ईरान समेत कई देशों पर अमेरिका लगा चुका आर्थिक प्रतिबंध, 200 साल से अचूक हथियार
आर्थिक प्रतिबंधअमेरिका के लिए किसी देश पर दबाव बनाने के लिए यह एक अचूक हथियार रहा है। अमेरिका अब तक दो दर्जन से ज्यादा देशों पर किसी न किसी तरह आर्थिक प्रतिबंध लगाता रहा है। यह एक ऐसा हथियार है, जिसका इस्तेमाल वह 200 से भी ज्यादा साल से करता आ रहा है। पिछले साल मई तक अमेरिका 9967 आर्थिक प्रतिबंध लगा चुका है।
विस्तार
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते विवाद की खाई दिन ब दिन चौड़ी होती जा रही है। पहले ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दाग दीं। फिर शाम होते-होते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे डाली।
ट्रंप ने दो टूक कहा कि वह ईरान पर अब पहले से भी ज्यादा कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। अमेरिका के लिए किसी देश पर दबाव बनाने के लिए यह एक अचूक हथियार रहा है। अमेरिका अब तक दो दर्जन से ज्यादा देशों पर किसी न किसी तरह आर्थिक प्रतिबंध लगाता रहा है।
कभी उत्तर कोरिया तो कभी सीरिया या इराक, व्हाइट हाउस आर्थिक प्रतिबंध लगाकर किसी देश को झुकने पर मजबूर करता रहा है। यह एक ऐसा हथियार है, जिसका इस्तेमाल वह 200 से भी ज्यादा साल से कर रहा है। इस अचूक हथियार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल मई तक अमेरिका 9967 आर्थिक प्रतिबंध लगा चुका है।
अमेरिका ने इसके लिए 1950 में आफिस आफ फॉरन एसेट कंट्रोल (ओएफएसी) का गठन किया था। इसका प्रमुख काम अमेरिकी की पॉलिसी के खिलाफ काम कर रहे देशों पर प्रतिबंध लगाना और उनकी समीक्षा करना है।
पहला प्रतिबंध ब्रिटेन पर
अमेरिका ने सबसे पहले किसी तरह के प्रतिबंध का प्रयोग 1812 की जंग के दौरान किया था। उसने अमेरिकी नौसैनिकों को प्रताड़ना देने के आरोप में ग्रेट ब्रिटेन पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों पर दबाव बनाने और 1950 में चीन और उत्तर कोरिया पर भी अमेरिका पर बैन लगाया था।
ईरान समेत छह देशों पर आर्थिक प्रतिबंध
अमेरिका ने साल 2019 तक छह देशों पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया हुआ है। इनमें ईरान, उत्तर कोरिया, सीरिया, सूडान, वेनेजुएला और क्यूबा शामिल हैं।
ईरान :
- अमेरिका ने पहली बार 1979 से इस देश पर प्रतिबंध लगाया था
- समय के साथ इन प्रतिबंधों का क्षेत्र बढ़ता चला गया
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बाद यह तल्खी और बढ़ गई
- दोनों देशों के बीच कोई कूटनीतिक रिश्ते नहीं हैं। साथ ही उसने ईरान को सरकार समर्थित आतंकवाद वाली सूची में भी डाला हुआ है
- इसी तरह टायर-3 श्रेणी के तहत ईरान के अंतरराष्ट्रीय सैन्य शिक्षा व ट्रेनिंग, विदेश सैन्य ट्रेनिंग और विदेशी सैन्य बिक्री में भाग लेने पर भी प्रतिबंध है
उत्तर कोरिया :
- 1950 में कोरियाई युद्ध के दौरान अमेरिका ने पहली बार उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाए
- तब से समय-समय पर उत्तर कोरिया पर ये प्रतिबंध बढ़ते रहे हैं।
- मानवाधिकार उल्लंघनों और परमाणु कार्यक्रमों के चलते अमेरिका ने ये प्रतिबंध लगाने का दावा किया है
- दोनों देशों में कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं और टायर-3 श्रेणी के सारे प्रतिबंध प्योंगयांग पर भी लागू हैं
सीरिया :
- मौजूदा गृह युद्ध और खराब मानवाधिकारों के चलते अमेरिका ने 1986 से समय-समय पर प्रतिबंध लगा रखे हैं
- 2012 के बाद से दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध भी नहीं हैं
- अमेरिका ने सीरिया पर आतंकवाद को मदद करने का भी आरोप लगाया है।
सूडान :
- खराब मानवाधिकारों और दारफूर की जंग की वजह से सूडान पर प्रतिबंध लगाए गए
- 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद बहुत सारे प्रतिबंध हटाए जा चुके हैं
क्यूबा :
- क्यूबा के मौजूदा हालात को देखते हुए अमेरिका ने 1992 से उस पर प्रतिबंध लगा रखे हैं।
वेनेजुएला :
- पिछले साल वेनेजुएला में पैदा हुए संकट के बाद अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए
- वेनेजुएला में नशे की तस्करी, चुनावों में भ्रष्टाचार के दावे के साथ ये प्रतिबंध लगाए गए हैं
- 2019 में अमेरिका ने वेनेजुएला के साथ राजनयिक संबंध भी तोड़ लिए हैं
कई अन्य देशों पर भी प्रतिबंध
इन छह प्रमुख देशों के अलावा अमेरिका ने कई अन्य देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। मगर ये पूरे देश पर लागू नहीं हैं। ये व्यक्ति विशेष हैं या फिर आंशिक प्रतिबंध।
- बाल्कन्स
- बेलारूस
- बुरुंडी
- सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक
- डीआर कांगो
- इराक
- लेबनान
- लीबिया
- माली
- निकारगुआ
- दक्षिण सूडान
- यूक्रेन
- यमन
- जिम्बाब्वे
व्यक्तियों पर भी प्रतिबंध
इन देशों के अलावा अमेरिका ने कई प्रतिबंध नशे की तस्करी, आतंकवाद और साइबर अपराधों को लेकर लगाए हैं। अमेरिका ग्लोबल मैग्निट्स्की के तहत विभिन्न देशों में मानवाधिकार उल्लंघन करने वाले लोगों पर भी प्रतिबंध लगाती रही है।
इसके तहत पिछले साल बर्मा, पाकिस्तान, लीबिया, स्लोवाकिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक आफ द कांगो और दक्षिण सूडान के 18 लोगों पर कार्रवाई की। इसमें पाकिस्तान का एसएसपी राव अनवर खान भी शामिल है। इस पर 190 से ज्यादा फर्जी एनकाउंटर में 400 से ज्यादा लोगों की जान लेने के आरोप हैं।
क्या होता है प्रतिबंध में
अमेरिका देशों के हिसाब से उन पर प्रतिबंध लगाता है। मगर सबसे कड़ा आर्थिक प्रतिबंध ही होता है, जिसके तहत उसके साथ व्यापार समझौते रद्द करने, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा मिलने वाली विदेशी फंडिंग, आयात-निर्यात को रद्द कर दिया जाता है। साथ ही राजनयिक संबंध तोड़कर उस देश को अकेला करने का प्रयास किया जाता है।
4 नवंबर, 2018 को अमेरिका ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लागू कर दिए थे। इसके तहत ईरानी सरकार के लोगों पर भी प्रतिबंध लागू कर दिए गए थे। प्रतिबंधित सूची में अमेरिका ने 700 से ज्यादा लोगों, कंपनियों, जहाजों को शामिल कर दिया था।
प्रतिबंध का असर
आर्थिक प्रतिबंधों के असर को हम ईरान के उदाहरण से समझ सकते हैं। वर्ष 2015 में ईरान और अमेरिका परमाणु डील पर एकमत हुए। नतीजे में अमेरिका ने ईरान पर लगे प्रतिबंध हटा लिए।
इसके अगले ही साल ईरान की अर्थव्यवस्था में उछाल आई और जीडीपी में 12.3 फीसदी बढ़ोतरी हुई। मगर 2018 में जैसे ही प्रतिबंध दोबारा लगे, उसकी जीडीपी -3 से भी नीचे चली गई। 2019 में तो यह -10 तक नीचे गिर गई। यही नहीं उसके तेल उत्पादन में भी भारी गिरावट हो गई।