Ukraine Crisis: यूक्रेन को मिलेगी सैन्य ताकत, जेलेंस्की बोले- अक्तूबर तक हथियार खरीद फंड में जुटेंगे $3.6 अरब
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि अमेरिका से हथियार खरीदने के लिए बने पीयूआरएल फंड में अक्तूबर तक 3.5 से 3.6 अरब डॉलर जमा हो सकते हैं। इस फंड से पैट्रियट मिसाइल और एचआईएमआरएस के लिए गोला-बारूद खरीदे जाएंगे।
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रूस के साथ तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे संघर्ष के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बड़ा एलान किया है। बुधवार को उन्होंने बताया कि अमेरिका से हथियार खरीदने के लिए बनाए गए एक खास फंड में अगले महीने तक करीब 3.5 से 3.6 अरब डॉलर तक की राशि जमा हो सकती है। इस पैसे का इस्तेमाल रूस के खिलाफ चल रही जंग में किया जाएगा। बता दें कि यह फंड प्राथमिक यूक्रेन आवश्यकता सूची (पीयूआरएल) के नाम से जाना जाता है। इसमें अमेरिका को छोड़कर सभी नाटो देशों का योगदान होता है, जिससे अमेरिका से हथियार, गोला-बारूद और अन्य सैन्य उपकरण खरीदे जाते हैं।
इस बात की जानकारी जेलेंस्की ने यूरोपीय संसद की अध्यक्ष रोबर्टा मेट्सोला के साथ कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें पीयूआरएल प्रोग्राम के लिए पहले ही दो अरब डॉलर मिल चुके हैं। अक्तूबर में और पैसे मिलेंगे। मुझे लगता है कि कुल मिलाकर यह रकम 3.5 या 3.6 अरब डॉलर हो जाएगी।
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ये हथियार होंगे शामिल
उन्होंने यह नहीं बताया कि पहली खेप में कौन-कौन से हथियार आएंगे, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि इसमें राष्ट्रवादी एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के लिए मिसाइलें और एचआईएमआरएस रॉकेट सिस्टम के लिए गोला-बारूद शामिल होंगे। ये दोनों हथियार रूस के हमलों को रोकने में बेहद कारगर साबित हुए हैं। हालांकि, युद्ध खत्म होने के कोई खास संकेत नहीं हैं। अमेरिका की अगुवाई में शांति की कोशिशें जारी हैं, लेकिन रूस के साथ बातचीत में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
खनिज क्षेत्र में निवेश के लिए नया फंड
हालांकि दूसरी ओर अमेरिका और यूक्रेन ने मिलकर एक नया फंड लॉन्च करने की घोषणा की है, जिससे यूक्रेन के खनिज क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इस फंड में 150 मिलियन डॉलर की शुरुआती पूंजी होगी। अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम इसमें $75 मिलियन देगी और उतनी ही राशि यूक्रेन की तरफ से दी जाएगी।
वहीं मामले में यूक्रेन के अर्थव्यवस्था मंत्री ओलेक्सी सोबोलेव ने कहा कि यह शुरुआत के लिए काफी है और इससे अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी निवेश के लिए आकर्षित होंगी। प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिदेंको ने बताया कि यह फंड शुरू में ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं पर ध्यान देगा, और 2026 तक कम से कम तीन परियोजनाओं में निवेश करने का लक्ष्य है।
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क्या है संघर्ष पर रूस का रुख?
गौरतलब है कि तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे इस सघर्ष के खत्म होने की संभावना अभी भी कम दिख रही है। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस अभी भी बातचीत के लिए तैयार है और वह इस संकट का राजनीतिक और कूटनीतिक हल चाहता है। हालांकि, रूस ने कई अहम प्रस्तावों पर आपत्ति जताई है और बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है। इधर, यूक्रेन पर रूस के ताजा हवाई हमलों से रेलवे और बिजली सेवाएं प्रभावित हुईं।