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Pakistan: राष्ट्रपति अल्वी का दो अहम विधेयकों पर हस्ताक्षर से इनकार; पीपीपी और पीएमएल-एन ने मांगा इस्तीफा

एएनआई, इस्लामाबाद। Published by: देव कश्यप Updated Sun, 20 Aug 2023 08:14 PM IST
सार

पीपीपी उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने कहा कि यह घटनाक्रम अल्वी के राष्ट्रपति बने रहने की क्षमता पर सवाल उठाता है। रहमान ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, क्या वह यह कहना चाह रहे हैं कि किसी और ने उनकी नाक के नीचे से विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है, तो राष्ट्रपति को इस्तीफा दे देना चाहिए।

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी। - फोटो : ANI (फाइल फोटो)
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विस्तार
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पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा रविवार को सेना और गुप्त कानूनों से संबंधित दो महत्वपूर्ण विधेयकों पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने उनके इस्तीफे की मांग की। न्यूज एजेंसी एएनआई ने पाक मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पीपीपी के प्रवक्ता फैसल करीम कुंडी ने इस घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" और अल्वी को राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य व्यक्ति बताया और दावा किया कि उन्हें नहीं पता कि उनके आसपास क्या हो रहा है।

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पीपीपी नेता ने कहा, मेरा मानना है कि ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर बने रहने के लायक नहीं है। इस व्यक्ति को नहीं पता कि क्या हो रहा है। उसे यह भी नहीं पता कि उसे किसने नजरअंदाज किया है। एक बयान में पीपीपी उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने कहा कि यह घटनाक्रम अल्वी के राष्ट्रपति बने रहने की क्षमता पर सवाल उठाता है। रहमान ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, क्या वह यह कहना चाह रहे हैं कि किसी और ने उनकी नाक के नीचे से विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है, तो राष्ट्रपति को इस्तीफा दे देना चाहिए।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक्स पर एक पोस्ट में पीएमएल-एन नेता और पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने अल्वी के बयान को "अविश्वसनीय" बताया और उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा, न्यूनतम नैतिकता के अनुसार अल्वी को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि वह अपने कार्यालय को प्रभावी ढंग से, कुशलतापूर्वक और नियमों के अनुसार चलाने में विफल रहे हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी कामकाज फाइलों पर होता है और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाता है, ऐसे बयान केवल कार्यालय के साथ खिलवाड़ का संकेत देते हैं। भगवान हमारी मदद करें!

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कानून और न्याय मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि संविधान के अनुच्छेद-75 के तहत एक विधेयक राष्ट्रपति को भेजा जाता है और उनके पास दो विकल्प होते हैं- या तो इसे मंजूरी दें या आपत्तियों के साथ इसे वापस कर दें। मंत्रालय ने कहा- अनुच्छेद-75 के तहत कोई तीसरा विकल्प नहीं है और वर्तमान मामले में राष्ट्रपति अल्वी ने उक्त अनुच्छेद के तहत अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं किया।

पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि आधिकारिक गोपनीयता (संशोधन) विधेयक और पाकिस्तान सेना (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित हो गए और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा विधेयकों पर हस्ताक्षर करने के बाद रविवार को कानून बन गए, लेकिन राष्ट्रपति अल्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि उन्होंने विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। वह कानूनों से असहमत थे।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एक्स पर लिखा, जैसा कि खुदा मेरा गवाह है, मैंने आधिकारिक गोपनीयता संशोधन विधेयक- 2023 और पाकिस्तान सेना संशोधन विधेयक- 2023 पर हस्ताक्षर नहीं किए क्योंकि मैं इन कानूनों से असहमत था। मैंने अपने कर्मचारियों से विधेयकों को अप्रभावी बनाने के लिए निर्धारित समय के भीतर बिना हस्ताक्षर किए वापस करने को कहा। मैंने उनसे कई बार पूछा की कि क्या उन्हें वापस कर दिया गया है और मुझे आश्वस्त किया गया था कि उन्हें वापस कर दिया गया है। हालांकि मुझे आज पता चला कि मेरे कर्मचारियों ने मेरी इच्छा और आज्ञा को नहीं माना। चूंकि अल्लाह सब जानता है, वह आईए (IA) को माफ कर देगा। लेकिन मैं उन लोगों से माफी मांगता हूं जो प्रभावित होंगे। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने कर्मचारियों से विधेयकों  को अप्रभावी बनाने के लिए निर्धारित समय के भीतर बिना हस्ताक्षर किए वापस करने को कहा था।

नेशनल असेंबली से मंजूरी के बाद दोनों बिल सीनेट में पेश किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेजरी सदस्यों ने बिलों की आलोचना की थी, जिसके बाद सीनेट अध्यक्ष ने बिलों को स्थायी समिति को भेज दिया था। बाद में, दोनों बिलों के कुछ विवादास्पद खंड हटा दिए गए और विधेयकों को सीनेट में फिर से पेश किया गया। मंजूरी के बाद इन्हें राष्ट्रपति अल्वी के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया, जिसके बारे में राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्होंने बिलों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
 

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