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Cab Fare: पीक आवर्स के दौरान दोगुना किराया वसूल सकेंगे एप बेस्ड कैब एग्रीगेटर, सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 02 Jul 2025 02:45 PM IST
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सार
कैब एग्रीगेटर्स (जैसे ओला, उबर वगैरह) को अब पीक आवर्स यानी सबसे ज्यादा मांग वाले समय में बेस किराए का दोगुना चार्ज करने की अनुमति मिल गई है।

Cab Aggregator
- फोटो : ANI

विस्तार
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2025 के लिए 'मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस' जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के तहत कैब एग्रीगेटर्स (जैसे ओला, उबर वगैरह) को अब पीक आवर्स यानी सबसे ज्यादा मांग वाले समय में बेस किराए का दोगुना चार्ज करने की अनुमति मिल गई है। पहले ये सीमा 1.5 गुना थी। वहीं, नॉन-पीक ऑवर्स में न्यूनतम किराया बेस फेयर का 50 प्रतिशत रखना अनिवार्य होगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपने 'मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2025' में कहा है कि "एग्रीगेटर को आधार किराये से न्यूनतम 50 प्रतिशत कम किराया लेने तथा उप-खण्ड (17.1) के तहत निर्दिष्ट आधार किराये से अधिकतम दो गुना डायनैमिक प्राइसिंग की अनुमति होगी।"
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डेड माइलेज के लिए भी मिलेगा किराया
नई गाइडलाइंस के अनुसार, बेस फेयर कम से कम 3 किलोमीटर के लिए तय किया जाएगा। इसका मकसद 'डेड माइलेज' को कवर करना है। यानी वो दूरी जो ड्राइवर बिना सवारी के तय करता है या किसी सवारी को लेने के लिए यात्रा करता है। इससे ड्राइवर को बेहतर मुआवजा मिलेगा।
राज्य सरकार तय करेगी बेस फेयर
गाइडलाइंस में यह भी साफ किया गया है कि अलग-अलग कैटेगरी या क्लास की गाड़ियों के लिए राज्य सरकार जो किराया तय करेगी, वही एग्रीगेटर का बेस फेयर माना जाएगा। राज्यों को इन नए नियमों को तीन महीने के भीतर अपनाने की सलाह दी गई है।
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नई गाइडलाइंस के अनुसार, बेस फेयर कम से कम 3 किलोमीटर के लिए तय किया जाएगा। इसका मकसद 'डेड माइलेज' को कवर करना है। यानी वो दूरी जो ड्राइवर बिना सवारी के तय करता है या किसी सवारी को लेने के लिए यात्रा करता है। इससे ड्राइवर को बेहतर मुआवजा मिलेगा।
राज्य सरकार तय करेगी बेस फेयर
गाइडलाइंस में यह भी साफ किया गया है कि अलग-अलग कैटेगरी या क्लास की गाड़ियों के लिए राज्य सरकार जो किराया तय करेगी, वही एग्रीगेटर का बेस फेयर माना जाएगा। राज्यों को इन नए नियमों को तीन महीने के भीतर अपनाने की सलाह दी गई है।
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कैंसलेशन पर अब लगेगा जुर्माना
अगर ड्राइवर बिना किसी वाजिब कारण के राइड कैंसल करता है, तो उस पर कुल किराए का 10 प्रतिशत (अधिकतम 100 रुपये तक) जुर्माना लगेगा। इसी तरह, अगर यात्री भी बिना किसी वाजिब वजह के राइड कैंसल करता है, तो उसी तरह का जुर्माना उस पर भी लगेगा।
लाइसेंस के लिए बनेगा ऑनलाइन पोर्टल
सरकार एक ऐसा पोर्टल विकसित करेगी जिससे एग्रीगेटर्स को लाइसेंस के लिए एक ही जगह से आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। लाइसेंस फीस 5 लाख रुपये तय की गई है और यह पांच साल के लिए वैध रहेगा।
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अगर ड्राइवर बिना किसी वाजिब कारण के राइड कैंसल करता है, तो उस पर कुल किराए का 10 प्रतिशत (अधिकतम 100 रुपये तक) जुर्माना लगेगा। इसी तरह, अगर यात्री भी बिना किसी वाजिब वजह के राइड कैंसल करता है, तो उसी तरह का जुर्माना उस पर भी लगेगा।
लाइसेंस के लिए बनेगा ऑनलाइन पोर्टल
सरकार एक ऐसा पोर्टल विकसित करेगी जिससे एग्रीगेटर्स को लाइसेंस के लिए एक ही जगह से आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। लाइसेंस फीस 5 लाख रुपये तय की गई है और यह पांच साल के लिए वैध रहेगा।
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ड्राइवरों के लिए अनिवार्य इंश्योरेंस
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि एग्रीगेटर्स को अपने ड्राइवरों के लिए कम से कम 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस और 10 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस देना अनिवार्य होगा। इससे ड्राइवरों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित होगा।
ग्राहक शिकायतों के लिए अफसर नियुक्त करना होगा
हर एग्रीगेटर को एक 'ग्रिवांस ऑफिसर' यानी शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा> जो ग्राहकों और ड्राइवरों की समस्याओं का समाधान करेगा।
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ग्राहक शिकायतों के लिए अफसर नियुक्त करना होगा
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8 साल से पुरानी गाड़ियां नहीं होंगी शामिल
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, कोई भी एग्रीगेटर ऐसी गाड़ी को अपनी सेवा में शामिल नहीं कर सकता, जो उसकी पहली रजिस्ट्रेशन डेट से 8 साल से ज्यादा पुरानी हो। सभी ऑनबोर्डेड गाड़ियां 8 साल से नई होनी चाहिए।
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