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BRICS: 'ब्रिक्स देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग करने की अपार संभावनाएं', दक्षिण अफ्रीका के मंत्री का बयान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जॉहानेसबर्ग Published by: नितिन गौतम Updated Sat, 05 Oct 2024 08:20 AM IST
सार

रामोकगोपा ने कहा, 'हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ये परिवर्तन हमारी ऊर्जा सुरक्षा और संप्रभुता को भी सुरक्षित रखें साथ ही सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा दें और सार्वभौमिक पहुंच को भी सुगम बनाएं, और पर्यावरण का भी ख्याल रखें।

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South African minister said Huge potential for BRICS countries to cooperate in energy security
ब्रिक्स के सदस्य देशों के नेता - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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दक्षिण अफ्रीका के ऊर्जा और विद्युत मंत्री कोसिएंत्सो रामोकगोपा ने इस सप्ताह की शुरुआत में आयोजित हुई ब्रिक्स देशों की ऊर्जा मंत्रीस्तरीय बैठक में कहा कि ब्रिक्स देशों में ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। यह बैठक रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित हुई। 
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ऊर्जा बदलावों और विकास लक्ष्यों को संतुलित करने में आ रही चुनौती
रामोकगोपा ने कहा, 'हमारा मानना है कि समान विचारधारा वाले देशों के इस ब्रिक्स समूह में ऊर्जा सहयोग को लेकर अपार संभावनाएं हैं। साथ ही हम साथ मिलकर एकीकृत ऊर्जा नीति ढांचे की कमियों को भी दूर कर सकते हैं, जिसकी दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स सम्मेलन 2023 के दौरान पहचान की गई थी।' मंत्री ने कहा कि यह बैठक महत्वपूर्ण समय में हुई हैं क्योंकि हमारे देशों को विकास लक्ष्यों और ऊर्जा में बदलाव के बीच संतुलन स्थापित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 
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'यह सुनिश्चित किया जाए-कोई भी पीछे न छूटे'
रामोकगोपा ने कहा, 'हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ये परिवर्तन हमारी ऊर्जा सुरक्षा और संप्रभुता को भी सुरक्षित रखें साथ ही सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा दें और सार्वभौमिक पहुंच को भी सुगम बनाएं, और पर्यावरण का भी ख्याल रखें। यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पीछे न छूटे।' जनवरी में ब्रिक्स समूह में इसके मूल सदस्यों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को भी नए सदस्यों के रूप में शामिल किया गया था। 

दुनिया के सबसे प्रभावी संगठनों में से एक है ब्रिक्स
रामोकगोपा ने कहा कि इस वर्ष जी-20 की मेजबानी ब्राजील कर रहा है और 2025 में दक्षिण अफ्रीका करेगा। इन मंचों का उपयोग विकासशील देशों के रूप में हमारे साझा दृष्टिकोण को प्रचारित करने के लिए किया जाना चाहिए। ब्रिक्स का 15वां शिखर सम्मेलन इस साल जनवरी में रूस में हुआ था। ब्रिक्स संगठन की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्थाएं दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं। ब्रिक्स देशों के पास दुनिया के कुल भू-क्षेत्र का लगभग 30% हिस्सा और दुनिया की कुल आबादी का करीब 45% हिस्सा है। 
ब्रिक्स देशों को जी7 ब्लॉक का प्रमुख भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। ब्रिक्स का मुख्यालय चीन के शंघाई में है।

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