{"_id":"694912c16205c37aac0db827","slug":"delhi-makes-rc-transfer-mandatory-within-15-days-for-used-vehicles-police-action-for-violations-2025-12-22","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"RC Transfer: दिल्ली में सेकेंड-हैंड वाहन की आरसी ट्रांसफर नियमों में सख्ती, अब 15 दिन की समय-सीमा अनिवार्य","category":{"title":"Automobiles","title_hn":"ऑटो-वर्ल्ड","slug":"automobiles"}}
RC Transfer: दिल्ली में सेकेंड-हैंड वाहन की आरसी ट्रांसफर नियमों में सख्ती, अब 15 दिन की समय-सीमा अनिवार्य
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 22 Dec 2025 03:13 PM IST
विज्ञापन
सार
सरकार ने अब सेकंड-हैंड गाड़ियों की ओनरशिप 15 दिनों के अंदर ट्रांसफर करना अनिवार्य कर दिया है।
RC Transfer
- फोटो : AI
विज्ञापन
विस्तार
दिल्ली में सेकेंड-हैंड वाहन खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को लेकर सरकार ने नियमों को और कड़ा कर दिया है। नए निर्देशों के तहत अब इस्तेमाल किए गए वाहनों का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) (आरसी) अधिकतम 15 दिनों के भीतर ट्रांसफर कराना अनिवार्य होगा। तय समय-सीमा में प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर पुलिस कार्रवाई की जा सकती है। सरकार का कहना है कि इस कदम का मकसद पुराने वाहनों की ट्रेसबिलिटी मजबूत करना और सुरक्षा से जुड़ी खामियों को दूर करना है।
यह भी पढ़ें - Fog Driving: सर्दियों में कैसे करें सुरक्षित ड्राइविंग, कोहरे और कम विजिबिलिटी में गाड़ी चलाने के जरूरी टिप्स
Trending Videos
यह भी पढ़ें - Fog Driving: सर्दियों में कैसे करें सुरक्षित ड्राइविंग, कोहरे और कम विजिबिलिटी में गाड़ी चलाने के जरूरी टिप्स
विज्ञापन
विज्ञापन
नियम बदलने की वजह क्या है
दिल्ली सरकार ने यह फैसला हाल ही में सामने आए एक गंभीर मामले के बाद लिया है। नवंबर 2025 में लाल किला के पास हुए धमाके की जांच के दौरान यह सामने आया कि इस्तेमाल में लिया गया वाहन दिल्ली में रजिस्टर्ड था, लेकिन उसे कई बार बेचा गया था और हर बार मालिकाना हक के रिकॉर्ड अपडेट नहीं किए गए थे। इसी वजह से जांच एजेंसियों को वाहन की सही जानकारी जुटाने में काफी दिक्कत हुई। इस घटना ने साफ कर दिया कि सेकेंड-हैंड वाहन बाजार में नियमों को और सख्त करने की जरूरत है।
यह भी पढ़ें - Pollution Certificate: दिल्ली में सख्त प्रदूषण कार्रवाई का असर, तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा पीयूसी आवेदन
दिल्ली सरकार ने यह फैसला हाल ही में सामने आए एक गंभीर मामले के बाद लिया है। नवंबर 2025 में लाल किला के पास हुए धमाके की जांच के दौरान यह सामने आया कि इस्तेमाल में लिया गया वाहन दिल्ली में रजिस्टर्ड था, लेकिन उसे कई बार बेचा गया था और हर बार मालिकाना हक के रिकॉर्ड अपडेट नहीं किए गए थे। इसी वजह से जांच एजेंसियों को वाहन की सही जानकारी जुटाने में काफी दिक्कत हुई। इस घटना ने साफ कर दिया कि सेकेंड-हैंड वाहन बाजार में नियमों को और सख्त करने की जरूरत है।
यह भी पढ़ें - Pollution Certificate: दिल्ली में सख्त प्रदूषण कार्रवाई का असर, तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा पीयूसी आवेदन
RC Transfer
- फोटो : Freepik
15 दिन में RC ट्रांसफर क्यों जरूरी
