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Sri Lanka: श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव कराए जाने पर विवाद, PM बोले- आम चुनाव टालने पर नहीं हुई थी चर्चा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो Published by: काव्या मिश्रा Updated Thu, 30 May 2024 12:16 PM IST
सार

पीएम गुणवर्धने ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव इस साल कराए जाने हैं। संविधान के अनुसार चुनाव आयोग के पास ऐसी शक्ति है कि वह तय तारीखों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव करा सकता है। इसे जल्दी या बाद में नहीं कराने को कहा जा सकता। 
 

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Sri Lankan PM Gunawardena says presidential election still scheduled for 2024
प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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श्रीलंका के आर्थिक हालात तो सुधर रहे हैं, लेकिन यहां की राजनीति उतनी ही उलझती जा रही है। यहां इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कई अटकलें बनी हुई हैं। हालांकि, अब प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने साफ कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी द्वारा राष्ट्रपति और आम चुनाव टालने के विवादास्पद प्रस्ताव को 'गैरजिम्मेदाराना' करार दिया। साथ ही कहा कि श्रीलंका सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव टालने के लिए किसी भी समय चर्चा नहीं की थी।

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आम चुनावों को दो साल स्थगित करने का प्रस्ताव
गौरतलब है, यहां के चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में एलान किया था कि राष्ट्रपति चुनाव 17 सितंबर से 16 अक्तूबर के बीच कराए जा सकते हैं। इस बीच, विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के महासचिव पलीथा रेंज बंदारा ने राष्ट्रपति और आम चुनावों को दो साल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि परिस्थितियां सही रहीं तो इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से संसद में पेश किया जा सकता है। 
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जल्दी या बाद में नहीं कराने को कहा जा सकता
गुणवर्धने ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति चुनाव इस साल कराए जाने हैं। संविधान चुनाव आयोग को चुनाव कराने का अधिकार देता है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान के अनुसार चुनाव आयोग के पास ऐसी शक्ति है कि वह तय तारीखों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव करा सकता है। इसे जल्दी या बाद में नहीं कराने को कहा जा सकता। संविधान में प्रावधान हैं।'

उन्होंने आगे कहा, 'चुनाव के लिए इस साल तारीखें हैं।' लोकतंत्र की रक्षा के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने वास्तव में लोकतंत्र को बहाल किया है।

विरोध प्रदर्शनों का जिक्र किया
उन्होंने देश में सड़क विरोध प्रदर्शनों का जिक्र किया, जिसके कारण 2022 में राजपक्षे भाइयों को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसी को लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने उस रात से लोकतंत्र को बहाल किया है जब इसे नष्ट कर दिया गया था।'

गुणावर्धने ने कहा कि मौजूदा संसद अगस्त 2025 तक चल सकती है। वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि संसदीय, प्रांतीय और स्थानीय सरकार के चुनाव राष्ट्रपति चुनाव के बाद होंगे।

किसी भी समय सरकार में चर्चा नहीं हुई
उन्होंने यूएनपी के प्रस्ताव को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा, 'कोई बिना जिम्मेदारी के क्या कहता है, जिस पर किसी भी समय सरकार में चर्चा नहीं हुई हो, देश को काम दिलाने के लिए जल्दबाजी में व्यक्त किया गया हो, उसे लोकतांत्रिक सरकार और संसद में अनुमति नहीं दी जाएगी।'

चुनाव आयोग ने भी निराशा व्यक्त की
चुनाव आयोग ने आगामी राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में देरी के किसी भी प्रयास पर निराशा व्यक्त की और जोर देकर कहा कि वे निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ें। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग के प्रमुख आरएमएएल रत्नायके ने कहा कि आयोग के रुख से सरकार को पहले ही अवगत करा दिया गया है कि राष्ट्रपति चुनाव 17 सितंबर से 16 अक्तूबर के बीच होना चाहिए, जबकि लोकसभा चुनाव 2025 में होने हैं।

 

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