{"_id":"6954fce49f9cc38cbb043038","slug":"europe-s-tighter-emission-norms-push-platinum-prices-higher-impacting-global-auto-industry-2025-12-31","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Automobile Industry: यूरोप की नई उत्सर्जन नीति से प्लैटिनम की कीमतों में आया उछाल, जानें असल वजह","category":{"title":"Automobiles","title_hn":"ऑटो-वर्ल्ड","slug":"automobiles"}}
Automobile Industry: यूरोप की नई उत्सर्जन नीति से प्लैटिनम की कीमतों में आया उछाल, जानें असल वजह
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 31 Dec 2025 04:08 PM IST
विज्ञापन
सार
यूरोप की एमिशन पॉलिसी में बदलाव का असर ग्लोबल ऑटोमोटिव सप्लाई चेन पर पड़ रहा है। जिससे प्लैटिनम की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल आया है और ऑटोमेकर्स की लागत पर असर पड़ा है। यह इस बदलाव के दौर में कम्बशन इंजन की अहमियत को दिखाता है।
Car Pollution
- फोटो : Freepik
विज्ञापन
विस्तार
यूरोप की वाहन उत्सर्जन नीति में आए बदलाव का असर अब वैश्विक ऑटोमोबाइल सप्लाई चेन और कमोडिटी बाजारों पर साफ दिखाई देने लगा है। इस बदलाव के चलते प्लैटिनम की कीमतें लगभग चार दशकों की सबसे तेज मासिक बढ़त की ओर बढ़ गई हैं। दिसंबर में यूरोपियन यूनियन (यूरोपीय संघ) ने 2035 से नई इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) (आईसीई) कारों पर पूर्ण प्रतिबंध की अपनी योजना को प्रभावी रूप से नरम कर दिया। इसके बजाय, प्रतिबंध की समयसीमा को खुला रखा गया और टेलपाइप उत्सर्जन मानकों को और सख्त करने का फैसला किया गया।
यह भी पढ़ें - Car Air Purifier: बढ़ते प्रदूषण में स्वच्छ केबिन हवा बनी बड़ी जरूरत, ₹15 लाख से कम की इन कारों में मिलता है एयर प्यूरीफायर
Trending Videos
यह भी पढ़ें - Car Air Purifier: बढ़ते प्रदूषण में स्वच्छ केबिन हवा बनी बड़ी जरूरत, ₹15 लाख से कम की इन कारों में मिलता है एयर प्यूरीफायर
विज्ञापन
विज्ञापन
आईसीई इंजनों को मिली अप्रत्याशित राहत
इस नीति बदलाव से वाहन निर्माताओं और सप्लायर्स को साफ संकेत मिला है कि पारंपरिक पेट्रोल और डीजल इंजन पहले की अपेक्षा ज्यादा समय तक सड़कों पर बने रहेंगे। हालांकि, इसके साथ यह शर्त भी जुड़ी है कि भविष्य के मानकों को पूरा करने के लिए उन्हें ज्यादा स्वच्छ और एडवांस्ड एग्जॉस्ट सिस्टम अपनाने होंगे। यही कारण है कि प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी धातुओं की मांग में अचानक तेजी आई है।
यह भी पढ़ें - Auto Sales: जीएसटी कटौती से साल के आखिर में बढ़ी मांग, 2025 में पीवी बिक्री ने बनाया नया रिकॉर्ड
सख्त मानक, महंगे कैटेलिटिक कन्वर्टर
नई उत्सर्जन सीमाओं ने प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स (PGM), खासकर प्लैटिनम और पैलेडियम की मांग बढ़ा दी है। ये धातुएं पेट्रोल और डीजल वाहनों के कैटेलिटिक कन्वर्टर में इस्तेमाल होती हैं, जो हानिकारक उत्सर्जन को कम करते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सख्त नियमों के चलते प्रति वाहन इन कीमती धातुओं की मात्रा बढ़ानी पड़ेगी। जिससे ऑटोमोबाइल कंपनियों की कच्चे माल की लागत सीधे तौर पर बढ़ेगी।
