{"_id":"68ecf563ec5b83c007036859","slug":"nhai-s-new-wpi-policy-may-cut-toll-road-project-returns-by-100-basis-points-claims-rating-aency-2025-10-13","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"NHAI: एनएचएआई की नई नीति से टोल रोड प्रोजेक्ट्स की कमाई पर असर, घट सकती है निवेश पर वापसी","category":{"title":"Automobiles","title_hn":"ऑटो-वर्ल्ड","slug":"automobiles"}}
NHAI: एनएचएआई की नई नीति से टोल रोड प्रोजेक्ट्स की कमाई पर असर, घट सकती है निवेश पर वापसी
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 13 Oct 2025 06:19 PM IST
विज्ञापन
सार
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की हाल ही में की गई पॉलिसी में बदलाव से टोल-आधारित हाईवे प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ सकता है।

Fastag
- फोटो : Adobe Stock
विज्ञापन
विस्तार
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) (एनएचएआई) की हाल ही में की गई पॉलिसी में बदलाव से टोल-आधारित हाईवे प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ सकता है। क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, इस बदलाव के चलते ऐसे प्रोजेक्ट्स की इक्विटी रिटर्न लगभग 100 बेसिस पॉइंट (1 प्रतिशत) तक घट सकती है।
यह भी पढ़ें - Mercedes-Benz G450d: भारत में लॉन्च हुई मर्सिडीज-बेंज G450d, मिला दमदार डीजल इंजन, जानें कीमत और फीचर्स
क्या बदला है नई पॉलिसी में
13 सितंबर 2025 को जारी एनएचएआई के सर्कुलर के तहत, होलमेस प्राइस इंडेक्स (WPI) यानी थोक मूल्य सूचकांक को बदलने के लिए इस्तेमाल होने वाले लिंकिंग फैक्टर को 1.641 से घटाकर 1.561 कर दिया गया है। यह तकनीकी बदलाव 2004-05 सीरीज से 2011-12 सीरीज में WPI को कन्वर्ट करने के तरीके में किया गया है। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल रेट्स में लगभग 3-5 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है, यानी अब हाईवे पर गाड़ियां चलाने के लिए टोल थोड़ा सस्ता हो सकता है।
यह भी पढ़ें - Long Wheelbase Cars: भारत में मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू लंबी व्हीलबेस वाली कारें क्यों बेचते हैं? खास है वजह

यह भी पढ़ें - Mercedes-Benz G450d: भारत में लॉन्च हुई मर्सिडीज-बेंज G450d, मिला दमदार डीजल इंजन, जानें कीमत और फीचर्स
विज्ञापन
विज्ञापन
क्या बदला है नई पॉलिसी में
13 सितंबर 2025 को जारी एनएचएआई के सर्कुलर के तहत, होलमेस प्राइस इंडेक्स (WPI) यानी थोक मूल्य सूचकांक को बदलने के लिए इस्तेमाल होने वाले लिंकिंग फैक्टर को 1.641 से घटाकर 1.561 कर दिया गया है। यह तकनीकी बदलाव 2004-05 सीरीज से 2011-12 सीरीज में WPI को कन्वर्ट करने के तरीके में किया गया है। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल रेट्स में लगभग 3-5 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है, यानी अब हाईवे पर गाड़ियां चलाने के लिए टोल थोड़ा सस्ता हो सकता है।
यह भी पढ़ें - Long Wheelbase Cars: भारत में मर्सिडीज-बेंज और बीएमडब्ल्यू लंबी व्हीलबेस वाली कारें क्यों बेचते हैं? खास है वजह
कितना असर पड़ेगा टोल कलेक्शन पर
क्रिसिल रेटिंग्स ने देशभर की 64 टोल रोड परियोजनाओं का विश्लेषण किया है, जिनमें कुल मिलाकर 95,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है (31 मार्च 2025 तक)। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बदलाव के चलते आने वाले समय में इन टोल प्रोजेक्ट्स की कुल वसूली (टोल कलेक्शन) में 3.0 से 3.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर आनंद कुलकर्णी के मुताबिक, "यह बदलाव बेस रेट पर असर डालता है, जिससे टोल रोड ऑपरेटर्स की वसूली स्थायी रूप से घट जाएगी। क्योंकि टोल रेवेन्यू का सीधा संबंध टोल रेट और ट्रैफिक ग्रोथ से होता है।"
यह भी पढ़ें - Royal Enfield: रॉयल एनफील्ड ने अपनी 350cc बाइक्स से हटाया गियर पोजिशन इंडिकेटर, जानें क्यों लिया ये फैसला
क्रिसिल रेटिंग्स ने देशभर की 64 टोल रोड परियोजनाओं का विश्लेषण किया है, जिनमें कुल मिलाकर 95,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है (31 मार्च 2025 तक)। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बदलाव के चलते आने वाले समय में इन टोल प्रोजेक्ट्स की कुल वसूली (टोल कलेक्शन) में 3.0 से 3.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर आनंद कुलकर्णी के मुताबिक, "यह बदलाव बेस रेट पर असर डालता है, जिससे टोल रोड ऑपरेटर्स की वसूली स्थायी रूप से घट जाएगी। क्योंकि टोल रेवेन्यू का सीधा संबंध टोल रेट और ट्रैफिक ग्रोथ से होता है।"
यह भी पढ़ें - Royal Enfield: रॉयल एनफील्ड ने अपनी 350cc बाइक्स से हटाया गियर पोजिशन इंडिकेटर, जानें क्यों लिया ये फैसला

