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Sri Lanka: आईएमएफ के खिलाफ श्रमिक वर्ग का एकजुट मोर्चा, आज रात से सब कुछ ठप

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो Published by: Harendra Chaudhary Updated Tue, 14 Mar 2023 03:52 PM IST
सार

Sri Lanka: ट्रेड यूनियनों ने आरोप लगाया है कि रानिल विक्रमसिंघे सरकार सिलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीएफबी) को बेचने की तैयारी कर रही है, जबकि अब यह सार्वजनिक क्षेत्र की यह कंपनी मुनाफे में आ चुकी है...

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Sri Lanka strike: working class against the IMF, everything stalled from tonight
Sri Lanka - फोटो : Agency (File Photo)
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श्रीलंका में जन विरोध की नई लहर उठती दिख ही है। ट्रेड यूनियनों ने मंगलवार आधी रात से सारे देश को ठप कर देने का एलान कर दिया है। इन यूनियनों के आह्वान पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के दबाव में उठाए गए कदमों के विरोध में बिजली एवं ऊर्जा, मेडिकल, बैंकिंग और कई अन्य प्रमुख सेवाओं के कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं।

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हड़ताल से संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए ट्रेड यूनियनों की तरफ से सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई। उसमें समागी ट्रेड यूनियन कलेक्टिव के संयोजक आऩंद पालिता ने कहा कि अगर इनकम टैक्स में बढ़ोतरी को वापस नहीं लेती है और बिजली शुल्क समेत अन्य करों में कटौती नहीं करती है, तो ट्रेड यूनियनें इस सरकार का “भविष्य तय” कर देंगी। ट्रेड यूनियनों ने आरोप लगाया है कि रानिल विक्रमसिंघे सरकार सिलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीएफबी) को बेचने की तैयारी कर रही है, जबकि अब यह सार्वजनिक क्षेत्र की यह कंपनी मुनाफे में आ चुकी है।

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पालिता ने कहा- ‘अगर सरकार मांगें पूरी नहीं करती है, तो 14 मार्च की आधी रात से ट्रेनों का चलना बंद हो जाएगा, साथ ही बिजली की सप्लाई कट जाएगी, डॉक्टर काम करना बंद कर देंगे और यूनिवर्सिटी, ऊर्जा एवं बैंकिंग सेक्टरों आदि में काम पूरी तरह ठप हो जाएगा। उसके बाद यह देखने की बात होगी कि यह सरकार टिकती है या चली जाती है।’

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मेडिकल डॉक्टर पहले से ही कई प्रांतों में आंदोलन पर हैं और इस कारण देश का पूरा हेल्थ सेक्टर लगभग ठप हो गया है। इससे मरीजों को भारी दिक्कत हो रही है। डॉक्टर भी आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक बढ़ाए गए टैक्स का विरोध कर रहे हैं। डॉक्टरों के आंदोलन से पश्चिमी, दक्षिणी, मध्य और पूर्वी प्रांतों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन की सचिव हरिता अलुथगे ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार समाधान पेश करे, तो हड़ताल अभी भी टल सकती है। उन्होंने कहा- ‘फिलहाल हमने फैसला किया है कि बुधवार सुबह आठ बजे से देश भर में डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे।’ नर्सों की यूनियन ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।

वेबसाइट इकॉनमीनेक्स्ट.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों में सोमवार को ही हड़ताल जैसा माहौल बन चुका था। ज्यादातर बैंक सूने पड़े थे। उधर विश्वविद्यालयों में प्राध्यापक यूनियनों ने बुधवार से पढ़ाना रोक देने का एलान किया है। सिलोन टीचर्स यूनियन के महासचिव जोसफ स्टालिन ने सोमवार को बताया कि देश के 10,172 स्कूलों में भी बुधवार से पढ़ाई रुक जाएगी। उन्होंने कहा- ‘बिना जनादेश वाली एक यह भ्रम फैला रही है कि उसे ऐसे कदम उठाने का अधिकार है। हम सरकार इस भ्रम के खिलाफ अपनी कार्रवाई करने जा रहे हैं।’

स्टालिन ने इसे एक एतिहासिक मौका बताया कि देश का पूरा श्रमिक वर्ग एकजुट हो गया है। विक्रमसिंघे सरकार ने आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक इनकम टैक्स की दर बढ़ा कर 36 फीसदी कर दी है। उधर बिजली शुल्क में भारी बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले से ही परेशान जनता का जीना और मुहाल हो गया है।

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