Mitsubishi (मित्सुबिशी) के विश्लेषकों ने इसे PGM के लिए "स्टेरॉयड इंजेक्शन" जैसा बताया है, जो कैटेलिटिक कन्वर्टर में इनके इस्तेमाल की अवधि को और लंबा कर देगा।
यह भी पढ़ें - Hyundai Prime Taxi: ह्यूंदै ने भारत में लॉन्च की कंपनी-फिटेड CNG के साथ प्राइम टैक्सी रेंज, जानें कीमत और फीचर्स
इस नीति बदलाव से वाहन निर्माताओं और सप्लायर्स को साफ संकेत मिला है कि पारंपरिक पेट्रोल और डीजल इंजन पहले की अपेक्षा ज्यादा समय तक सड़कों पर बने रहेंगे। हालांकि, इसके साथ यह शर्त भी जुड़ी है कि भविष्य के मानकों को पूरा करने के लिए उन्हें ज्यादा स्वच्छ और एडवांस्ड एग्जॉस्ट सिस्टम अपनाने होंगे। यही कारण है कि प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी धातुओं की मांग में अचानक तेजी आई है।
यह भी पढ़ें - Auto Sales: जीएसटी कटौती से साल के आखिर में बढ़ी मांग, 2025 में पीवी बिक्री ने बनाया नया रिकॉर्ड
सख्त मानक, महंगे कैटेलिटिक कन्वर्टर
नई उत्सर्जन सीमाओं ने प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स (PGM), खासकर प्लैटिनम और पैलेडियम की मांग बढ़ा दी है। ये धातुएं पेट्रोल और डीजल वाहनों के कैटेलिटिक कन्वर्टर में इस्तेमाल होती हैं, जो हानिकारक उत्सर्जन को कम करते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सख्त नियमों के चलते प्रति वाहन इन कीमती धातुओं की मात्रा बढ़ानी पड़ेगी। जिससे ऑटोमोबाइल कंपनियों की कच्चे माल की लागत सीधे तौर पर बढ़ेगी।
Mitsubishi (मित्सुबिशी) के विश्लेषकों ने इसे PGM के लिए "स्टेरॉयड इंजेक्शन" जैसा बताया है, जो कैटेलिटिक कन्वर्टर में इनके इस्तेमाल की अवधि को और लंबा कर देगा।
यह भी पढ़ें - Hyundai Prime Taxi: ह्यूंदै ने भारत में लॉन्च की कंपनी-फिटेड CNG के साथ प्राइम टैक्सी रेंज, जानें कीमत और फीचर्स
Car Plant
- फोटो : Freepik
नियामकीय स्पष्टता से कीमतों में जबरदस्त उछाल
LSEG के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में प्लैटिनम की कीमतें 33 प्रतिशत तक बढ़ गईं, जो 1986 के बाद की सबसे बड़ी मासिक छलांग है। हाल ही में प्लैटिनम ने 2,478.50 डॉलर प्रति औंस का रिकॉर्ड स्तर छुआ और पूरे साल में 146 प्रतिशत की बढ़त की ओर अग्रसर है। इसी तरह, पैलेडियम और रोडियम ने भी 2025 में क्रमशः 80 प्रतिशत और 95 प्रतिशत की तेजी दर्ज की है।
हालांकि इलेक्ट्रिक वाहन लंबी अवधि में इन धातुओं की मांग के लिए चुनौती बने रहेंगे। लेकिन यूरोप के इस फैसले ने निकट भविष्य की चिंताओं को कम कर दिया है और हाइब्रिड व स्वच्छ आईसीई मॉडलों की भूमिका को मजबूत किया है।
यह भी पढ़ें - Two-Wheeler Sales: 2025 में दोपहिया बाजार ने पार किया दो करोड़ का आंकड़ा, रिकवरी का दौर मजबूत
LSEG के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में प्लैटिनम की कीमतें 33 प्रतिशत तक बढ़ गईं, जो 1986 के बाद की सबसे बड़ी मासिक छलांग है। हाल ही में प्लैटिनम ने 2,478.50 डॉलर प्रति औंस का रिकॉर्ड स्तर छुआ और पूरे साल में 146 प्रतिशत की बढ़त की ओर अग्रसर है। इसी तरह, पैलेडियम और रोडियम ने भी 2025 में क्रमशः 80 प्रतिशत और 95 प्रतिशत की तेजी दर्ज की है।
