Electric 3-Wheeler: मिशन सफल, सब्सिडी खत्म! इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर सेगमेंट में अब नहीं मिलेगी सरकारी मदद
EV Subsidy: निर्धारित लक्ष्य समय से पहले पूरा होने के कारण केंद्र सरकार ने ई-थ्री व्हीलर सब्सिडी खत्म कर दी है, जिससे अब ये वाहन हजारों रुपये महंगे हो जाएंगे। जानिए सब्सिडी हटने से कीमतों और बिक्री पर क्या असर पड़ेगा?
विस्तार
केंद्र सरकार के अनुसार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहनों का लक्ष्य पूरा हो चुका है। इस योजना में करीब 2.9 लाख एल5 कैटेगरी इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर का टारगेट तय किया गया था, जो कि हासिल हो चुका है।
अधिकारियों का कहना है, इस सेगमेंट में अब इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी करीब 32 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो तय लक्ष्य से (20–30%) से ज्यादा है। इसी वजह से इसे अब सेल्फ-सस्टेनेबल सेगमेंट माना जा रहा है।
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कब से लागू हुआ यह फैसला?
ये फैसला दिसंबर 2025 के अंत में लिया गया। एल5 कैटेगरी के लिए तय करीब 857 करोड़ रुपये का सब्सिडी फंड लक्ष्य पूरा होने और 26 दिसंबर की डेडलाइन से पहले ही समाप्त हो गया है।
इस वर्ष कितने वाहनों की ब्रिकी हुई?
साल 2025 में देशभर में 7.5 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन बिके, जिनमें से 60 प्रतिशत से अधिक तीन-पहिया वाहन इलेक्ट्रिक थे। ये आंकड़े दिखाते हैं कि ई-रिक्शा और ई-कार्ट जैसे सेगमेंट तेजी से अपनाए जा चुके हैं।
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इसके बाद सरकार ईवी प्रोत्साहन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंप रही है। कई राज्य अलग से ही अपनी ईवी नीतियां जारी रखेंगे। वहीं, दिल्ली सरकार जनवरी 2026 में नया ईवी पैकेज लाने की तैयारी में हे। इससे राज्यों में रोड टैक्स छूट, रजिस्ट्रेशन फीस में राहत जैसे तमाम फायदे जारी रह सकते हैं।
अगर इलेक्ट्रिक दो पहिया (e-2W) की बात करें तो इसकी सब्सिडी अगले वित्तीय वर्ष तक जारी रह सकती है। वहीं, इलेक्ट्रिक चार पहिया (e-4W) वाहनों के कुछ राज्यों में रजिस्ट्रेशन के लाभ अभी भी मिल रहे हैं। हालांकि, भारत में पूरी EV क्रांति को आगे बढ़ाने में अब राज्यों की भूमिका और ज्यादा अहम हो जाएगी।