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Sri Lanka: पैसे बचाने लिए श्रीलंकाई सरकार ने उठाया बड़ा कदम, पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा में की जाएगी कटौती

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो Published by: श्वेता महतो Updated Tue, 17 Dec 2024 02:59 PM IST
सार

सरकार के फैसले पर विपक्षी पार्टी राजपक्षे की श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) ने प्रतिशोध की एक राजनीतिक कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें अभी भी लिट्टे (एलटीटीई) से खतरा है।

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Sri Lanka to save over Rs one thousand million annually by slashing security of former presidents news in hind
अनुरा कुमार दिसानायके - फोटो : ANI
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श्रीलंका की सरकार ने वार्षिक बचत के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपतियों को प्रदान की जाने वाली अत्यधिक व्यक्तिगत सुरक्षा में कटौती करने का फैसला लिया है। सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि पूर्व राष्ट्रपतियों को प्रदान की गई कार्मिक सुरक्षा एक जनवरी से कम कर दी जाएगी। श्रीलंकाई मंत्री आनंद विजेपाला ने मंगलवार को कहा कि सरकार का उद्देश्य पूरे देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। उन्होंने इस फैसले को सरकार की नीति के अनुरूप बताया।
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पूर्व राष्ट्रपतियों को दी जाने वाली सुरक्षा में कटौती
विजेपाला ने सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हमने देश से वादा किया है कि उच्च सार्वजनिक पदों पर तैनात लोगों को भी आम नागरिकों की तरह सुविधा प्रदान की जाएगी। हम सड़कों पर बड़े वीआईपी काफिलों के कारण जान लगने की प्रथा को समाप्त करना चाहते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "2024 के दौरान पूर्व राष्ट्रपतियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 1,448 मिलियन खर्च हुए हैं। इस कठिन समय में यह लोगों पर बोझ है।"
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पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे का खर्च सबसे अधिक
पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे का खर्च सबसे अधिक था। उन्होंने कहा, "हमने व्यक्तिगत तौर पर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को निशाना नहीं बनाया है। हम सभी राष्ट्रपतियों की बात कर रहा हूं। उन्हें अब केवल 60 पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए जाएंगे।" सरकार के इस फैसले पर विपक्षी पार्टी राजपक्षे की श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) ने प्रतिशोध की एक राजनीतिक कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें अभी भी लिट्टे (एलटीटीई) से खतरा है।

बता दें कि राजपक्षे को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पर जीत का श्रेय दिया जाता है। लिट्टे ने लगभग 30 वर्षों तक श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी प्रांतों में एक अलग तमिल मातृभूमि के लिए सैन्य अभियान चलाया था। 2009 में उनके सर्वोच्च नेता वी. प्रभाकरन को मार गिराया गया था।

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