हालांकि इलेक्ट्रिक वाहन लंबी अवधि में इन धातुओं की मांग के लिए चुनौती बने रहेंगे। लेकिन यूरोप के इस फैसले ने निकट भविष्य की चिंताओं को कम कर दिया है और हाइब्रिड व स्वच्छ आईसीई मॉडलों की भूमिका को मजबूत किया है।
यह भी पढ़ें - Two-Wheeler Sales: 2025 में दोपहिया बाजार ने पार किया दो करोड़ का आंकड़ा, रिकवरी का दौर मजबूत
ऑटो निर्माताओं के लिए बढ़ती लागत की चुनौती
कार कंपनियों के लिए यह उछाल ऐसे समय आया है, जब वे पूरी तरह इलेक्ट्रिक भविष्य की ओर बढ़ने से पहले हाइब्रिड और अत्यधिक दक्ष आईसीई तकनीक पर निर्भर हैं। प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स की बढ़ती कीमतें वाहनों की लागत पर दबाव डाल सकती हैं। खासकर उन सेगमेंट में जहां कीमत बढ़ाए बिना सख्त उत्सर्जन मानकों का पालन करना पहले से ही मुश्किल है। वहीं, एग्जॉस्ट आफ्टर-ट्रीटमेंट सिस्टम बनाने वाली कंपनियों को भी मार्जिन पर दबाव झेलना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें - 2026 Kawasaki Z650RS: भारत में लॉन्च हुई नई कावासाकी Z650RS, जानें कीमत और फीचर्स
सप्लाई जोखिम और वैश्विक नीतियों का असर
सप्लाई साइड पर भी हालात कीमतों के पक्ष में बने हुए हैं। कुछ क्षेत्रों में प्लैटिनम और पैलेडियम की भौतिक उपलब्धता कम हुई है, क्योंकि अमेरिका ने प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स को अपने क्रिटिकल मिनरल्स की सूची में शामिल किया है और वहां धातुओं का प्रवाह बढ़ा है। बाजार अब जनवरी में अपेक्षित अमेरिकी टैरिफ नीति पर स्पष्टता का इंतजार कर रहा है।
यह भी पढ़ें - Electric Agricultural Tractors: इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए भारत का पहला BIS टेस्ट मानक लागू, जानें क्या है खास
कार कंपनियों के लिए यह उछाल ऐसे समय आया है, जब वे पूरी तरह इलेक्ट्रिक भविष्य की ओर बढ़ने से पहले हाइब्रिड और अत्यधिक दक्ष आईसीई तकनीक पर निर्भर हैं। प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स की बढ़ती कीमतें वाहनों की लागत पर दबाव डाल सकती हैं। खासकर उन सेगमेंट में जहां कीमत बढ़ाए बिना सख्त उत्सर्जन मानकों का पालन करना पहले से ही मुश्किल है। वहीं, एग्जॉस्ट आफ्टर-ट्रीटमेंट सिस्टम बनाने वाली कंपनियों को भी मार्जिन पर दबाव झेलना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें - 2026 Kawasaki Z650RS: भारत में लॉन्च हुई नई कावासाकी Z650RS, जानें कीमत और फीचर्स
सप्लाई जोखिम और वैश्विक नीतियों का असर
सप्लाई साइड पर भी हालात कीमतों के पक्ष में बने हुए हैं। कुछ क्षेत्रों में प्लैटिनम और पैलेडियम की भौतिक उपलब्धता कम हुई है, क्योंकि अमेरिका ने प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स को अपने क्रिटिकल मिनरल्स की सूची में शामिल किया है और वहां धातुओं का प्रवाह बढ़ा है। बाजार अब जनवरी में अपेक्षित अमेरिकी टैरिफ नीति पर स्पष्टता का इंतजार कर रहा है।