टोल टेक्स
- फोटो : अमर उजाला
क्या इससे क्रेडिट रिस्क बढ़ेगा
रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि रिटर्न्स में थोड़ी गिरावट होगी, लेकिन अधिकांश टोल रोड प्रोजेक्ट्स की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर बनी रहेगी। क्रिसिल का अनुमान है कि डेब्ट सर्विस कवरेज रेशियो (DSCR) में औसतन 0.05 से 0.10 अंक की ही मामूली कमी आएगी।
क्रिसिल रेटिंग्स में एसोसिएट डायरेक्टर, सैना एस कथावाला, ने कहा, "कई टोल रोड एसेट्स इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) के तहत आते हैं, जो विभिन्न परियोजनाओं की कमाई को जोड़कर जोखिम कम करते हैं। इसी वजह से असर सीमित रहेगा।"
यह भी पढ़ें - 2026 Renault Kwid Electric: नई क्विड ई-टेक ब्राजील में हुई लॉन्च, क्या भारत में भी आएगी ये सस्ती इलेक्ट्रिक कार?
रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि रिटर्न्स में थोड़ी गिरावट होगी, लेकिन अधिकांश टोल रोड प्रोजेक्ट्स की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर बनी रहेगी। क्रिसिल का अनुमान है कि डेब्ट सर्विस कवरेज रेशियो (DSCR) में औसतन 0.05 से 0.10 अंक की ही मामूली कमी आएगी।
क्रिसिल रेटिंग्स में एसोसिएट डायरेक्टर, सैना एस कथावाला, ने कहा, "कई टोल रोड एसेट्स इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) के तहत आते हैं, जो विभिन्न परियोजनाओं की कमाई को जोड़कर जोखिम कम करते हैं। इसी वजह से असर सीमित रहेगा।"
यह भी पढ़ें - 2026 Renault Kwid Electric: नई क्विड ई-टेक ब्राजील में हुई लॉन्च, क्या भारत में भी आएगी ये सस्ती इलेक्ट्रिक कार?
हाल के वर्षों में हाईवे सेक्टर की तेज ग्रोथ
भारत का टोल रोड सेक्टर पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। मार्च 2021 में 0.5 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले मार्च 2025 तक 2 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश पहुंच गया है। यह बढ़ोतरी बताती है कि इस सेक्टर में निवेशकों का भरोसा और ऑपरेशनल परफॉर्मेंस दोनों मजबूत रहे हैं।
यह भी पढ़ें - Traffic Light 4th Color: ट्रैफिक लाइट में जुड़ सकता है चौथा रंग! जानें कौन-सा रंग होगा और कैसे होगा मददगार
भारत का टोल रोड सेक्टर पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। मार्च 2021 में 0.5 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले मार्च 2025 तक 2 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश पहुंच गया है। यह बढ़ोतरी बताती है कि इस सेक्टर में निवेशकों का भरोसा और ऑपरेशनल परफॉर्मेंस दोनों मजबूत रहे हैं।
यह भी पढ़ें - Traffic Light 4th Color: ट्रैफिक लाइट में जुड़ सकता है चौथा रंग! जानें कौन-सा रंग होगा और कैसे होगा मददगार

