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Uganda: विपक्षी नेता बेसीग्ये पर सैन्य अदालत में चलेगा मुकदमा, दोषी साबित होने पर मिल सकती है मौत की सजा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कंपाला। Published by: निर्मल कांत Updated Tue, 14 Jan 2025 05:29 PM IST
सार

Uganda: युगांडा की सैन्य अदालत ने प्रमुख विपक्षी नेता किज्जा बेसीग्ये के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी। अगर वह दोषी साबित होते हैं, तो उन्हें मौत की सजा भी हो सकती है। 

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Ugandan military court rules it can try opposition figure on treachery charge carrying death penalty
किज्जा बेसीग्ये - फोटो : फेसबुक/किज्जा बेसीग्ये
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विस्तार
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युगांडा के एक प्रमुख विपक्षी नेता किज्जा बेसीग्ये पर देशद्रोह का मुकदमा चलेगा। दरअसल, देश की सैन्य अदालत ने मंगलवार को बेसीग्ये के खिलाफ देशद्रोह के आरोप पर सुनवाई की मंजूरी दी। इसके साथ ही 2026 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले बेसीग्ये की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं। बेसीग्ये अब तक चार बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं। कानून के मुताबिक, अगर देशद्रोह के आरोप में कोई व्यक्ति दोषी साबित होता है, तो उसे सजा-ए-मौत भी हो सकती है। 

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बेसीग्ये ने आरोपों का खंडन किया
बेसीग्ये 16 नवंबर को केन्या की राजधानी नैरोबी से गायब हो गए थे। इसके कुछ दिन बाद वह और उनके सहयोगी ओबेद लुटाले को कंपाला में सैन्य अदालत में पेश किया गया। बेसीग्ये पर आरोप है कि उन्होंने अवैध तरीके से हथियार रखे और राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने के लिए विदेशी सैन्य मदद हासिल की। हालांकि, बेसीग्ये ने इन आरोपों का खंडन किया है और अभी उन्हें हिरासत में रखा गया है। 
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किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराए गए बेसीग्ये
सैन्य अभियोजक ने सोमवार को आरोपपत्र में बदलाव करते हुए देशद्रोह का आरोप भी जोड़ा और एक तीसरे आरोपी को इसमें शामिल किया, जो युगांडा की सेना का एक अधिकारी है। इस कदम से बचाव पक्ष के वकील हैरान रह गए, जिन्होंने इसे चुनौती दी। बेसीग्ये (68 वर्षीय) ने अपने सियासी करियार में कई बार गिरफ्तारी और हमलों का सामना किया है। लेकिन कभी भी किसी अपराध में उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया। 

मानवाधिकार संगठनों ने की आलोचना
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बेसीग्ये की रिहाई की मांग की है और कहा कि उनका 'अपहरण' अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन है और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में सही कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है और व्यक्ति को उचित न्याय नहीं मिलता। वहीं, मानवाधिकार समूह ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि युगांडा के अधिकारियों द्वारा बेसीग्ये पर मुकदमा विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए सैन्य अदालतों का गलत इस्तेमाल करने का ताजा उदाहरण है। 

युगांडा में सत्ता परिवर्तन को लेकर अनिश्चितताएं
आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले बेसीग्ये का मामला युगांडा की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। देश में अभी योवेरी मुसेवेनी राष्ट्रपति हैं। मुसेवेनी 1986 से सत्ता में हैं और दोबारा चुनाव लड़ने की सोच सकते हैं। हालांकि, कुछ राजनीतिक विश्लेष्कों का मानना है कि वह राष्ट्रपति का पद छोड़ सकते हैं। मुसेवेनी के पास अपनी नेशनल रेसिस्टेंस मूवमेंट (एनआरएम) पार्टी में कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी नहीं है। इस वजह से युगांडा में सत्ता परिवर्तन को लेकर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। 
 

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