{"_id":"5e08192c8ebc3e87927971e0","slug":"saudi-arabia-host-oic-meeting-on-kashmir-issue-relations-with-india-deteriorate-pakistan","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"कश्मीर मुद्दे पर सऊदी बुलाएगा ओआईसी की बैठक, भारत के साथ रिश्तों में आ सकती है खटास","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
कश्मीर मुद्दे पर सऊदी बुलाएगा ओआईसी की बैठक, भारत के साथ रिश्तों में आ सकती है खटास
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, रियाद
Published by: अनवर अंसारी
Updated Sun, 29 Dec 2019 08:47 AM IST
विज्ञापन
saudi crown prince and imran khan
- फोटो : twitter
विज्ञापन
सऊदी अरब ने कश्मीर मुद्दे पर सभी इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों के 'ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन' (ओआईसी) बैठक आयोजित करने जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बैठक से इस खाड़ी देश और भारत के रिश्तों में खटास आ सकती है।
Trending Videos
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में मलयेशिया में भी इस तरह के एक इस्लामिक शिखर सम्मेलन का आयोजिन किया जाना था, जिसमें पाकिस्तान शामिल भी हो रहा था। लेकिन, सऊदी अरब द्वारा पाकिस्तान को मना किए जाने के बाद उसने इस सम्मेलन से खुद को बाहर कर लिया था। इसलिए माना जा रहा है कि रियाद का कश्मीर मुद्दे पर बैठक करने का फैसला इस्लामाबाद को अपनी तरफ रखने के लिए एक कदम है।
विज्ञापन
विज्ञापन
पाकिस्तान को किंगडम द्वारा इस मुद्दे पर बैठक की जानकारी सऊदी सरकार के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल-सऊद के इस सप्ताह इस्लामाबाद की यात्रा के दौरान दिया गया था। दरअसल, कुआलालंपुर में मलयेशिया के प्रधानमंत्री डॉक्टर म्हातिर मोहम्मद की अध्यक्षता में इस्लामिक मुद्दों पर बैठक से बाहर निकलने के लिए सऊदी अरब द्वारा पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को मजबूर किया गया था। इसलिए यह कदम पाकिस्तान को रियायत देने के लिए उठाया गया है।
मलयेशिया की राजधानी में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में पाकिस्तान तु्र्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और मलयेशियाई पीएम म्हातिर मोहम्मद के साथ एक प्रमुख प्रस्तावक था। लेकिन सऊदी के पाकिस्तान को मना करने के बाद उसने खुद को इस सम्मेलन से बाहर कर लिया। सऊदी के लिए चिंता की बात यह भी थी कि इस सम्मेलन में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भी भाग लेने वाले थे, जिसे सऊदी के लिए एक खतरे के रूप में देखा जा रहा था।
फिलहाल, ओआईसी बैठक की तारीखों को तय किया जा रहा है। सऊदी अरब की बैठक आयोजित करने के लिए सहमत होना, रियाद और नई दिल्ली के रिश्ते में नकारात्मक रूप से देखा जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी काफी बढ़ी है।
वहीं, पाकिस्तान को लग रहा था कि कश्मीर मुद्दे पर उसे किसी भी इस्लामिक देश का समर्थन नहीं मिल रहा था, लेकिन अब इस बैठक को एक समर्थन के रूप में माना जा रहा है।
क्या है आईओसी और क्या भारत इसका सदस्य है?
ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन (आईओसी) की स्थापना मोरक्को के रबात में 25 सितंबर 1969 को हुए ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में हुई थी। आईओसी संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है तथा इसके सदस्य देशों की संख्या 57 है।
बता दें कि भारत आईओसी का सदस्य देश नहीं है। मार्च 2019 में पहली बार भारत को गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर विदेशमंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिये आमंत्रित किया था।
आईओसी विश्व के विभिन्न लोगों के बीच आईओसी शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की भावना से मुस्लिम जगत के हितों की रक्षा तथा संरक्षण का प्रयास करता है। आईओसी के पास संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के स्थायी प्रतिनिधिमंडल हैं। इसका मुख्यालय सऊदी अरब के जेद्दा में स्थित है।
बता दें कि भारत आईओसी का सदस्य देश नहीं है। मार्च 2019 में पहली बार भारत को गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर विदेशमंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिये आमंत्रित किया था।
आईओसी विश्व के विभिन्न लोगों के बीच आईओसी शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की भावना से मुस्लिम जगत के हितों की रक्षा तथा संरक्षण का प्रयास करता है। आईओसी के पास संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के स्थायी प्रतिनिधिमंडल हैं। इसका मुख्यालय सऊदी अरब के जेद्दा में स्थित है।