सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   President of Nepal convenes all party meeting amid the political crisis in the country

नेपाल: राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने बुलाई सभी दलों की बैठक, देश में जारी राजनीतिक संकट पर करेंगी चर्चा

वर्ल्ड डेस्क, अमर अजाला, काठमांडू Published by: प्रियंका तिवारी Updated Tue, 16 Mar 2021 03:26 PM IST
विज्ञापन
President of Nepal convenes all party meeting amid the political crisis in the country
नेपाल की राष्ट्रपति विद्या भंडारी - फोटो : ANI
विज्ञापन

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने देश में जारी राजनीतिक संकट के बीच समकालीन मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। काठमांडू के एक वेबसाइट की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति कार्यालय के वरिष्ठ संचार विशेषज्ञ टीका ढकल ने बताया कि राष्ट्रपति भंडारी ने संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी दलों के नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्रियों को समकालीन राजनीति पर चर्चा के लिए बुलाया है।

Trending Videos


प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की नेकपा एमाले, माधव कुमार नेपाल और झल्ला नाथ खनाल नीत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी, पुष्पा कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली नेकपा (माओवादी केंद्र), जनता समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय प्रजातांत्र पार्टी, राष्ट्रीय जनमोर्चा और नेपाल मज़दूर लिसा पार्टी के नेता इस बैठक में शामिल होंगे।
विज्ञापन
विज्ञापन


इससे पहले, एक अन्य वेबसाइट की खबर के अनुसार नेकपा-माओवादी केंद्र के सदस्य शिव कुमार मंडल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड सदैव ही देश की सभी कम्युनिस्ट शक्तियों के बीच एकजुटता के पक्ष में रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि पार्टी के नाम से माओवादी केंद्र हटाने से इन शक्तियों को एकजुट होने में मदद मिल सकती है तो पार्टी उसके लिए तैयार है।

पार्टी के नाम में बदलाव का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब नेकपा-माओवादी केंद्र थोड़ी मुश्किलों में है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री ओली के नेकपा-एमाले का नेकपा-माओवादी केंद्र में विलय को खारिज कर दिया है। इससे एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां प्रधानमंत्री ओली पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत होने के रूप में देखते हैं। उन्हें केंद्रीय समिति और संसदीय दल में स्पष्ट बहुमत प्राप्त है।

गौरतलब है कि 2017 के आम चुनाव में नेकपा-एमाले और नेकपा-माओवादी केंद्र के गठबंधन की जीत के बाद दोनों ही दलों ने मई, 2018 में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के रूप में आपस में विलय कर लिया था। दिसंबर, 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा को भंग करने के ओली के कदम के बाद सत्तारूढ़ एनसीपी में विभाजन हो गया था। अपने ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष अदालत ने संसद के निचले सदन को बहाल कर दिया था।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed