Joe Biden: प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित बाइडन की हड्डियों तक फैली बीमारी; ट्रंप ने जताया दुख, हैरिस ने योद्धा कहा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन एग्रेसिव प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित हैं। 82 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति की सेहत को लेकर जारी बयान के मुताबिक परिवार डॉक्टरों से उनके सर्वोत्तम इलाज को लेकर परामर्श कर रहा है। बाइडन की सेहत कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीमारी हड्डियों तक फैल चुकी है। वर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप और पूर्व सहयोगी रहीं कमला हैरिस ने जल्द ठीक होने की कामना की है।
विस्तार
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन प्रोस्टेट कैंसर की समस्या से जूझ रहे हैं। 82 वर्षीय बाइडन की सेहत को लेकर उनके कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक डॉक्टरों ने कहा है कि बाइडन प्रोस्टेट कैंसर के 'आक्रामक रूप' से पीड़ित हैं। बीमारी उनकी हड्डियों तक फैल चुकी है। बाइडन ने पहले मूत्र संबंधी शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टरों ने जांच में उच्च श्रेणी के कैंसर की पुष्टि की। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की सेहत को लेकर जारी बयान में कहा गया कि बाइडन की वर्तमान स्थिति हड्डी में मेटास्टेसिस का संकेत देती है।
Reuters reports, "Former US President Joe Biden has been diagnosed with an "aggressive form" of prostate cancer that has metastasized to the bone, and he and his family are reviewing treatment options with doctors, his office said in a statement on Sunday." pic.twitter.com/83rO6yq0nK
विज्ञापन— ANI (@ANI) May 18, 2025विज्ञापन
उच्च श्रेणी का कैंसर होने की पुष्टि इस जांच के बाद हुई
प्रोस्टेट नोड्यूल की खोज के बाद बाइडन के कई मेडिकल परीक्षण किए गए। परीक्षणों के दौरान ग्लीसन स्कोर 9 (ग्रेड ग्रुप 5) पाया गया। इससे बाइडन को उच्च श्रेणी का कैंसर होने की पुष्टि हुई। यह हड्डी में मेटास्टेसिस का संकेत देता है। उनका परिवार इलाज के तरीकों पर डॉक्टरों से परामर्श कर रहा है।
ट्रंप ने जल्द स्वस्थ होने की कामना की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडन की सेहत से जुड़ी सूचना मिलने पर ट्रुथ सोशल पर लिखा, मेलानिया और मैं जो बाइडन की मेडिकल जांच के बारे में सुनकर दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं जिल और पूरे परिवार के साथ हैं।' ट्रंप ने बाइडन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
कमला हैरिस ने कहा- योद्धा हैं बाइडनUS President Donald Trump posts on Truth Social: Melania and I are saddened to hear about Joe Biden’s recent medical diagnosis. We extend our warmest and best wishes to Jill and the family, and we wish Joe a fast and successful recovery. pic.twitter.com/tKGBkKyxzg
— ANI (@ANI) May 18, 2025
बाइडन के कार्यकाल में सहयोगी और उपराष्ट्रपति रहीं कमला हैरिस ने भी बाइडन के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए स्वस्थ होने की प्रार्थना की। बाइडन को प्रोस्टेट कैंसर की बात सामने आने पर हैरिस और उनके पति डगलस एमहॉफ ने एक्स पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने कहा, 'डग और मैं राष्ट्रपति बाइडन के प्रोस्टेट कैंसर के बारे में जानकर दुखी हैं। हम इस समय बाइडन और उनके पूरे परिवार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वे एक योद्धा हैं - और मुझे पता है कि वह इस चुनौती का सामना उसी ताकत, दृढ़ता और आशावाद के साथ करेंगे, जिसने हमेशा उनके जीवन और नेतृत्व को परिभाषित किया है। हम उनके पूर्ण और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं ।'
Doug and I are saddened to learn of President Biden’s prostate cancer diagnosis. We are keeping him, Dr. Biden, and their entire family in our hearts and prayers during this time. Joe is a fighter — and I know he will face this challenge with the same strength, resilience, and… pic.twitter.com/gG5nB0GMPp
— Kamala Harris (@KamalaHarris) May 18, 2025
पिछले सप्ताह भी बाइडन की सेहत से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई थी। पेशाब में परेशानी बढ़ने के बाद प्रोस्टेट नोड्यूल की नए सिरे से जांच की गई, जिसके आधार पर पता लगा कि उनकी बीमारी हड्डियों तक फैल गई है। बाइडन के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक भले ही यह बीमारी अधिक आक्रामक है, लेकिन यह हार्मोन-संवेदनशील भी है। इसका प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है।
Personal Office of Former US President Joe Biden issues a statement: Last week, Former President Joe Biden was seen for a new finding of a prostate nodule after experiencing increasing urinary symptoms. On Friday, he was diagnosed with prostate cancer, characterized by a Gleason… pic.twitter.com/yOwB8QDKfK
— ANI (@ANI) May 18, 2025
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन के डॉक्टर केविन ओ'कॉनर पहले ही आगाह कर चुके हैं कि गिरने से उनकी रिकवरी मुश्किल हो सकती है। हालात अधिक बिगड़ने पर उन्हें व्हीलचेयर का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। जोखिम को कम करने के लिए, कर्मचारियों ने उनकी समस्याओं को कम करने के कई प्रयास किए। मसलन उनके पैदल चलने के रास्ते को छोटा किया गया। सहारे के लिए रेलिंग बनाई गई। हवाई यात्रा के लिए एयरफोर्स वन विमान में छोटी सीढ़ियों का इस्तेमाल किया गया। खबरों के मुताबिक शारीरिक सेहत के कारण ही बाइडन ने बीते साल जून में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया था।
यह भी दिलचस्प है कि 20 मई को बाइडन से जुड़ी एक किताब रिलीज होनी है। इसका शीर्षक है 'ओरिजिनल सिन: प्रेसिडेंट बिडेन्स डिक्लाइन, इट्स कवर-अप, एंड हिज डिजास्ट्रस चॉइस टू रन अगेन' (Original Sin: President Biden's Decline, Its Cover-Up, and His Disastrous Choice to Run Again) सीएनएन के जेक टैपर और एक्सियोस के एलेक्स थॉम्पसन इस नई किताब में बाइडन की शारीरिक सेहत गिरावट को लेकर अहम बातें लिखी हैं। 2024 के चुनाव के दौरान अंदरूनी डेमोक्रेटिक खेमे के 200 से अधिक लोगों के साक्षात्कारों के आधार पर इस किताब में दावा किया गया है कि अपने कार्यकाल के अंतिम कुछ समय में बाइडन की सेहत ठीक नहीं रहती थी।
यही नहीं बाइडन के सहयोगियों ने लगातार दूसरी बार चुनाव में जीत मिलने की सूरत में व्हीलचेयर की संभावित जरूरत पर चर्चा शुरू कर दी थी। हालांकि सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन के सहयोगियों ने राजनीतिक कारणों से इस बिंदु पर सार्वजनिक रूप से बात करने से परहेज किया। यह भी रोचक है कि खुद बाइडन ने अपनी जगह भारतवंशी कमला हैरिस को प्रत्याशी बनाने का एलान किया था।
प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होने वाला ये कैंसर आमतौर पर वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कम उम्र के लोगों में भी इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी पुरुषों को इस गंभीर कैंसर के मामलों को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। कैंसर रिसर्च यूके में विशेषज्ञ नासर तुराबी कहते हैं, फिलहाल एग्रेसिव प्रकार के प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए कोई सटीक और पुख्ता तरीका नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में करीब 37,948 भारतीय पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की पहचान की गई। यह इस वर्ष देश में दर्ज किए गए कैंसर के 14 लाख नए मामलों का लगभग तीन प्रतिशत है। अमेरिका में प्रोस्टेट कैंसर के 80 प्रतिशत रोगियों में बीमारी का पता शीघ्र चल जाता है जबकि यहां देर से निदान के मामले 20 प्रतिशत ही हैं।
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