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Ukraine: जेलेंस्की ने छोड़ी NATO सदस्यता की जिद, जमीन छोड़ने से किया इनकार; US के दबाव के सामने अड़ा यूक्रेन

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव Published by: हिमांशु चंदेल Updated Mon, 15 Dec 2025 01:30 AM IST
सार

Zelenskyy on NATO and Cede Territory: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नाटो सदस्यता की जिद छोड़ने का संकेत दे दिया है, बशर्ते पश्चिमी देश मजबूत और कानूनी सुरक्षा गारंटी दें। हालांकि, उन्होंने रूस को जमीन देने के अमेरिकी दबाव को खारिज कर दिया।
 

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Zelenskyy drop NATO bid for security guarantees but reject cede territory Ukraine stands against us pressure
डोनाल्ड ट्रंप और वोलोदिमीर जेलेंस्की - फोटो : ANI
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यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिशों के बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साफ संदेश दिया है कि उनके देश के लिए सबसे अहम उसकी जमीन और संप्रभुता है। नाटो सदस्यता को लेकर लचीलापन दिखाते हुए जेलेंस्की ने कहा कि अगर पश्चिमी देश ठोस सुरक्षा गारंटी दें तो यूक्रेन नाटो की सदस्यता की जिद छोड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने रूस को जमीन देने के अमेरिकी दबाव को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि यह यूक्रेन के लिए स्वीकार्य नहीं है।

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बर्लिन में हुई अहम बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जैरेड कुशनर से मुलाकात की। इस बैठक में जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज भी मौजूद रहे। जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने यूक्रेन की नाटो सदस्यता को ठुकरा दिया है, ऐसे में अब पश्चिम को यूक्रेन को वैसी ही कानूनी और मजबूत सुरक्षा गारंटी देनी होगी जैसी नाटो देशों को मिलती है।
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नाटो छोड़ने पर तैयार, लेकिन शर्तें साफ
जेलेंस्की ने कहा कि नाटो सदस्यता छोड़ना यूक्रेन की ओर से एक बड़ा समझौता है। उनका कहना है कि सुरक्षा गारंटी का मकसद रूस की भविष्य की किसी भी आक्रामक कार्रवाई को रोकना होना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये गारंटी सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि कानूनी रूप से बाध्यकारी होनी चाहिए और इन्हें अमेरिकी संसद की मंजूरी मिलनी चाहिए। जेलेंस्की ने उम्मीद जताई कि जर्मनी के स्टटगार्ट में यूक्रेनी और अमेरिकी सैन्य अधिकारियों की बैठक के बाद इस पर ठोस प्रगति होगी।

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जमीन छोड़ने का प्रस्ताव नामंजूर
शांति समझौते की राह में सबसे बड़ी अड़चन यूक्रेन के पूर्वी डोनेट्स्क इलाके को लेकर है, जिस पर रूस का बड़ा कब्जा है। जेलेंस्की ने बताया कि अमेरिका ने सुझाव दिया था कि यूक्रेन डोनेट्स्क से अपनी सेना पीछे हटाए और वहां एक असैन्य आर्थिक क्षेत्र बनाया जाए। जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि अगर यूक्रेनी सेना 5 से 10 किलोमीटर पीछे जाती है, तो रूसी सेना भी उतनी ही दूरी तक पीछे क्यों नहीं हटे। उन्होंने दो टूक कहा कि संपर्क रेखा पर मौजूदा स्थिति को फ्रीज करना ही सबसे न्यायसंगत विकल्प है।

रूस की सख्त शर्तें और चेतावनी
रूस की ओर से राष्ट्रपति पुतिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि डोनेट्स्क में रूसी पुलिस और नेशनल गार्ड बने रहेंगे, चाहे उसे असैन्य क्षेत्र घोषित क्यों न किया जाए। उशाकोव ने यह भी चेताया कि समझौते की तलाश लंबी हो सकती है और यूक्रेन व यूरोपीय देशों के सुझावों पर रूस को कड़ी आपत्तियां होंगी। उनका कहना है कि अमेरिका रूस की स्थिति को अच्छी तरह समझता है, लेकिन यूक्रेन की ओर से किए गए बदलाव हालात को और मुश्किल बना रहे हैं।

इसी बीच रूस और यूक्रेन के बीच हवाई हमले तेज हो गए हैं। यूक्रेन की वायुसेना के मुताबिक, रूस ने एक ही रात में 138 ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से 110 को मार गिराया गया। कई इलाकों में बिजली, पानी और हीटिंग अब भी बाधित है। दूसरी ओर, रूस ने दावा किया है कि उसने यूक्रेन के 235 ड्रोन मार गिराए। दोनों देशों के हमलों से साफ है कि शांति की राह अभी बेहद कठिन बनी हुई है।

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