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Green Hydrogen: एशिया में वाहनों से बढ़ते प्रदूषण पर लगेगी लगाम, भारत सरकार कर रही बड़ी तैयारी

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: समीर गोयल Updated Sat, 12 Nov 2022 01:29 PM IST
सार

देश ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में वाहनों से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए भारत सरकार की ओर से खास तरह की तैयारी की जा रही है।

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Indian govt planning to export green hydrogen to south asian countries
हाइड्रोजन कार के साथ नितिन गडकरी - फोटो : सोशल मीडिया

पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन काफी ज्यादा प्रदूषण करते हैं। जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे खतरे बढ़ रहे हैं। ऐसे में कई देशों ने अब अन्य विकल्पों वाले वाहनों का उपयोग शुरू कर दिया है। हालांकि अभी ये काफी कम है लेकिन भविष्य में वैकल्पिक ईंधन का उपयोग काफी ज्यादा हो जाएगा। इसी क्रम में भारत की सरकार भी काम कर रही है। भारत की ओर से इस दिशा में क्या तैयारी की जा रही है, आइए जानते हैं।

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भारत सरकार कर रही यह काम

Indian govt planning to export green hydrogen to south asian countries
For Reference Only - फोटो : सोशल मीडिया
भारत की सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषण को लेकर चिंतित है। इसी क्रम में सरकार इलेक्ट्रिक, ईथेनॉल और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के कई अधिकारी दक्षिण एशियाई देशों की सरकारों के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के निर्यात के लिए बातचीत कर रहे हैं।

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भारत निभा सकता है अहम भूमिका

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For Reference Only - फोटो : सोशल मीडिया
दुनिया को साफ ईंधन का विकल्प देने में भारत की भूमिका काफी अहम हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में र्प्याप्त मात्रा में धूप होती है। इसके जरिए ग्रीन हाइड्रोजन को तैयार करने में मदद मिल सकती है। एक बार ग्रीन हाइड्रोजन का निर्यात शुरू हो जाता है तो दुनियाभर में पेट्रोल और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन की जगह साफ ईंधन के उपयोग से प्रदूषण में काफी कम लाई जा सकती है।

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क्या होता है ग्रीन हाइड्रोजन

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For Reference Only - फोटो : सोशल मीडिया
पानी को इलेक्ट्रोलेसिस के जरिए ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में बदलने में काफी ज्यादा बिजली की खपत होती है। इसे तैयार करने के लिए सोलर और विंड एनर्जी से मिलने वाली बिजली से तैयार किया जाता है। जिसके कारण किसी भी तरह से कार्बन उत्सर्जन नहीं होता। इसलिए इस प्रक्रिया से तैयार होने वाले हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है। इसका ज्यादातर उपयोग वाहनों और कैमिकल उद्योगों में किया जा सकता है।

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वाहनों में कैसे होता है उपयोग

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For Reference Only - फोटो : सोशल मीडिया
हाइड्रोजन से चलने वाली कारें सामान्य कारों के मुकाबले थोड़ी अलग होती हैं। इन कारों में दो तरह के हाइड्रोजन टैंक होते हैं। जिनमें से एक हाइली कंप्रेस्ड होता है जबकि दूसरा टैंक लो कंप्रेस्ड होता है। यह काफी ज्वलनशील होती है। इसलिए ऐसी कारों के टैंक और पाइप को काफी मजबूत बनाया जाता है। वाहन में एक क्रिया के तहत एक चैंबर में एक ओर से ऑक्सीजन और दूसरी ओर से हाइड्रोजन को भेजा जाता है। दोनों के बीच कैमिकल रिएक्शन होता है जिससे ऊर्जा पैदा होती है। इसी ऊर्जा के जरिए वाहन काे चलाया जाता है। आम वाहनों में ईंधन जलने के बाद कई तरह की गैस निकलती हैं जिससे प्रदूषण होता है लेकिन हाइड्रोजन वाहनों में ईंधन के जलने पर एच2ओ निकलती है जिससे प्रदूषण नहीं होता।

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