पीएम शाहबाज शरीफ ने दी चेतावनी: अब पाकिस्तान में सिर्फ कब्रगाहें नजर आएंगी
प्रधानमंत्री शरीफ ने नेशनल असेंबली में कहा कि इमरान खान जो बयान दे रहे हैं, वे बहुत खतरनाक और डरावने हैं। शरीफ ने कहा कि अगर इसे कानून और संविधान के प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए नहीं रोका गया, तो पाकिस्तान की हालत सीरिया और लीबिया जैसी हो जाएगी...
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पाकिस्तान में सत्ता से हटने के बावजूद ऐसा लगता है कि देश का सियासी एजेंडा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ही तय कर रहे हैं। उनके समर्थकों के बयानों से आहत सेना नेतृत्व के सफाई देने के एक दिन बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को अपनी तरफ से स्पष्टीकरण देना पड़ा। उधर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने धमकी दी कि अगर इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-इंसाफ (पीटीआई) के नेता इसी तरह सरकारी संस्थानों के खिलाफ बयानबाजी करते रहे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रविवार को एबटाबाद की रैली में इमरान खान ने उनकी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव के दौरान देश की सर्वोच्च न्यायपालिका के व्यवहार पर फिर सवाल उठाए थे। बीती तीन अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव रद्द करने के नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहल पर सुनवाई शुरू कर दी थी। उसके बाद नौ अप्रैल को जब अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में देर हो रही थी, तब कोर्ट ने आधी रात बैठने का फैसला कर लिया।
चीफ जस्टिस ने दिया इमरान को जवाब
इमरान खान ने रविवार को पूछा कि उनकी सरकार गिराने के लिए इतने सक्रिय हुए जजों को इस बात की फिक्र क्यों नहीं है कि नए मंत्रिमंडल के आधे से ज्यादा सदस्य जमानत पर हैं? उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि उनकी पार्टी छोड़ने वाले 22 सांसदों के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत दायर मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करने की जल्दी क्यों नहीं दिखाई है।
इससे आहत चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने सोमवार को कहा कि उन्होंने संसदीय संकट के मामले में अपनी पहल पर सुनवाई का फैसला सुप्रीम कोर्ट के सभी 12 जजों की राय लेने के बाद किया था। उन सभी जजों की राय थी कि यह एक संवैधानिक मसला है।
उधर प्रधानमंत्री शरीफ ने नेशनल असेंबली में कहा कि इमरान खान जो बयान दे रहे हैं, वे बहुत खतरनाक और डरावने हैं। उन्होंने कहा- इमरान खान ने राजकीय संस्थान के खिलाफ जहर उगला है। इसे पाकिस्तान के खिलाफ साजिश बताते हुए शरीफ ने कहा कि अगर इसे कानून और संविधान के प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए नहीं रोका गया, तो पाकिस्तान की हालत सीरिया और लीबिया जैसी हो जाएगी, जहां आज सिर्फ कब्रगाहें नजर आती हैं। बाद में नेशनल असेंबली ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें इमरान खान के बयानों की निंदा की गई।
इमरान की सभाओं में भारी भीड़
विश्लेषकों के मुताबिक पहले सेना और अब चीफ जस्टिस और प्रधानमंत्री के वक्तव्यों से यह स्पष्ट है कि इमरान खान के हमलों से ये सभी हिले हुए हैं। उन्हें खास चिंता इस बात से है कि इमरान खान की सभाओं में भारी भीड़ इकट्टी हो रही है। उधर पीटीआई के समर्थक सोशल मीडिया पर सरकार, सेना और न्यायपालिका पर लगातार निशाना साध रहे हैं। प्रधानमंत्री और मंत्रियों को वे लुटेरों और विदेशी दलालों का गिरोह बता रहे हैं।
प्रधानमंत्री के भाषण पर इमरान खान ने उग्र प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- मैं ऐसा कभी कुछ नहीं करूंगा, जिससे देश को नुकसान हो। मैं हमेशा पाकिस्तान में ही रहूंगा, कभी नवाज शरीफ की तरह भाग कर मैं लंदन नहीं जाने वाला हूं। पर्यवेक्षकों के मुताबिक इस तेवर से खान ने साफ कर दिया है कि उनके अभियान और उनकी भाषा में कोई नरमी नहीं आने वाली है।