टोल प्लाजा पर लगी वाहनों की कतार
- फोटो : Amar Ujala
नीति में लगातार बदलाव और उनका असर
हालांकि, हाल के महीनों में इस सेक्टर को कई पॉलिसी बदलावों का सामना करना पड़ा है। लोकसभा चुनावों के चलते टोल रेट में देरी से बढ़ोतरी, और अगस्त 2025 में FASTag वार्षिक पास लागू होना, इन दोनों कदमों से टोल कंपनियों की कमाई पर असर पड़ा है। हालांकि, सरकार ने संकेत दिया है कि ऐसी नीतिगत देरी का मुआवजा बाद में दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें - EV Sound: फेरारी इलेक्ट्रिका में नहीं होगा नकली इंजन का शोर, मिलेगी गिटार से प्रेरित असली ईवी की आवाज
हालांकि, हाल के महीनों में इस सेक्टर को कई पॉलिसी बदलावों का सामना करना पड़ा है। लोकसभा चुनावों के चलते टोल रेट में देरी से बढ़ोतरी, और अगस्त 2025 में FASTag वार्षिक पास लागू होना, इन दोनों कदमों से टोल कंपनियों की कमाई पर असर पड़ा है। हालांकि, सरकार ने संकेत दिया है कि ऐसी नीतिगत देरी का मुआवजा बाद में दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें - EV Sound: फेरारी इलेक्ट्रिका में नहीं होगा नकली इंजन का शोर, मिलेगी गिटार से प्रेरित असली ईवी की आवाज
मामला अदालत में पहुंचा
एनएचएआई की इस नई नीति को लेकर मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है। अदालत ने 17 अक्तूबर 2025 की अगली सुनवाई तक एनएचएआई को यह निर्देश दिया है कि वह कंसेशन कंपनियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न करे।
यह भी पढ़ें - 7-Seater Diesel SUV: भारत की सबसे किफायती 7-सीटर डीजल एसयूवी कारें, जो बड़े परिवार के लिए हैं मुफीद
यह भी पढ़ें - Kia Carens Clavis: किआ कैरेंस कलैविस एमपीवी का नया 6-सीटर वैरिएंट लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
एनएचएआई की इस नई नीति को लेकर मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है। अदालत ने 17 अक्तूबर 2025 की अगली सुनवाई तक एनएचएआई को यह निर्देश दिया है कि वह कंसेशन कंपनियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न करे।
यह भी पढ़ें - 7-Seater Diesel SUV: भारत की सबसे किफायती 7-सीटर डीजल एसयूवी कारें, जो बड़े परिवार के लिए हैं मुफीद
यह भी पढ़ें - Kia Carens Clavis: किआ कैरेंस कलैविस एमपीवी का नया 6-सीटर वैरिएंट लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स

टोल प्लाजा।
- फोटो : संवाद
आगे क्या होगा
क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि सरकार को अपने एसेट मॉनेटाइजेशन प्लान को सफल बनाने और निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए एक सहभागी और पारदर्शी नीति अपनानी होगी।
अगर ऐसा किया गया, तो टोल रोड सेक्टर का क्रेडिट स्ट्रक्चर और निवेश माहौल दोनों मजबूत बने रहेंगे।
यह भी पढ़ें - E20 Petrol: अब सभी पेट्रोल ग्रेड में ई20 मिल रहा है, या क्या कोई ईंधन अब भी इथेनॉल मुक्त है?
यह भी पढ़ें - Bike Road Trip: सुहावना मौसम और खुली सड़कें बुला रही हैं! बाइक रोड ट्रिप के लिए गाड़ी की ऐसे करें तैयारी
क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि सरकार को अपने एसेट मॉनेटाइजेशन प्लान को सफल बनाने और निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए एक सहभागी और पारदर्शी नीति अपनानी होगी।
अगर ऐसा किया गया, तो टोल रोड सेक्टर का क्रेडिट स्ट्रक्चर और निवेश माहौल दोनों मजबूत बने रहेंगे।
यह भी पढ़ें - E20 Petrol: अब सभी पेट्रोल ग्रेड में ई20 मिल रहा है, या क्या कोई ईंधन अब भी इथेनॉल मुक्त है?
यह भी पढ़ें - Bike Road Trip: सुहावना मौसम और खुली सड़कें बुला रही हैं! बाइक रोड ट्रिप के लिए गाड़ी की ऐसे करें तैयारी