Sri Lanka: टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ कर्मचारी आंदोलन तेज, 15 मार्च से आम हड़ताल
Sri Lanka: फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (एफयूटीए) की प्रवक्ता ने कहा- ‘अब अधिक इंतजार नहीं किया जा सकता। 15 मार्च के पहले सरकार को फैसला करना होगा, वरना 15 तारीख से देश में पानी, बिजली, जहाजरानी और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की सेवाएं बंद हो जाएंगी।’
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श्रीलंका में पिछले दिनों की गई टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। उन्होंने 15 मार्च को आम हड़ताल का एलान किया है। खास बात यह है कि इस आंदोलन की कमान ऊंची तनख्वाह वाले कर्मचारियों के हाथ में है। जिन क्षेत्रों के कर्मचारी आंदोलन में शामिल हुए हैं, उनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और बंदरगाह भी शामिल हैं। श्रीलंका सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शर्तों को पूरा करने की कोशिश में इनकम टैक्स दरों भारी इजाफा किया है।
फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (एफयूटीए) की प्रवक्ता चारूदत्ता इलांगासिंघे ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अब निर्णायक संघर्ष का समय आ गया है। उन्होंने कहा- ‘अब अधिक इंतजार नहीं किया जा सकता। 15 मार्च के पहले सरकार को फैसला करना होगा, वरना 15 तारीख से देश में पानी, बिजली, जहाजरानी और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की सेवाएं बंद हो जाएंगी।’ इलांगासिंघे ने कहा कि सरकार अगर एक उचित टैक्स सिस्टम का प्रस्ताव सामने रखे, तो ट्रेड यूनियनें उस पर बातचीत करने को तैयार हैं।
ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा है कि टैक्स नीति के खिलाफ हाल में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए हैं। लेकिन अब वक्त पूरा काम रोकने का आ गया है। इलांगासिंघे ने कहा- ‘हम रोज एक स्विच ऑफ कर रहे थे। लेकिन 15 मार्च को मेन स्विच को ऑफ कर दिया जाएगा।’ उन्होंने चेतावनी दी कि इससे लोगों को जो दिक्कत होगी, उसके लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं होंगे। उन्होंने कहा- ‘हमारे डॉक्टरों, बैंककर्मियों और बंदरगाह कर्मचारियों तो दोषी मत ठहराइए। यह जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी।’
सिलोन बैंक एम्पलॉइज यूनियन के अध्यक्ष चन्ना दिसानायके ने एलान किया है कि बैंक कर्मचारी भी 15 मार्च की हड़ताल में शामिल होंगे। सिलोन बैंक एम्पलॉइज यूनियन में 18 अलग-अलग बैंकों की यूनियनें शामिल हैं। साथ ही सेंट्रल बैंक के कर्मचारियों की चार यूनियनें भी इसकी सदस्य हैं। दिसानायके ने कहा- ‘कई प्राइवेट बैंकों के कर्मचारी भी हमारे आंदोलन में शामिल हुए हैं। हम बैंकिंग सिस्टम के हिस्से के रूप में एकजुट हुए हैं और ट्रेड यूनियन गतिविधियों को तेज करने का फैसला किया है। इसमें 15 मार्च से शुरू हो रहे सप्ताह में हड़ताल का निर्णय भी शामिल है। जब पेशेवरकर्मियों पर अनुचित टैक्स लगाया जाता है, तो उसका असर सिर्फ पेशेवरकर्मियों पर ही नहीं, बल्कि उनके नीचे के हर स्तर पर पड़ता है। इससे देश में आर्थिक मंदी की शुरुआत हो सकती है।’
श्रीलंका में ट्रेड यूनियनें और प्रोफेशनल एसोसिएशंस आम तौर पर ऊंची आय वाले वर्गों की नुमाइंदगी करती हैं। ये सभी यूनियनें हाल में की गई टैक्स बढ़ोतरी का विरोध कर रही हैं। श्रीलंका में लागू नई टैक्स नीति के मुताबिक एक लाख रुपये प्रति महीने से अधिक कमाने वाले हर व्यक्ति को टैक्स दायरे में ले आया गया है। साथ ही टैक्स की दर 36 फीसदी कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ट्रेड यूनियनों को श्रीलंका के हर तबके का समर्थन हासिल नहीं है। उनके आलोचकों का कहना है कि टैक्स बढ़ोतरी से कुल आबादी का 10 से 12 फीसदी हिस्सा ही प्रभावित हुआ है। ये भी वो हिस्सा है, जो आराम की जिंदगी जीता है।