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MMRDA: मुंबई में आएगी पॉड टैक्सी, बीकेसी में ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक सवारी से बदल सकेगी लास्ट-माइल कनेक्टिविटी

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: जागृति Updated Tue, 30 Dec 2025 11:38 AM IST
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सार

Pod Taxi: एमएमआरडीए बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अब देश की पहली पॉड टैक्सी परियोजना शुरू होने वाली है। इसका उद्देश्य ट्रैफिक से जूझ रहे शहर में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी को तेज, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बनाना है। जानिए इसके बारे में विस्तार से...
 

Pod taxis coming to Mumbai driverless electric rides  BKC transform last-mile connectivity
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : freepik
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विस्तार
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भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अगले दौर में कदम रखने जा रही है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) शहर के प्रमुख बिजनेस हब बांद्रा–कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में देश की पहली पॉड टैक्सी परियोजना शुरू करने की तैयारी कर रहा है।  8 किमी लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर और 33 स्टेशनों वाली यह ड्राइवरलेस, इलेक्ट्रिक सेवा ट्रैफिक जाम कम करने, लास्ट-माइल कनेक्टिविटी सुधारने और प्रदूषण घटाने में कारगर साबित होगी।

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पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट क्या है?
इस परियाेजना के पहले चरण में आठ किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा। ये बांद्रा से कुर्ला तक फैलेगा। साथ ही इस रूट पर 33 स्टेशन होंगे, जो ऑफिस टावरों, लोकल ट्रेनों और मेट्रो लाइनों से जुड़ेगे। इससे यात्रियों को निर्बाध यात्रा का अनुभव मिल सकेगा। 
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कैसी होंगी ये टैक्सियां?

ये टैक्सियां पूरी तरह ड्राइवरलेस और इलेक्ट्रिक होंगी। करीब 3.5 मीटर लंबाई वाली इस टैक्सी में पांच से आठ यात्रियों को बैठाने की क्षमता होगी। जीपीएस, रडार, कैमरा और  सेंसर की मदद से सुरक्षित संचालन होगा और रियल टाइम में बाधाओं की पहचान और ऑटोमैटिक कंट्रोल हो सकेगा। 


ट्रैफिक से मिलेगी बड़ी राहत

बीकेसी में रोजाना लाखों लोग आते-जाते हैं। टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स 2024 के अनुसार, मुंबई देश के सबसे ज्यादा जाम वाले शहरों में शामिल है। यहां 10 किमी की दूरी तय करने में 20 मिनट से करीब एक घंटा लग जाता है। पॉड टैक्सी से इस समस्या में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। 

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इससे कितने लोगों को फायदा?

परियोजना से पहले साल में करीब 67 हजार आठ सौ यात्रियों को रोजाना फायदा होने की संभावना है। इससे न सिर्फ उनका समय बचेगा, बल्कि यात्रा आरामदायक भी होगी। ये टैक्सी पूरी तरह इलेक्ट्रिक होंगी, तो इससे मुंबई की खराब हवा में सुधार आएगा। परियोजना नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन और स्मार्ट सिटी मिशन के लक्ष्यों को भी समर्थन देगी।


इन स्थानों पर पहले से उपयोगी

अमेरिका (मॉर्गनटाउन), चीन (चेंगदू), ब्रिटेन (हीथ्रो एयरपोर्ट), यूएई (मसदार सिटी) और दक्षिण कोरिया (सनचियोन) जैसे स्थानों पर पहले ही पॉड टैक्सी सफलतापूर्वक चल रही है। ग्लोबल स्तर पर ये टैक्सी बाजार 2025 में 17.2 अरब डॉलर और 2035 तक 65.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

मुंबई का पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट न सिर्फ शहर की ट्रैफिक समस्या का समाधान पेश करेगा, बल्कि भारत में फ्यूचर-रेडी, स्मार्ट और ग्रीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। यह विकसित भारत के विजन के अनुरूप भविष्य की सवारी की झलक भी देता है।परियोजना फिलहाल प्रगति पर है और आने वाले वर्षों में इसके शुरू होने की उम्मीद है।

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