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Pakistan: आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन; कुरैशी को किया गया पेश

पीटीआई, इस्लामाबाद। Published by: देव कश्यप Updated Mon, 21 Aug 2023 04:32 PM IST
सार

आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश अबुल हसनत आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत कुरेशी के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर रहे हैं। उन्होंने बंद कमरे में सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत कक्ष से अनाधिकृत लोगों को बाहर निकालने का आदेश दिया।

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Special court formed to hear cases under Official Secrets Act; former minister Qureshi presented before it
इमरान खान के साथ शाह महमूद कुरैशी (फाइल फोटो) - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत की स्थापना की। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को उनके खिलाफ कड़े कानून के तहत दर्ज गुप्त मामले की सुनवाई के लिए इसके समक्ष पेश किया गया। शाह महमूद कुरैशी को गोपनीय राजनयिक दस्तावेज लीक करने के आरोप में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत शनिवार को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। 

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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उपाध्यक्ष कुरैशी (67) को शनिवार रात को गिरफ्तार किए जाने के तुरंत बाद संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के मुख्यालय में ले जाया गया था।कुरैशी को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि विदेश मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास की ओर से विदेश कार्यालय को भेजे गए आधिकारिक दस्तावेज की गोपनीयता भंग की।
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कथित सिफर (गोपनीय दस्तावेज) में पिछले साल दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डोनाल्ड लू और पाकिस्तानी दूत असद मजीद खान सहित अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक का विवरण था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश अबुल हसनत आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत कुरेशी के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर रहे हैं। उन्होंने बंद कमरे में सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत कक्ष से अनाधिकृत लोगों को बाहर निकालने का आदेश दिया। न्यायाधीश ने आदेश दिया, यह आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का मामला है, जो इस मामले से जुड़े नहीं हैं उन लोगों को बाहर चले जाना चाहिए।

हालांकि, एफआईए टीम अदालत में मौजूद थी। वहीं, अदालत कक्ष के बाहर इस्लामाबाद पुलिस की भारी टुकड़ी तैनात थी। पीटीआई के वकील भी अदालत कक्ष के अंदर मौजूद थे, जबकि पार्टी के जूनियर वकीलों को बाहर जाने का आदेश दिया गया था। सुनवाई की शुरुआत में एफआईए अभियोजक ने कथित लापता गोपनीय दस्तावेज की बरामदगी के लिए कुरैशी की फिजिकल रिमांड की मांग की, जबकि वकील शाहीन ने एफआईए की याचिका का विरोध किया। कानून के अनुसार अदालत की कार्यवाही कैमरे में कैद होगी।

बता दें कि इस अदालत की स्थापना राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की मंजूरी पर विवाद के बीच हुई है। सात अगस्त को नेशनल असेंबली के विघटन से कुछ दिन पहले इस कानून को हरी झंडी दी गई थी। क़ुरैशी और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान दोनों पर राजनीतिक लाभ के लिए राजनयिक सिफर (गोपनीय दस्तावेज) का उपयोग करने के लिए अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है।

एफआईआर में कहा गया है कि पीटीआई अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री दोनों ने गोपनीय दस्तावेज की सामग्री को अनधिकृत व्यक्तियों को बताया और राज्य सुरक्षा के हितों के लिए हानिकारक तरीके से गुप्त उद्देश्यों और व्यक्तिगत लाभ के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। इस मामले में 67 वर्षीय कुरैशी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 70 वर्षीय खान के खिलाफ एफआईए ने 15 अगस्त को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 की धारा पांच का इस्तेमाल करते हुए मामला दर्ज किया था।

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