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Pakistan: पाकिस्तान में फिर आत्मघाती हमला, 12 सैनिकों की मौत, छह आतंकी ढेर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 20 Nov 2024 03:00 PM IST
सार
पुलिस के मुताबिक आत्मघाती विस्फोट के चलते माली खेल चौकी के साथ ही कई सैन्य वाहनों को भी भारी नुकसान हुआ है। हाफिज गुल बहादुर सशस्त्र समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
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पाकिस्तान में आतंकी हमला (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : ANI
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विस्तार
पाकिस्तान में लगातार आतंकी घटनाएं जारी हैं। अब ताजा आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी सेना के 12 सैनिकों की मौत हो गई है। यह आत्मघाती हमला उस वक्त हुआ, जब एक आतंकी ने अपने विस्फोटक लदे वाहन को सेना की चेकपोस्ट से टकरा दिया। इससे हुए धमाके में 12 जवानों की मौत हो गई। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही इसी क्षेत्र में एक अन्य आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना के आठ सैनिक मारे गए थे।
पाकिस्तानी सेना की चेकपोस्ट के पास हुआ धमाका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की उत्तर पश्चिम सीमा पर स्थित प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू में एक आतंकी ने सेना की चेकपोस्ट के पास अपने विस्फोटक लदे वाहन में धमाका कर दिया, जिसकी चपेट में आकर पाकिस्तानी सेना के 12 सैनिकों और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो जवानों की मौत हो गई। आत्मघाती हमले के बाद अन्य आतंकियों ने पाकिस्तानी चेकपोस्ट पर गोलीबारी भी की। हमले में सात अन्य घायल भी हुए हैं। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में छह आतंकी भी मारे गए हैं। पुलिस के मुताबिक आत्मघाती विस्फोट के चलते माली खेल चौकी के साथ ही कई सैन्य वाहनों को भी भारी नुकसान हुआ है। हाफिज गुल बहादुर सशस्त्र समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) के अनुसार, चालू वर्ष की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में हिंसा में 90 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, स्थानीय मीडिया ने पहले बताया था। यह हमला देश के पाकिस्तान सरकार और सैन्य नेतृत्व द्वारा मंगलवार को बलूचिस्तान में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ एक 'व्यापक सैन्य अभियान' को मंजूरी देने के एक दिन बाद हुआ है, जिसका उद्देश्य प्रांत में उग्रवाद की लहर को रोकना है, जिसने हाल के महीनों में कई घातक हमले देखे हैं।
एक दिन पहले भी हुआ था हमला
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए एक अन्य आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना के आठ सैनिकों की मौत हुई थी। इस झड़प में आतंकियों और सैनिकों के बीच कई घंटों तक गोलीबारी हुई थी, जिसमें 9 आतंकी और सेना के आठ जवान मारे गए थे। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान आतंकी गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। टीटीपी ने कहा कि उसके लड़ाकों को सेना द्वारा निशाना बनाए जाने के जवाब में यह हमला किया गया था। बता दें कि सोमवार को बन्नू चेकपॉइंट के नजदीक ही आतंकियों ने सात पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
पाकिस्तानी सेना पर लगातार हो रहे बड़े हमले
टीटीपी और हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह दोनों अलग-अलग आतंकी संगठन हैं, लेकिन दोनों 2001 से अमेरिका के नेतृत्व वाले NATO गठबंधन के खिलाफ़ युद्ध में अफ़गान तालिबान का समर्थन करने में सक्रिय थे। अफगान तालिबान ने 2021 में काबुल में सत्ता हासिल की, उसके बाद से पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में आतंकी घटनाओं में तेजी आई है। टीटीपी ने अक्टूबर के अंत में भी खैबर पख्तूनख्वा में एक चेक पोस्ट पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें दस पुलिस अधिकारी मारे गए थे। पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में, शनिवार को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) समूह के अलगाववादी लड़ाकों ने एक सीमा चौकी पर सात सैनिकों की हत्या कर दी। यह घटना प्रांतीय राजधानी क्वेटा के एक ट्रेन स्टेशन पर इसी समूह द्वारा किए गए बम विस्फोट के एक सप्ताह बाद हुई, जिसमें 14 सैनिकों सहित 26 लोग मारे गए थे।
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पाकिस्तानी सेना की चेकपोस्ट के पास हुआ धमाका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की उत्तर पश्चिम सीमा पर स्थित प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू में एक आतंकी ने सेना की चेकपोस्ट के पास अपने विस्फोटक लदे वाहन में धमाका कर दिया, जिसकी चपेट में आकर पाकिस्तानी सेना के 12 सैनिकों और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो जवानों की मौत हो गई। आत्मघाती हमले के बाद अन्य आतंकियों ने पाकिस्तानी चेकपोस्ट पर गोलीबारी भी की। हमले में सात अन्य घायल भी हुए हैं। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में छह आतंकी भी मारे गए हैं। पुलिस के मुताबिक आत्मघाती विस्फोट के चलते माली खेल चौकी के साथ ही कई सैन्य वाहनों को भी भारी नुकसान हुआ है। हाफिज गुल बहादुर सशस्त्र समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
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थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) के अनुसार, चालू वर्ष की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में हिंसा में 90 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, स्थानीय मीडिया ने पहले बताया था। यह हमला देश के पाकिस्तान सरकार और सैन्य नेतृत्व द्वारा मंगलवार को बलूचिस्तान में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ एक 'व्यापक सैन्य अभियान' को मंजूरी देने के एक दिन बाद हुआ है, जिसका उद्देश्य प्रांत में उग्रवाद की लहर को रोकना है, जिसने हाल के महीनों में कई घातक हमले देखे हैं।
एक दिन पहले भी हुआ था हमला
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए एक अन्य आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना के आठ सैनिकों की मौत हुई थी। इस झड़प में आतंकियों और सैनिकों के बीच कई घंटों तक गोलीबारी हुई थी, जिसमें 9 आतंकी और सेना के आठ जवान मारे गए थे। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान आतंकी गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। टीटीपी ने कहा कि उसके लड़ाकों को सेना द्वारा निशाना बनाए जाने के जवाब में यह हमला किया गया था। बता दें कि सोमवार को बन्नू चेकपॉइंट के नजदीक ही आतंकियों ने सात पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
पाकिस्तानी सेना पर लगातार हो रहे बड़े हमले
टीटीपी और हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह दोनों अलग-अलग आतंकी संगठन हैं, लेकिन दोनों 2001 से अमेरिका के नेतृत्व वाले NATO गठबंधन के खिलाफ़ युद्ध में अफ़गान तालिबान का समर्थन करने में सक्रिय थे। अफगान तालिबान ने 2021 में काबुल में सत्ता हासिल की, उसके बाद से पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में आतंकी घटनाओं में तेजी आई है। टीटीपी ने अक्टूबर के अंत में भी खैबर पख्तूनख्वा में एक चेक पोस्ट पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें दस पुलिस अधिकारी मारे गए थे। पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिम में, शनिवार को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) समूह के अलगाववादी लड़ाकों ने एक सीमा चौकी पर सात सैनिकों की हत्या कर दी। यह घटना प्रांतीय राजधानी क्वेटा के एक ट्रेन स्टेशन पर इसी समूह द्वारा किए गए बम विस्फोट के एक सप्ताह बाद हुई, जिसमें 14 सैनिकों सहित 26 लोग मारे गए थे।