सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   Pakistan Shah Mehmood Qureshi Remand 9th May Violence PTI Imran Khan Supporters

Pakistan: पूर्व विदेश मंत्री की रिमांड पर अदालत में फैसला सुरक्षित; 9 मई की हिंसा मामले में अभी राहत नहीं

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: ज्योति भास्कर Updated Thu, 28 Dec 2023 03:34 PM IST
सार

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की रिमांड से जुड़ी याचिका पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बीते नौ मई को हुई हिंसा मामले में सजा काट रहे पूर्व विदेश मंत्री को पुलिस ने 30 दिन की रिमांड पर लेने की मांग की थी। पुलिस की याचिका पर गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

विज्ञापन
Pakistan Shah Mehmood Qureshi Remand 9th May Violence PTI Imran Khan Supporters
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फाइल) - फोटो : एएनआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व विदेश मंत्री की रिमांड से जुड़ी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पुलिस ने 30 दिन की रिमांड पर लेने की मांग की थी। गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। कुरैशी बीते नौ मई को पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मामले में सजा काट रहे हैं।
Trending Videos


पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 67 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री के साथ पुलिस अधिकारियों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है। कुरैशी को रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था। फरवरी में आम चुनाव से पीटीआई ने कुरैशी के खिलाफ कार्रवाई को 'अवैध' करार दिया है।
विज्ञापन
विज्ञापन


एजेंसियों से मांगी गई है रिपोर्ट
कुरैशी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट में बताया गया कि कुरैशी का मामला, ड्यूटी मजिस्ट्रेट सैयद जहांगीर अली की अदालत में है। अभियोजन पक्ष के वकील अकरम अमीन ने गुरुवार को अदालत से पीटीआई नेता कुरैशी की रिमांड मांगी। उन्होंने कहा, आतंकवाद के मामले में 90 दिनों तक की रिमांड दी जा सकती है। अकरम ने कहा कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए), पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) और खुफिया एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी गई है।

'पूर्व विदेश मंत्री ने कराया पाकिस्तान में संस्थानों पर हमला'
उन्होंने अदालत में वीडियो बयान और कुरैशी के ट्वीट को सबूत के तौर पर पेश किया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि इस साल मई में हिंसा के दौरान कुरैशी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर विरोध की अपील करते हुए वीडियो शेयर किया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, विरोध का आह्वान इस बात का अकाट्य सबूत है कि पाकिस्तान में संस्थानों पर हमला किया गया। उन्होंने कहा, 'हमें देखना होगा कि विरोध के आह्वान के पीछे कौन से तत्व थे।'

30 दिनों की रिमांड पर फैसला सुरक्षित
कुरैशी की रिमांड की मांग का विरोध करते हुए उनके वकील मलिक इमरान ने कहा, पुलिस जिस वीडियो का जिक्र कर रही है, इससे जुड़ी रिपोर्ट में या पीटीआई नेता के भाषण में ऐसा कोई शब्द नहीं, जिसके आधार पर उनके मुवक्किल के खिलाफ सख्त मामला दर्ज किया जा सके। उन्होंने एफआईआर की प्रति नदारद होने पर भी सवाल खड़े किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने कुरैशी को 30 दिन की रिमांड पर भेजने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

प्रताड़ित करने का आरोप, 9 मई को कराची में होने का दावा
ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने गवाही के दौरान कुरैशी ने दावा किया कि पिछले कुछ महीनों के दौरान उन्हें 'मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। साथ ही उन्हें कड़ाके की ठंड के मौसम में रखा गया। उन्होंने कहा, वह पवित्र कुरान की कसम खा सकते हैं कि वह 9 मई को रावलपिंडी के बजाय कराची में थे। उन्होंने कहा, 'मैं आगा खान अस्पताल में अपनी पत्नी के साथ था। पीईएमआरए से रिकॉर्ड सत्यापित कराने की मांग करते हुए कुरैशी ने कहा कि वह 9 मई को कराची में मौजूद थे।

हिंसा के आरोप में कठघरे में इमरान और उनके समर्थक
गौरतलब है कि इस साल 9 मई को हजारों पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थकों ने देश भर में हिंसा की थी। कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी से आक्रोशित समर्थकों ने सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमला किया। हिंसा के आरोप में इमरान, शाह महमूद कुरैशी और पीटीआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ अदालतों में कई मामले चल रहे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed