ब्राजील: टेमर बने नए राष्ट्रपति, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती
डिल्मा रूसेफ को महाभियोग के जरिए हटाने के बाद माइकल टिमर ब्राजील के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को पटरी में लाना है। मई में डिल्मा रूसेफ को भ्रष्टाचार के आरोप के चलते निलंबित कर दिया गया है और माइकल को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया था।
बुधवार को ब्राजील की सीनेट की ओर से रूसेफ को हटाने के बाद माइकल ब्राजील के नए राष्ट्रपति पद पर काबिज हो गए। रूसेफ को हटाए जाने से ब्राजील समाज दो हिस्सों में बंट गया है और मतभेद बढ़ने लगे हैं। ऐसे में रूसेफ को हराने के बाद अब माइकल पर देश की अर्थव्यवस्था को मंदी से बाहर निकालने की कड़ी चुनौती होगी।
रूसेफ के उप राष्ट्रपति के रूप में काम कर चुके माइकल को रोजगार के अवसर पैदा करने और सकल घरेलू उत्पाद को बेहतर स्थिति में लाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। माइकल के लिए अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाना पहले से ही बड़ी चुनौती बनी हुई है।
पिछले साल देश के 17 लाख से ज्यादा लोग अपनी नौकरियां गवां चुके हैं
पिछले नौ तिमाही के दौरान ब्राजील के प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में 9.7 फीसदी में की गिरावट आई है। इसके अलावा बेरोजगारी की दर बढ़कर 11.6 फीसदी तक पहुंच गई है, जो 2014 के आखिरी तक 6.5 फीसदी थी। पिछले साल देश के 17 लाख से ज्यादा लोग अपनी नौकरियां गवां चुके हैं।
ब्राजील की अर्थव्यवस्था में यह गिरावट उस वक्त देखी गई, जब माइकल जैसे राजनेता सत्ता के लिए मोर्चा खोले हुए थे। कुछ युवाओं का कहना है कि माइकल की ओर से लोकतंत्र पर हमला देश को डुबा देगा। उनका कहना है कि माइकल ने अपने राजनीतिक हित के लिए रूसेफ को सत्ता से बाहर किया।
हालांकि माइकल ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने का संकल्प लिया है। उन्होंने सार्वजनिक कंपनियों के निजीकरण करने और सरकारी खर्चे में कमी लाने की भी बात कही है।
माइकल पर घूस लेने का लग चुका है आरोप
कई कारोबारियों के साथ करीबी संबंध होने को लेकर भी वह विवादों में गिर चुके हैं। हालांकि माइकल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को हमेशा से ही खारिज किया है। ब्राजील में भ्रष्टाचार भी अर्थव्यवस्था की बदहाली के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है।