नई व्यवस्था के तहत सिर्फ डीलरों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं, बल्कि खरीदारों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। अब कोई भी व्यक्ति अगर पुराना वाहन खरीदता है, तो उसे 15 दिनों के भीतर अपने नाम पर आरसी ट्रांसफर करानी होगी। सरकार का मानना है कि इससे वाहन के असली मालिक की पहचान स्पष्ट रहेगी और किसी भी आपराधिक या अवैध गतिविधि में इस्तेमाल होने पर जवाबदेही तय की जा सकेगी।
यह भी पढ़ें - Hydrogen Cars: हाइड्रोजन कारें कितनी वाकई ‘ग्रीन’? नए शोध ने स्वच्छ ऊर्जा के दावे पर उठाए सवाल
नई व्यवस्था के तहत सिर्फ डीलरों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं, बल्कि खरीदारों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। अब कोई भी व्यक्ति अगर पुराना वाहन खरीदता है, तो उसे 15 दिनों के भीतर अपने नाम पर आरसी ट्रांसफर करानी होगी। सरकार का मानना है कि इससे वाहन के असली मालिक की पहचान स्पष्ट रहेगी और किसी भी आपराधिक या अवैध गतिविधि में इस्तेमाल होने पर जवाबदेही तय की जा सकेगी।
यह भी पढ़ें - Hydrogen Cars: हाइड्रोजन कारें कितनी वाकई ‘ग्रीन’? नए शोध ने स्वच्छ ऊर्जा के दावे पर उठाए सवाल
नियम न मानने पर क्या होगी कार्रवाई
अगर तय समय-सीमा के भीतर आरसी ट्रांसफर नहीं कराया जाता है, तो दिल्ली पुलिस कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इसमें नोटिस, जुर्माना या अन्य कानूनी कदम शामिल हो सकते हैं। सरकार का साफ संदेश है कि सेकेंड-हैंड वाहन लेन-देन में अब ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह भी पढ़ें - Fuel Level: सर्दियों में गाड़ी या बाइक का टैंक खाली रखना क्यों पड़ सकता है भारी? जानिए इसके बड़े नुकसान
अगर तय समय-सीमा के भीतर आरसी ट्रांसफर नहीं कराया जाता है, तो दिल्ली पुलिस कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इसमें नोटिस, जुर्माना या अन्य कानूनी कदम शामिल हो सकते हैं। सरकार का साफ संदेश है कि सेकेंड-हैंड वाहन लेन-देन में अब ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह भी पढ़ें - Fuel Level: सर्दियों में गाड़ी या बाइक का टैंक खाली रखना क्यों पड़ सकता है भारी? जानिए इसके बड़े नुकसान
RC Transfer
- फोटो : Freepik
खरीदारों और डीलरों के लिए अहम संदेश
दिल्ली सरकार के नए नियमों का सीधा असर सेकेंड-हैंड वाहन बाजार पर पड़ेगा। डीलरों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो चुका है और खरीदारों को भी अब वाहन खरीदते समय आरसी ट्रांसफर को प्राथमिकता देनी होगी। सरकार का दावा है कि इन बदलावों से न सिर्फ कानून-व्यवस्था मजबूत होगी। बल्कि सेकेंड-हैंड वाहन खरीदने की प्रक्रिया भी ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी।
यह भी पढ़ें - Car Features: सर्दियों के घने कोहरे में ड्राइविंग है खतरनाक, जानें ADAS तकनीक इसे कैसे बना सकती है सुरक्षित
दिल्ली सरकार के नए नियमों का सीधा असर सेकेंड-हैंड वाहन बाजार पर पड़ेगा। डीलरों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो चुका है और खरीदारों को भी अब वाहन खरीदते समय आरसी ट्रांसफर को प्राथमिकता देनी होगी। सरकार का दावा है कि इन बदलावों से न सिर्फ कानून-व्यवस्था मजबूत होगी। बल्कि सेकेंड-हैंड वाहन खरीदने की प्रक्रिया भी ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी।
यह भी पढ़ें - Car Features: सर्दियों के घने कोहरे में ड्राइविंग है खतरनाक, जानें ADAS तकनीक इसे कैसे बना सकती है सुरक्षित