सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   UNGA Brazil Prez Lula concern 'Attacks on sovereignty arbitrary bans and unilateral interventions common now

UNGA: 'संप्रभुता पर हमले, मनमाने बैन और एकतरफा हस्तक्षेप आम हो चुके हैं'; ब्राजील के राष्ट्रपति ने जताई चिंता

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Tue, 23 Sep 2025 11:25 PM IST
सार

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने कहा कि ताकतवर देशों को बार-बार रियायतें दी जा रही हैं, संप्रभुता पर हमले और मनमाने प्रतिबंध आम हो गए हैं। उन्होंने चेताया कि बहुपक्षवाद और लोकतंत्र दोनों खतरे में हैं। लूला ने कहा कि तानाशाही ताकतें संस्थाओं को दबा रही हैं और आजादी छीन रही हैं।
 

विज्ञापन
UNGA Brazil Prez Lula concern 'Attacks on sovereignty arbitrary bans and unilateral interventions common now
लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा, राष्ट्रपति, ब्राजील - फोटो : एएनआई/रॉयटर्स
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) कहा कि दुनिया ऐसी व्यवस्था देख रही है, जिसमें ताकतवर देशों को बार-बार रियायतें दी जाती हैं, संप्रभुता पर हमले होते हैं, मनमाने प्रतिबंध लगाए जाते हैं और एकतरफा हस्तक्षेप अब आम बात बन गई है।

Trending Videos


परंपरा के मुताबिक, महासभा की आम बहस की शुरुआत ब्राजील करता है। इसी क्रम में राष्ट्रपति लूला ने महासभा के उच्च-स्तरीय सत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, 'महासभा की अध्यक्ष, महासचिव, सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों, शासनाध्यक्षों और प्रतिनिधियों- यह समय संयुक्त राष्ट्र का जश्न मनाने का होना चाहिए। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बना यह संगठन शांति की सबसे बड़ी मिसाल है। लेकिन आज इसके संस्थापकों के आदर्श पहले से कहीं अधिक खतरे में हैं।'
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें: US-Iran Rift: परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका से सीधी बातचीत नहीं करेगा ईरान, सर्वोच्च नेता खामनेई ने किया इनकार

बहुपक्षवाद-लोकतंत्र और वैश्विक शांति पर केंद्रित रहा भाषण

राष्ट्रपति लूला का भाषण बहुपक्षवाद, लोकतंत्र और वैश्विक शांति के सामने खड़े खतरों पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा, 'बहुपक्षवाद चौराहे पर खड़ा है। संगठन की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। ताकतवर देशों को रियायतें, संप्रभुता पर हमले, मनमाने प्रतिबंध और एकतरफा हस्तक्षेप अब नियम बन गए हैं।' उन्होंने चेताया कि बहुपक्षवाद के संकट और लोकतंत्र के कमजोर होने के बीच सीधा संबंध है।

ये ताकतें जमीनी और डिजिटल मिलिशिया की तरह काम करती हैं
राष्ट्रपति लूला ने तानाशाही प्रवृत्तियों पर हमला बोलते हुए कहा, 'ये ताकतें संस्थाओं को दबाने, स्वतंत्रता छीनने और हिंसा को बढ़ावा देने में लगी हैं। ये जमीनी और डिजिटल मिलिशिया की तरह काम करती हैं और मीडिया को नियंत्रित करती हैं।'

ये भी पढ़ें: US-China Politics: क्या दक्षिण एशिया में कंट्रोल चाहते हैं ट्रंप? चीन पर दबाव बढ़ाने की रणनीति पर कर रहे काम

अमेरिका का नाम लिए बिना लूला ने की आलोचना 
ब्राजील के अनुभव का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति लूला ने कहा, भारी हमले झेलने के बावजूद, ब्राजील ने लोकतंत्र की रक्षा की। हमारे लोगों ने 40 साल पहले तानाशाही से मुक्ति पाई थी और उसे हम किसी भी हालत में नहीं छोड़ेंगे। अमेरिका का नाम लिए बिना लूला ने आलोचना की कि ब्राजील की न्यायपालिका और अर्थव्यवस्था पर मनमाने प्रतिबंध लगाए गए। उन्होंने कहा, 'यह हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, जिसे देश के भीतर की चरम दक्षिणपंथी ताकतें भी बढ़ावा देती हैं।'

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed