पाकिस्तान: विदेशी साजिश के आरोप पर दबाव में आई शाहबाज शरीफ सरकार
पीटीआई के नेता और पूर्व सूचना मंत्री फव्वाद चौधरी सरकारी घोषणा के तुरंत बाद कहा कि प्रस्तावित आयोग सच छिपाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा- ‘पीटीआई सिर्फ एक स्वतंत्र जांच आयोग को स्वीकार करेगी, जो खुले में सुनवाई करने को तैयार हो।’
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पूर्व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को गिराने के पीछे विदेशी साजिश के आरोप की जांच कराने के शाहबाज शरीफ सरकार के फैसले को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एक सियासी जीत के रूप में देखा जा रहा है। इसे इस बात संकेत माना जा रहा है कि मौजूदा सरकार इस मुद्दे पर इमरान खान को मिले रहे भारी जनसमर्थन के दबाव में आ गई है। पीटीआई सरकार के खिलाफ बीते मार्च में जब तत्कालीन विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, तभी से इमरान खान ये आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश अमेरिका ने रची, जिसमें उनके विरोधी दल शामिल हो गए।
स्वतंत्र जांच आयोग का गठन होगा
मौजूदा गठबंधन सरकार ने गुरुवार को एलान किया कि कथित विदेशी साजिश की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच आयोग का गठन किया जाएगा। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक प्रेस कांफ्रेंस में ये घोषणा की। लेकिन उन्होंने कहा कि प्रस्ताविक आयोग अपनी निष्पक्ष जांच से यह साबित कर देगा कि विदेशी साजिश की पूरी कहानी एक नाटक है, जिसके पीछे मुख्य किरदार इमरान खान हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोग की ऐसी रिपोर्ट आने के बाद जो भी विदेशी साजिश का आरोप लगाएगा, उस पर कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मरियम औरंगजेब ने दावा किया कि आयोग निष्पक्षता से जांच करेगा, इसलिए उसके निष्कर्षों पर इमरान खान समेत कोई सवाल नहीं उठा सकेगा। आयोग के लिए जांच के बिंदुओं (टर्म ऑफ रेफरंस) को मंजूरी संघीय मंत्रिमंडल देगा। औरंगजेब ने कहा कि इमरान खान ने अगर जांच रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया, तब भी संसद और पाकिस्तान के आवाम इसे मंजूर करेंगे।
पर्यवेक्षकों के मुताबिक औरंगजेब के बयानों से साफ है कि जांच आयोग के गठन के फैसले के पीछे पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का मकसद विदेशी साजिश के नैरेटिव को कमजोर करना है। लेकिन इसका दूसरा परिणाम यह होगा कि जब तक जांच चलेगी, ये मामला गरम रहेगा। टीकाकारों ने यह भी कहा है कि मरियम औरंगजेब ने आयोग के निष्कर्षों के बारे में पहले से अनुमान लगा कर सरकार का पक्ष कमजोर कर दिया है। इससे इमरान खान की पार्टी को यह दावा करने का मौका मिल गया है कि आयोग इस प्रकरण पर लीपापोती के लिए बनाया जा रहा है।
डोनाल्ड लू ने दी थी चेतावनी
पीटीआई के नेता और पूर्व सूचना मंत्री फव्वाद चौधरी सरकारी घोषणा के तुरंत बाद कहा कि प्रस्तावित आयोग सच छिपाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा- ‘पीटीआई सिर्फ एक स्वतंत्र जांच आयोग को स्वीकार करेगी, जो खुले में सुनवाई करने को तैयार हो।’
इमरान खान ने पिछले 27 मार्च को इस्लामाबाद में पीटीआई की तरफ से आयोजित एक रैली के दौरान एक पत्र दिखाया था। उन्होंने दावा किया कि वो पत्र उनकी सरकार गिराने के लिए रची गई विदेशी साजिश का सबूत है। बाद में यह सामने आया कि वह पत्र अमेरिका स्थित पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद ने भेजा था। उसमें उन्होंने दक्षिण और मध्य एशिया के मामलों के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू से हुई अपनी बातचीत का ब्योरा दिया था। बताया जाता है कि उसी बातचीत के दौरान लू ने चेतावनी दी थी कि अगर इमरान खान अपनी ‘स्वतंत्र’ विदेशी नीति पर चलते रहे, तो वे प्रधानमंत्री नहीं रह पाएंगे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस बात का खंडन कर चुका है। लेकिन इमरान खान ने विदेशी साजिश के नैरेटिव को जिंदा रखा है।