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Sri Lanka Strike: श्रीलंका में हड़ताल स्थगित करवाने में मिली रानिल विक्रमसिंघे सरकार को सफलता

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो Published by: Harendra Chaudhary Updated Thu, 16 Mar 2023 03:47 PM IST
सार

राष्ट्रपति कार्यालय ने हड़ताली ट्रेड यूनियनों में फूट पड़ने का दावा किया है, लेकिन कई ट्रेड यूनियनों का दावा है कि हड़ताल पूरी तरह सफल है। श्रीलंका टीचर्स यूनियन के महासचिव जोसेफ स्टालिन ने कहा- ‘जहां तक शिक्षकों की बात है, तो उनमें से 100 फीसदी हड़ताल में शामिल हैं...

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Sri Lanka Strike: Ranil Wickremesinghe government got success in postponing the strike
Sri Lanka President Ranil Wickremesinghe - फोटो : Agency (File Photo)
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ऐसा लगता है कि विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों की साझा हड़ताल को फिलहाल स्थगित करवाने में श्रीलंका की रानिल विक्रमसिंघे सरकार को कामयाबी मिल गई है। ये हड़ताल मंगलवार आधी रात से शुरू हुई थी। बुधवार को सुबह में हड़ताल का असर दिखना शुरू हुआ। लेकिन शाम को राष्ट्रपति कार्यालय के मीडिया डिवीजन ने एक बयान में यह तो स्वीकार किया की हड़ताल के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुईं, लेकिन साथ ही दावा किया कि कई ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल वापस ले ली है।

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हड़ताल का आह्वान 50 से भी ज्यादा ट्रेड यूनियनों ने मिल कर किया था। राष्ट्रपति कार्यालय का दावा है कि उनमें से 40 से ज्यादा यूनियनों से जुड़े कर्मचारी काम पर वापस आने के लिए तैयार हो गए हैं।

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ट्रेड यूनियनों ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शर्तों के मुताबिक श्रीलंका में इनकम टैक्स की बढ़ाई गई दरों और बिजली जैसी सेवाओं के शुल्क में वृद्धि के विरोध में हड़ताल पर गए हैं। श्रीलंका में इनकम टैक्स की न्यूनतम दर बढ़ा कर 36 फीसदी कर दी गई है।

हालांकि राष्ट्रपति कार्यालय ने हड़ताली ट्रेड यूनियनों में फूट पड़ने का दावा किया है, लेकिन कई ट्रेड यूनियनों का दावा है कि हड़ताल पूरी तरह सफल है। श्रीलंका टीचर्स यूनियन के महासचिव जोसेफ स्टालिन ने कहा- ‘जहां तक शिक्षकों की बात है, तो उनमें से 100 फीसदी हड़ताल में शामिल हैं। इससे स्कूलों में काम पूरी तरह ठप हो गया है। अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी, तो हम भविष्य में इससे भी गंभीर कार्रवाई करेंगे।’

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। लेकिन दूसरे सेक्टरों में हड़ताल आंशिक रही। श्रीलंका के कस्टम विभाग के एक अधिकारी ने वेबसाइट इकॉनमीनेक्स्ट.कॉम से बातचीत में बुधवार को कहा- ‘हम हड़ताल पर नहीं गए हैं। लेकिन चूंकि बंदरगाह पर हड़ताल थी, इसलिए आज हमारे पास बहुत कम काम था।’

कर्मचारी यूनियनों ने ध्यान दिलाया है कि सरकार के हालिया फैसले से बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी भी आयकर के दायरे में आ गए हैं, जिन्हें पहले यह टैक्स नहीं देना पड़ता था। इनमें ज्यादातर कर्मचारी स्वास्थ्य, बिजली बोर्ड, पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, बंदरगाह आदि क्षेत्रों में काम करते हैं। श्रीलंका में पहली बार डॉक्टरों को भी आय कर के दायरे में लाया गया है।

गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता चामिल विजेसिंघे ने वेबसाइट इकॉनमीनेक्स्ट से कहा- ‘टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा। लेकिन जहां तक हड़ताल का संबंध है, तो हमारी एसोसिएशन ने फिलहाल इसे स्थगित करने का फैसला किया है, क्योंकि राष्ट्रपति ने अगले हफ्ते हमसे मिल कर हमारी मांग पर बातचीत करने का वादा किया है।’

सिलोन बैंक इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष चन्ना दिसानायके ने भी कहा कि उनकी यूनियन ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से एक पत्र प्राप्त होने के बाद अगले हफ्ते तक के लिए हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया है। इस पत्र में राष्ट्रपति ने अगले हफ्ते मुलाकात का वादा किया है। दिसानायके ने कहा- ‘हड़ताल से तो पहले ही बचा जा सकता था। अगर सरकार पहले ही राष्ट्रपति से हमारी बैठक कराने का आश्वासन दे देती, तो हड़ताल होती ही नहीं।’

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