यह भी पढ़ें - Electric Agricultural Tractors: इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए भारत का पहला BIS टेस्ट मानक लागू, जानें क्या है खास
कार प्लांट
- फोटो : एआई
चीन की भूमिका और सट्टेबाजी की बढ़ती दिलचस्पी
चीन भी इस कहानी का अहम हिस्सा बनकर उभरा है। पिछले महीने वहां प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स के फ्यूचर्स ट्रेडिंग की शुरुआत हुई। जिससे दुनिया के सबसे बड़े ऑटो बाजार और प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स के सबसे बड़े उपभोक्ता में सट्टेबाजी की मांग बढ़ गई है।
मैक्वेरी के विश्लेषकों का कहना है कि अगर चीन से स्पॉट इंपोर्ट की मांग ऊंची बनी रहती है, तो अमेरिकी टैरिफ पर स्पष्टता के बाद प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स की असली परीक्षा होगी।
यह भी पढ़ें - Automobile Sector: दिसंबर में ऑटो सेक्टर को मिलेगी रफ्तार, सभी सेगमेंट में मजबूत बढ़ोतरी के संकेत
चीन भी इस कहानी का अहम हिस्सा बनकर उभरा है। पिछले महीने वहां प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स के फ्यूचर्स ट्रेडिंग की शुरुआत हुई। जिससे दुनिया के सबसे बड़े ऑटो बाजार और प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स के सबसे बड़े उपभोक्ता में सट्टेबाजी की मांग बढ़ गई है।
मैक्वेरी के विश्लेषकों का कहना है कि अगर चीन से स्पॉट इंपोर्ट की मांग ऊंची बनी रहती है, तो अमेरिकी टैरिफ पर स्पष्टता के बाद प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स की असली परीक्षा होगी।
यह भी पढ़ें - Automobile Sector: दिसंबर में ऑटो सेक्टर को मिलेगी रफ्तार, सभी सेगमेंट में मजबूत बढ़ोतरी के संकेत
नियमन से कमोडिटी बाजार तक सीधा असर
जैसे-जैसे यूरोप उत्सर्जन नियमों को कड़ा कर रहा है और आईसीई वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध को टाल रहा है। ऑटो उद्योग एक बार फिर प्लैटिनम जैसी कीमती धातुओं की कीमतों की दिशा तय कर रहा है। यह दिखाता है कि टेलपाइप प्रदूषण से जुड़े नीतिगत फैसले आज भी वैश्विक कमोडिटी बाजारों को हिलाने की ताकत रखते हैं।
यह भी पढ़ें - Delhi Pollution: ग्रैप-4 के तहत दिल्ली में वाहनों पर सख्ती, जानें अगले आदेश तक किन गाड़ियों की है नो-एंट्री
यह भी पढ़ें - Ducati XDiavel V4: भारत में लॉन्च हुई डुकाटी XDiavel V4, कीमत इतनी की खरीद सकते हैं महंगी इलेक्ट्रिक एसयूवी
जैसे-जैसे यूरोप उत्सर्जन नियमों को कड़ा कर रहा है और आईसीई वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध को टाल रहा है। ऑटो उद्योग एक बार फिर प्लैटिनम जैसी कीमती धातुओं की कीमतों की दिशा तय कर रहा है। यह दिखाता है कि टेलपाइप प्रदूषण से जुड़े नीतिगत फैसले आज भी वैश्विक कमोडिटी बाजारों को हिलाने की ताकत रखते हैं।
यह भी पढ़ें - Delhi Pollution: ग्रैप-4 के तहत दिल्ली में वाहनों पर सख्ती, जानें अगले आदेश तक किन गाड़ियों की है नो-एंट्री
यह भी पढ़ें - Ducati XDiavel V4: भारत में लॉन्च हुई डुकाटी XDiavel V4, कीमत इतनी की खरीद सकते हैं महंगी इलेक्ट्रिक एसयूवी