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Electric Agricultural Tractors: इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए भारत का पहला BIS टेस्ट मानक लागू, जानें खूबी

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Tue, 30 Dec 2025 09:09 PM IST
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सार

ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने इलेक्ट्रिक एग्रीकल्चरल ट्रैक्टरों के लिए भारत का पहला डेडिकेटेड टेस्टिंग स्टैंडर्ड पेश किया है।

India Introduces First BIS Testing Standard for Electric Agricultural Tractors
electric agricultural tractors - फोटो : Freepik
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विस्तार
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भारत ने स्वच्छ और आधुनिक कृषि यांत्रिकी की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए अपना पहला समर्पित परीक्षण मानक पेश किया है। भारतीय मानक ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) (BIS) द्वारा जारी यह नया मानक देश में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के लिए एक समान और स्पष्ट नियामक ढांचा तैयार करने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
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राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर हुआ मानक का अनावरण
यह नया मानक IS 19262:2025 - इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टर - टेस्ट कोड के नाम से जारी किया गया। इसका अनावरण केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने 24 दिसंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर किया। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस मानक का उद्देश्य इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की सुरक्षा, विश्वसनीयता और प्रदर्शन के लिए एक वैज्ञानिक आधार तैयार करना है।

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परीक्षण प्रक्रिया में क्या-क्या शामिल
BIS द्वारा विकसित यह टेस्ट कोड इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए विस्तृत और संरचित परीक्षण प्रोटोकॉल तय करता है। इसमें पावर टेक-ऑफ (PTO) आउटपुट, ड्रॉबार पावर, बेल्ट और पुली की कार्यक्षमता, कंपन (वाइब्रेशन) का मापन, और प्रमुख कंपोनेंट्स व असेंबली के निरीक्षण जैसे अहम पहलुओं को शामिल किया गया है। इन सभी परीक्षणों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वे वास्तविक खेतों में काम करने की परिस्थितियों को सही तरीके से दर्शा सकें।

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डीजल और ईवी मानकों से लिया गया तकनीकी आधार
यह मानक पारंपरिक डीजल ट्रैक्टरों और इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े मौजूदा परीक्षण मानकों से तकनीकी इनपुट लेता है। लेकिन इसे खासतौर पर कृषि उपयोग के लिए अनुकूलित किया गया है। मंत्रालय के अनुसार, अधिकृत परीक्षण संस्थानों के माध्यम से इस मानक को लागू करने से इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों को अपनाने में तेजी आएगी, स्वच्छ तकनीकों में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलेगी।

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India Introduces First BIS Testing Standard for Electric Agricultural Tractors
Tractor - फोटो : Freepik
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर: खेती के लिए एक स्वच्छ विकल्प
इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टर, जो डीजल इंजन की जगह बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करते हैं, कम उत्सर्जन, कम शोर और कम परिचालन लागत के कारण एक आकर्षक विकल्प के तौर पर उभर रहे हैं। इनमें चलने वाले पुर्जे कम होते हैं, जिससे मेंटेनेंस की जरूरत भी अपेक्षाकृत कम रहती है। नए BIS मानक से इन ट्रैक्टरों की गुणवत्ता और प्रदर्शन को लेकर किसानों और बाजार, दोनों का भरोसा मजबूत होने की उम्मीद है।

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व्यापक परामर्श से तैयार हुआ मानक
इस टेस्ट कोड को कृषि मंत्रालय के मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी प्रभाग के अनुरोध पर तैयार किया गया है। इसके निर्माण में ट्रैक्टर निर्माताओं, परीक्षण और प्रमाणन एजेंसियों, कृषि अनुसंधान संस्थानों और तकनीकी विशेषज्ञों ने योगदान दिया। इसमें आईसीएआर-केंद्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान, केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान, ट्रैक्टर और मशीनीकरण संघ और भारतीय ऑटोमोटिव अनुसंधान संघ जैसी प्रमुख संस्थाओं की भागीदारी रही।

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स्वच्छ कृषि यांत्रिकी की ओर मजबूत कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए यह पहला BIS मानक भारत में टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगा। एक समान परीक्षण व्यवस्था से न केवल उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, बल्कि भविष्य में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल का रास्ता भी आसान होगा। 

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