{"_id":"5cc8187cbdec2206fe05fc1b","slug":"president-of-sri-lanka-lifts-ban-on-several-social-media-networks","type":"story","status":"publish","title_hn":"श्रीलंका में राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया से हटाया प्रतिबंध","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
श्रीलंका में राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया से हटाया प्रतिबंध
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Published by: Shilpa Thakur
Updated Tue, 30 Apr 2019 03:42 PM IST
निरंतर एक्सेस के लिए सब्सक्राइब करें
विज्ञापन
प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : File Photo
श्रीलंका सरकार ने देशभर में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर लगाई गई रोक को मंगलवार को हटा लिया है। यह प्रतिबंध 21 अप्रैल को हुए आतंकी हमलों के बाद गलत सूचनाओं के प्रवाह को रोकने के मकसद से लगाया गया था।
आगे पढ़ने के लिए लॉगिन या रजिस्टर करें
अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ रजिस्टर्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैं
अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ सब्सक्राइब्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैं
फ्री ई-पेपर
सभी विशेष आलेख
सीमित विज्ञापन
सब्सक्राइब करें
सूचना विभाग के मुताबिक राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने दूरसंचार नियामक आयोग (टीआरसी) को फेसबुक, व्हाटसअप, यू-ट्यूब और अन्य लोकप्रिय सोशल मीडिया मंचों पर लगे प्रतिबंध को 30 अप्रैल से हटा लेने के निर्देश दिए।
संडे टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार ने लोगों से सोशल मीडिया साइट पर "अत्यंत जिम्मेदारी" के साथ कुछ भी साझा करने को कहा है और उनसे देश की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखने को कहा है।
श्रीलंका ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर तब रोक लगा दी थी जब 21 अप्रैल को तीन गिरजाघरों और तीन आलीशान होटलों में हुए भीषण धमाकों में 253 लोगों की मौत हो गई थी तथा 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
श्रीलंका के इतिहास में ऐसा पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया हो। बीते साल भी यहां सरकार ने कुछ सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म में अफवाहों के चलते प्रतिबंध लगा दिया था। जिनसे मुस्लिम विरोधी दंगे और लिंचिंग होने का डर था।
हालांकि इस बात का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है कि ये प्रतिबंध कितना कारगर रहा है। जांच में पता चला कि आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले सभी लोग मुस्लिम थे। जिसके बाद से यहां के मुस्लिमों पर भीड़ द्वारा हमले की खबरें भी आईं। यहां मुस्लिम कुल जनसंख्या का दस फीसदी हैं। आतंकी हमलों के बाद से यहां सेना द्वारा तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसमें कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
आतंकी हमलों की जिम्मेदारी वैश्विक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है। लेकिन यहां की सरकार का मानना है कि इसमें नेशनल तौहीद जमात का हाथ भी है। ये श्रीलंका स्थित एक कट्टरवादी इस्लामी संगठन है।