Pakistan: विशेष अदालत ने कुरैशी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, राजनयिक केबल लीक करने का मामला
Pakistan: पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को बुधवार को एक विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कुरैशी को एक गोपनीय रानजयिक केबल लीक होने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को बुधवार को एक विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कुरैशी को एक गोपनीय रानजयिक केबल लीक होने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इमरान खान का आरोप था कि इस राजनयिक केबल के जरिए उनके नेतृत्व वाली सरकार को गिराया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुरैशी को 19 अगस्त को आधिकारिक गोपनीयता अधियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन पर विदेश मंत्री रहते हुए अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा विदेश कार्यालय को भेजे गए आधिकारिक केबल की गोपनीयता का उल्लंघन करने का आरोप है।
दो बार विदेश मंत्री रहे कुरैशी को बाद में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की विशेष अदालत ने 25 अगस्त तक चार दिन के लिए हिरासत में भेज दिया था। बीते शुक्रवार को अदालत ने उसकी हिरासत तीन दिन के लिए बढ़ा दी थी। फिर सोमवार को अदालत ने कुरैशी की हिरासत दो दिन के लिए और बढ़ा दी थी।
दो दिन की हिरासत पूरी होने के बाद दोपहर में कुरैशी को विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। इस विशेष अदालत को हाल ही में उच्च सुरक्षा कानून के तहत दायर मामलों की सुनवाई के लिए स्थापित किया गया था।
'डॉन' अखबार की खबर के मुताबिक, विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी और शाह खावर अदालत में पेश हुए, जबकि कुरैशी की कानूनी टीम में वकील बाबर अवान, शोएब शाहीन और उमैर नैजी भी मौजूद थे। सुनवाई के दौरान अभियोजक नकवी ने अदालत से कुरैशी की एफआईए की हिरासत में भेजने का अनुरोध किया। हालांकि, अदालत ने अनुरोध को खारिज कर दिया और इसके बजाय पीटीआई नेता को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर अदियाला जेल वापस भेज दिया।
कुरैशी ने अपनी कानूनी टीम के जारिए साइफर मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत याचिका भी दायर की। इसके बाद विशेष अदालत ने एफआईए सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर शनिवार तक जवाब मांगा, जब वह याचिका पर सुनवाई करेगी। पीटीआई प्रमुख खान लंबे समय से लापता केबल का जिक्र पिछले साल अप्रैल में उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने की 'विदेशी साजिश' के सबूत के तौर पर करते रहे हैं।