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तुला वार्षिक राशिफल 2025

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला

वैदिक ज्योतिषशास्त्र की गणना और चंद्र राशि के आधार पर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी बता रहे हैं तुला राशि वालों के लिए नया वर्ष 2025 कैसा रहने वाला होगा? 

राशि स्वामी - शुक्र
राशि नामाक्षर -रा,री,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ये
आराध्य -श्री दुर्गा जी
भाग्यशाली रंग -सफेद, सिल्वर
राशि अनुकूल वार-शुक्रवार, शनिवार, बुधवार 

नौकरी और व्यवसाय
कार्य व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ सामान्य रहेगा। परंतु मई के बाद समय बहुत अच्छा हो रहा है वर्ष के आरंभ में आप परिश्रम के बल पर कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे। राशि से अष्टम भाव में देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके व्यवसाय में उतार-चढ़ाव के योग बनाते रहेंगे। किंतु वर्ष के मध्य के पश्चात देव गुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से नवम भाव पर होगा जो की बहुत अनुकूल रहेगा। शनि का गोचर मार्च के बाद राशि से छठे भाव पर रहेगा इसलिए नौकरी पेशा व्यक्तियों के लिए यह शनि कुछ कठिनाई उपस्थित करेगा। कार्य क्षेत्र में अपने संबंधित अधिकारियों के साथ सामंजस्य बना कर रखना होगा। किंतु देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके लिए सहायक बना रहेगा और आने वाली समस्याओं के हल भी आपको समय-समय पर मिलते रहेंगे। वर्ष के मध्य तक राहु और केतु का गोचर आपकी राशि से छठे और बारहवें  भाव पर होगा इस समय में व्यावसायिक गतिविधियों में आपको बाहरी निवेश प्राप्त हो सकते हैं वर्ष के मध्य तक राहु का गोचर नौकरी पेशा व्यक्तियों के लिए कुछ समस्याएं उत्पन्न करेगा वर्ष मध्य के पश्चात राहु का गोचर आपके लिए अनुकूल होगा और व्यापारिक मामलों में सफलता देना शुरू कर देगा।

आर्थिक
आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ अनुकूल रहेगा। द्वितीय स्थान पर गुरु एवं शनि ग्रह के संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आप आर्थिक बचत करने में सफल रहेंगे। रत्न आभूषण इत्यादि का भी लाभ प्राप्त होगा। अचल संपत्ति के साथ-साथ वाहनादि का सुख इस वर्ष प्राप्त होगा। वर्ष के मध्य के पश्चात देव गुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से नवम भाव पर होगा इसलिए आर्थिक मामलों में यह स्थिति आपके लिए और ज्यादा अनुकूल रहेगी। शनि का गोचर मार्च से आपके छठे भाव पर होगा इसलिए अगर कहीं पर कोई धन काफी लंबे समय से रुका हुआ है या आपको नहीं मिल पा रहा है तो वह मिलने की आशा इस वर्ष बनेगी।

घर-परिवार और रिश्ते
पारिवारिक रूप से वर्ष का प्रारंभ अनुकूल रहेगा। चतुर्थ एवं द्वितीय स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से आपके परिवार में सुख शांति का वातावरण वर्ष के मध्य तक बना रहेगा। घरेलू वातावरण अच्छा रहेगा। वर्ष के आरंभ से मार्च तक का समय सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि प्रभाव में रहेगा इसलिए जीवनसाथी के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। मार्च के बाद शनि का गोचर परिवर्तित होगा और जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार भी होगा। राहु का गोचर वर्ष के मध्य के पश्चात आपके पंचम भाव पर होगा इसलिए आपसी रिश्तों में तनाव की स्थिति बन सकती है। संतान की दृष्टि से यह वर्ष सामान्यतः अनुकूल रहेगा। वर्ष के प्रारंभ से मार्च तक पंचम भाव पर शनि के स्वग्रही होने के कारण आपके बच्चों की उन्नति होती रहेगी। वर्ष के मध्य में गुरु ग्रह के गोचर के बाद समय काफी अनुकूल हो रहा है उसे समय उच्च शिक्षा प्राप्ति के शुभ योग बनेंगे।राहु का गोचर पंचम भाव में होने से संतान को लेकर कुछ चिंताएं हो सकती हैं। जिन लोगों की संतान विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक काफी लंबे समय से हैं उनको वर्ष के मध्य के पश्चात सफलता प्राप्त होगी। संतान प्राप्ति के इच्छुक व्यक्तियों को वर्ष मध्य तक कुछ शुभ समय दिखाई देता है।

स्वास्थ्य
वर्ष का प्रारंभ स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से अनुकूल नहीं रहेगा। अष्टम भाव पर गुरु के कारण आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। मौसम जनित बीमारियों से थोड़ी परेशानी हो सकती है यदि पहले से कोई बीमारी है तो परहेज रखने की आवश्यकता रहेगी। वर्ष के मध्य के पश्चात देव गुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से नवम भाव पर होगा और वह पांचवीं दृष्टि से आपकी राशि को देखेंगे इसलिए स्वास्थ्य में आशातीत सुधार होगा ।मानसिक शांति प्रसन्नता का वातावरण बनेगा किंतु राशि से छठे भाव पर शनि का गोचर यदा कदा आपको पेट से संबंधित परेशानियां देता रहेगा इसलिए इस पूरे वर्ष योग और प्राणायाम करते रहें और खान-पान में नियंत्रण बनाकर रखें।

प्रेम संबंध
प्रेम संबंधों के मामले में वर्ष की शुरुआत से मार्च तक का समय अच्छा रहेगा। इसके बाद पंचम भाव के स्वामी शनि का गोचर आपकी राशि से छठे भाव पर होगा जो प्रेम संबंधों में परेशानियां खड़ी करेगा। वर्ष के मध्य के पश्चात पंचम भाव में राहु के गोचरीय प्रभाव के कारण प्रेम संबंधों में परेशानियां दिखाई देती हैं आपसी सामंजस्य और विश्वास की कमी की वजह से प्रेम संबंधों में असफलता की भी संभावनाएं इस वर्ष बनेगी।

यात्राएं
यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। वर्ष के प्रारंभ में द्वादश स्थान पर गुरु के दृष्टि प्रभाव से आप विदेश यात्रा करेंगे। मई के बाद छोटी-मोटी यात्राओं के साथ लंबी यात्राएं भी होती रहेंगी। वर्ष के मध्य के पश्चात राहु का गोचर आपके पंचम भाव पर होगा और शनि का गोचर आपकी छठे भाव पर होगा इसलिए व्यावसायिक और नौकरीपेशा लोगों के लिए यात्रा की संभावनाएं निश्चित रूप से बनेगी। 

उपाय
वर्ष का प्रारंभ माता भगवती के मंदिर में एक नारियल और चुनरी चढ़ा कर करें। इस वर्ष नित्य श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें। केला या पीली वस्तुओं का दान करें। शुक्रवार के दिन 10 वर्ष से कम आयु की कन्याओं को खीर का प्रसाद खिलाएं।
 
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