से कहा है कि 'हम एक बार फिर अपना आधिकारिक स्टैंड साफ कर देना चाहते हैं, चाहे दक्षिण कोरिया कोई भी नीति अपनाए या कोई भी प्रस्ताव दे, हमें उनके साथ बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है और न ही बातचीत का कोई कारण है।' उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बाद उनकी बहन किम यो जोंग को बेहद ताकतवर माना जाता है। ऐसे में किम यो जोंग के बयान को उत्तर कोरियाई सरकार का आधिकारिक स्टैंड माना जा सकता है।
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दक्षिण कोरिया ने की शांति बहाली की पहल
किम यो जोंग का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब दक्षिण कोरिया की ली जे म्युंग के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तर कोरिया के साथ अपने रिश्ते सुधारने की पहल की है। इस पहल के तहत दक्षिण कोरिया ने सीमा पर लगे लाउडस्पीकर का प्रसारण रोक दिया गया है। इन लाउडस्पीकर्स के जरिए उत्तर कोरियाई सरकार के खिलाफ प्रचार किया जाता था। साथ ही सीमा से दूसरे देश भेजे जाने वाले प्रोपेगैंडा वाले गुब्बारे उड़ाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर कोरिया से गलती से दक्षिण कोरिया पहुंचे लोगों को भी वापस भेज दिया गया है। इन कदमों को दक्षिण कोरिया की तरफ से उत्तर कोरिया के साथ संबंध सुधारने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है।
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2019 के बाद से नहीं हुई कोई बात
दक्षिण कोरिया के इन कदमों की किम यो जोंग ने तारीफ की और इन्हें रिश्ते सुधारने के लिए गंभीर परिणाम बताया, लेकिन ये भी कहा कि दक्षिण कोरिया की सभी सरकारें एक जैसी हैं। किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच हुए युद्धाभ्यास की भी निंदा की, जिसे उत्तर कोरिया सरकार खतरे के रूप में देखती है। साल 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया नेता किम जोंग उन के साथ परमाणु समझौते को लेकर बातचीत की थी, लेकिन दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई। उसके बाद से उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया और अमेरिका में बातचीत बंद है।
वहीं रूस यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने के चलते उत्तर कोरिया मॉस्को के करीब चला गया है। माना जा रहा है कि यूक्रेन के खिलाफ जंग में अपने सैनिक और हथियार भेजने के बदले में रूस, प्योंगयांग को संवेदनशील और आधुनिक हथियारों की तकनीक मुहैया कर सकता है। यही वजह है कि फिलहाल उत्तर कोरियाई सरकार दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है।