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आसिम मुनीर ने फिर उगला जहर: कहा- PAK के सैनिक अल्लाह के नाम पर लड़ते हैं; 'शांति-सौहार्द' पर हास्यास्पद बयान
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 16 Nov 2025 09:43 PM IST
सार
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर ने एक बार फिर से जहर उगला है। एक समाचार पत्र से बातचीत में मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है। मुनीर ने इस दौरान कुरान की आयतें भी पढ़ीं और कहा कि 'पाकिस्तान की सेना 'अल्लाह की सेना' है और उसके सैनिक 'अल्लाह के नाम पर लड़ते हैं।'
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आसिम मुनीर
- फोटो : एक्स/डीजी आईएसपीआर
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विस्तार
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर ने कहा है कि पाकिस्तान जॉर्डन के साथ रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह बात जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात के दौरान कही, जो पाकिस्तान के ग्लोबल इंडस्ट्रियल एंड डिफेंस सॉल्यूशंस (जीआईडीएस) केंद्र पहुंचे थे। उनके साथ प्रिंसेस सलमा और जॉर्डन के वरिष्ठ सैन्य व नागरिक अधिकारी भी थे।
यह भी पढ़ें - Iran: 'ईरान में अब किसी भी स्थान पर नहीं हो रहा यूरेनियम संवर्धन..', विदेश मंत्री अब्बास अराघची का दावा
पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, किंग अब्दुल्ला का स्वागत खुद आसिम मुनीर और सेना के शीर्ष अधिकारी ने किया। बातचीत के दौरान मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान और जॉर्डन के बीच रक्षा साझेदारी बहुत मजबूत है और इसे आगे और बढ़ाने के लिए पाकिस्तान प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि दोनों देश मिलकर क्षेत्र में शांति और स्थिरता का साझा लक्ष्य रखते हैं।
'शांति की प्रतिबद्धता, लेकिन जवाब भी दृढ़'
एक समाचार पत्र से बातचीत में मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन किसी भी तरह की आक्रमणकारी हरकत का जवाब 'दृढ़ता से' दिया जाएगा। उन्होंने इस दौरान कुरान की आयतें भी पढ़ीं और कहा कि पाकिस्तान की सेना 'अल्लाह की सेना' है और उसके सैनिक 'अल्लाह के नाम पर लड़ते हैं।' यह बयान ऐसे समय आया है जब सरकार ने हाल में पुष्टि की है कि उनकी पांच साल की नई अवधि अब बतौर चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (सीडीएफ) शुरू हो रही है।
जीआईडीएस में प्रेजेंटेशन और फायरिंग रेंज का दौरा
किंग अब्दुल्ला को जीआईडीएस में पाकिस्तान की रक्षा तकनीक, क्षमता और हथियारों की रेंज के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके बाद उन्होंने टिल्ला फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया, जहां प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के लोग जॉर्डन के शाह के प्रति गहरा सम्मान और स्नेह रखते हैं, और यह दौरा दोनों देशों की पुरानी दोस्ती और भरोसे का प्रतीक है।
दोनों देशों ने एक-दूसरे को किया सम्मानित
अपने दौरे के दौरान किंग अब्दुल्ला ने आसिम मुनीर को ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट (फर्स्ट डिग्री) से सम्मानित किया। यह पुरस्कार जॉर्डन-पाकिस्तान रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने में मुनीर की भूमिका की सराहना के तौर पर दिया गया। दूसरी ओर, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने किंग अब्दुल्ला को निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया। जवाब में किंग अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति जरदारी को 'विसाम अल-नहदा अल-मुर्सा' (ग्रैंड कॉर्डन ऑफ अल नहदा) प्रदान किया, जो जॉर्डन का एक प्रतिष्ठित राज्यसम्मान है।
यह भी पढ़ें - दक्षिण चीन सागर: चीन ने बमवर्षक विमानों के साथ की गश्त, US-जापान-फिलीपींस के समुद्री अभ्यास के बाद उठाया कदम
राष्ट्रपति जरदारी के साथ बैठक, दो दशक बाद ऐतिहासिक यात्रा
किंग अब्दुल्ला और जरदारी की बैठक में दोनों नेताओं ने यह जरूरत बताई कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जाए तथा जनता के बीच संपर्क बढ़ाया जाए- चाहे वह शिक्षा, व्यापार, पर्यटन या सांस्कृतिक साझेदारी के जरिए हो। शाह अब्दुल्ला द्वितीय का यह पाकिस्तान दौरा लगभग 21 साल बाद हुआ है, जो दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊर्जा देने वाला माना जा रहा है।
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पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, किंग अब्दुल्ला का स्वागत खुद आसिम मुनीर और सेना के शीर्ष अधिकारी ने किया। बातचीत के दौरान मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान और जॉर्डन के बीच रक्षा साझेदारी बहुत मजबूत है और इसे आगे और बढ़ाने के लिए पाकिस्तान प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि दोनों देश मिलकर क्षेत्र में शांति और स्थिरता का साझा लक्ष्य रखते हैं।
'शांति की प्रतिबद्धता, लेकिन जवाब भी दृढ़'
एक समाचार पत्र से बातचीत में मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन किसी भी तरह की आक्रमणकारी हरकत का जवाब 'दृढ़ता से' दिया जाएगा। उन्होंने इस दौरान कुरान की आयतें भी पढ़ीं और कहा कि पाकिस्तान की सेना 'अल्लाह की सेना' है और उसके सैनिक 'अल्लाह के नाम पर लड़ते हैं।' यह बयान ऐसे समय आया है जब सरकार ने हाल में पुष्टि की है कि उनकी पांच साल की नई अवधि अब बतौर चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (सीडीएफ) शुरू हो रही है।
जीआईडीएस में प्रेजेंटेशन और फायरिंग रेंज का दौरा
किंग अब्दुल्ला को जीआईडीएस में पाकिस्तान की रक्षा तकनीक, क्षमता और हथियारों की रेंज के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके बाद उन्होंने टिल्ला फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया, जहां प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान के लोग जॉर्डन के शाह के प्रति गहरा सम्मान और स्नेह रखते हैं, और यह दौरा दोनों देशों की पुरानी दोस्ती और भरोसे का प्रतीक है।
दोनों देशों ने एक-दूसरे को किया सम्मानित
अपने दौरे के दौरान किंग अब्दुल्ला ने आसिम मुनीर को ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट (फर्स्ट डिग्री) से सम्मानित किया। यह पुरस्कार जॉर्डन-पाकिस्तान रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने में मुनीर की भूमिका की सराहना के तौर पर दिया गया। दूसरी ओर, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने किंग अब्दुल्ला को निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया। जवाब में किंग अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति जरदारी को 'विसाम अल-नहदा अल-मुर्सा' (ग्रैंड कॉर्डन ऑफ अल नहदा) प्रदान किया, जो जॉर्डन का एक प्रतिष्ठित राज्यसम्मान है।
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किंग अब्दुल्ला और जरदारी की बैठक में दोनों नेताओं ने यह जरूरत बताई कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जाए तथा जनता के बीच संपर्क बढ़ाया जाए- चाहे वह शिक्षा, व्यापार, पर्यटन या सांस्कृतिक साझेदारी के जरिए हो। शाह अब्दुल्ला द्वितीय का यह पाकिस्तान दौरा लगभग 21 साल बाद हुआ है, जो दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊर्जा देने वाला माना जा रहा है।